जब दिल्ली में रहा करती थी, तो कुछ साल पहले तक नोनी के साग की खोज जिउतिया (Jitiya vrat) यानी जीवितपुत्रिका व्रत (Jivitputrika vrat) शुरू होने के 1 सप्ताह पहले से शुरू हो जाती थी। हालांकि यह अब ज्यादातर शहरों में उपलब्ध हो चुका है। बिहार, झारखंड में जिउतिया व्रत ईश्वर से संतान की निरोगी काया, लंबी आयु और बुद्धि-विवेक की कामना के लिए की जाती है। 24 घंटे के उपवास के बाद घरों में नोनी के साग की रेसिपीज (noni saag recipes) के साथ इस व्रत का पारण किया जाता है। एक ऐसा साग (Noni saag) जो हर तरह की परिस्थिति में बिना किसी मेहनत का न सिर्फ उगाया जा सकता है, बल्कि बढ़ता भी खूब है।
जितिया व्रत (Jitiya 2023) में 1 दिन संपूर्ण उपवास के बाद दूसरे दिन पारण किया जाता है। बिना कुछ खाये-पीये या सिर्फ पानी या नारियल पानी का सेवन कर पूरे दिन उपवास रखा जाता है। इस अवसर पर मंडुआ की लिट्टी, गेहूं के आटे की दूध-पिट्ठी, देसी मटर करी, झिंगली-तोरी की सब्जी, अरबी की सब्जी, नोनी साग, पोई साग के पकौड़े, काशीफल की सब्जी, खीरे का रायता और न जाने कितने व्यंजन खाये और खिलाये जाते हैं।
संतान की लंबी आयु और स्वस्थ जीवन की कामना के लिए जितिया मनाया (jitiya kyon manaya jata hai) जाता है। इस साल (Jitiya 2023) जितिया पर्व दो दिन मनाया जा रहा है। कुछ महिलाएं शुक्रवार (6 October) को, तो कुछ महिलाएं 7 ओक्टूबर (2023 ka jivitputrika vrat kab hai) को उपवास रख रही हैं।
असल में दूसरे दिन इतना अधिक खा लिया जाता है कि महिलाएं बहुत सारी कैलोरी एड ऑन कर लेती हैं। हालांकि ऊपर बताये गये सभी व्यंजन सेहत के दृष्टिकोण से उत्कृष्ट होते हैं। यदि बहुत अधिक तेल-मसाले का प्रयोग न किया जाये, तो ये सभी भोजन न सिर्फ डायजेस्टिव सिस्टम को दुरुस्त करते हैं, बल्कि वेट लॉस में भी मददगार होते हैं। इनमें सबसे ज्यादा पौष्टिक और कम कैलोरी वाला होता है नोनी साग। चलिए आज नोनी साग के बारे में ही विस्तार से जानते हैं।
कई साल पहले तक नोनी साग सिर्फ बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और उड़ीसा में ही उपलब्ध था। लेकिन सरलता और सहजता से उगने वाला नोनी साग अब मेट्रो सिटीज में उत्तर भारत के ज्यादातर लोगों के किचन गार्डन में डेरा जमा चुका है।
जितिया के पारण के दिन बनने वाली सब्जियां बड़ी आसानी से उगाई जाती हैं। इसी वजह से जिउतिया के पारण के दिन व्रती नोनी साग बनाती और खाती हैं। ताकि उनकी संतान भी हर परिस्थिति में जीना सीख सकें। उनका इम्यून सिस्टम इतना मजबूत हो कि वह हर प्रकार की बीमारी से दूर रहे। नोनी के साग की तरह वह खूब पले-बढ़े।
सचमुच नोनी साग के बीज भी अब आसानी से ऑनलाइन (Noni saag seeds online) मिलने लगे हैं। आप इसे जब बाेएंगी, तोे कुछ दिनों बाद ही यह क्रीपर (Kaisa hota hai noni saag) अपने मुलायम तने को गमले के ऊपर चारों ओर लत्तर की तरह फैला जाएगा।
