वजन घटाने के लिए जो डाइट (oats for weight loss) ली जाती है, उसमें ओट्स जरूर शामिल होता है। किसी न किसी रूप में उसे रोज खाया जाता है। अब सवाल उठता है कि ज्यादा मात्रा में इसे खाने पर क्या साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं? क्या यह ब्लड शुगर भी बढ़ा सकता है? इन सभी बातों के बारे में विशेषज्ञ से जानना जरूरी हो जाता है। जानें ओट्स का सेवन किस तरह किया (how to eat oats) जाये।
न्यूट्रिशनिस्ट शिखा द्विवेदी बताती हैं, ‘ओट्स एक साबुत अनाज वाला भोजन है। यह एवेना सैटिवा प्लांट यानी जौ से तैयार किया जाता है। ये ग्लूटेन-मुक्त साबुत अनाज (Gluten Free whole Grain) हैं। ओट्स जरूरी विटामिन, मिनरल, फाइबर और एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर होता है। जौ को पकाने में काफी समय लगता है। इस कारण लोग रोल्ड, क्रश्ड या स्टील-कट ओट्स लेना पसंद करते हैं। इंस्टेंट ओट्स प्रोसेस्ड फ़ूड हैं। ये हाई सोडियम और शुगर प्रोडक्ट हो सकते हैं। इसलिए सादा ओट्स लेना स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है। ओट्स को पानी या दूध में उबालकर खाना स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होता है।’
न्यूट्रिशनिस्ट शिखा के अनुसार, ओट्स पोषण का पावरहाउस है। यह फाइबर, प्रोटीन और हेल्दी फैट से भरपूर होता है। ओट्स में जरूरी विटामिन और मिनरल होते हैं। यह मैंगनीज, फास्फोरस, मैग्नीशियम, आयरन, जिंक, सेलेनियम और कई विटामिन बी से भरपूर होता है। विटामिन ई, फोलेट, कैरोटीनॉयड, कोलीन, सल्फर युक्त अमीनो एसिड, फाइटिक एसिड, लिग्निन, लिग्नेन और एल्काइल रेसोरिसिनोल जैसे माइक्रो न्यूट्रीएंट भी इसमें मौजूद होते हैं।
शिखा बताती हैं, ‘यदि आप वजन कम करने वाली डाइट में ओट्स को शामिल करना चाहती हैं, तो आप प्रतिदिन लगभग 250 ग्राम ओट्स सेवन कर सकती हैं। यदि एक बार में 40-50 ग्राम ओट्स खाती हैं, तो आप दिन भर में लगभग 5 पोर्शन खा सकती हैं।
नियमित रूप से ओट खाने से कोलेस्ट्रॉल लेवल नियन्त्रण सहित कई बीमारियों का खतरा कम हो सकता है। फाइबर और कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट होने के कारण यह पेट को लंबे समय तक भरा रखने में मदद करता है। इससे ओवरईटिंग कम हो जाती है। इससे बोवेल मूवमेंट में भी मदद मिलती है।’
किसी भी समय ओट्स खाने पर शरीर को कोई नुकसान नहीं होता है। इसका कोई खास समय नहीं होता। ओट्स का सेवन लंच, डिनर या ब्रेकफास्ट में भी किया जा सकता है। हालांकि इसका सेवन ज्यादातर लोग