खर-पतवार भी इसका कुछ नहीं बिगाड़ पाते हैं। नोनी साग गर्मी के मौसम में आसानी से लग जाता है। इसे बहुत अधिक पानी और खाद देने की जरूरत नहीं पड़ती है। इसके बीज दूसरे पौधों के साथ भी आसानी से लग जाते हैं और वृद्धि कर लेते हैं। आपको यह साग सुपर मार्केट से भी मिल जाएगा। नोनी साग की रेसिपी खासकर नोनी साग दाल खूब खाई और पसंद की जाती है।
नोनी की पत्तियों में फ्लेवनॉयड्स, प्रोटीन, सेपोनिन और टेनिन कंपाउंड मौजूद होते हैं। इसमें विटामिन ए, विटामिन बी, विटामिन सी, विटामिन डी और विटामिन ई भी पाया जाता है। इसमें एंटी इन्फ्लेमेटरी, एंटी बैक्टीरियल, एंटी फंगल और एंटी ऑक्सीडेंट गुण पाये जाते हैं।
24 घंटे के उपवास के बाद जिउतिया व्रती मलबद्धता महसूस करने लगती हैं। उन्हें कब्ज की शिकायत हो जाती है। नोनी का साग आंतों की अच्छी तरह सफाई कर देता है। आयुर्वेद मानता है कि यह आंत की बीमारी को भी दूर कर देता है।
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कस्टमाइज़ करेंनोनी के साग में एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण होते हैं। इसलिये यह दर्दनाशक होता है। गठिया के कारण यदि दर्द और सूजन है, तो नोनी के साग का सेवन जरूर करना चाहिए।
नोनी के पत्तों में न सिर्फ प्रोटीन होता है, बल्कि स्कोपोलेटिन कंपाउंड भी होता है, जो ब्लड प्रेशर को कंट्रोल रखता है। यह इंसुलिन सेंसिटिविटी बढ़ाकर ब्लड शुगर को भी कंट्रोल करता है।
ग्रामीण इलाकों में आज भी नोनी के पत्तों को पीसकर जूस (Noni Juice) तैयार किया जाता है। जिन महिलाओं को यूरिन संबंधी कोई समस्या होती है, तो उन्हें इसका सेवन कराया (Noni saag ke fayde) जाता है।
प्रेगनेंसी के दौरान आयरन की पूर्ति के लिये नोनी के साग को खाने की सलाह दी जाती है। ग्रामीण इलाकों में बच्चे होने के बाद नई मां को नोनी के साग का सेवन कराया जाता है, ताकि स्तनों में दूध का उत्पादन बढ़ाया जा सके।
सामग्री: नोनी साग, चावल का आटा, बेसन, लहसुन अदरक का पेस्ट, बारीक कटी प्याज, हल्दी, आजवाइन, गर्म मसाला पाउडर, स्वादानुसार नमक।
इस तरह तैयार करें नोनी साग के पकौड़े (How to make noni saag recipes)
नोनी के साग को अच्छी तरह धो कर पानी सुखा लें।
इसमें सभी सामग्रियों को मिला लें। इस मिश्रण में 1 चम्मच बेसन डालने से पकौड़े और अधिक स्वादिष्ट बनेंगे।
पकौड़े बनाकर तल लें। एक्सट्रा ऑयल से बचने के लिए पैन पर भी इसे बना सकती हैं।
सामग्री : नोनी साग, 1 कप मूंग या मसूर की दाल, लहसुन अदरक का पेस्ट, बारीक कटी प्याज, हल्दी, स्वादानुसार नमक, 1 इंच दालचीनी, 2 लौंग, 2 छोटी इलायची।
ये रही नोनी साग दाल की रेसिपी
नोनी साग और दाल को अच्छी तरह धो लें।
कुकर में तेल गर्म कर सभी गर्म मसाले डाल दें। इसके बाद प्याज, टमाटर, लहसुन अदरक पेस्ट को भून लें।
अब इसमें नमक हल्दी डालें। भुन जाने के बाद नोनी साग और दाल डाल दें।
1 मिनट चलाने के बाद मात्रानुसार गर्म पानी डाल दें।
धीमी आंच पर 1 सीटी आने दें।
स्वादिष्ट और पौष्टिक नोनी साग दाल तैयार है।
नोनी साग को प्याज टमाटर के साथ भून लें।
स्वाद बढ़ाने के लिए 1 टेबल स्पून उबले काले चने एड कर सकती हैं।
बस तैयार है आपका नोनी साग फ्राई।
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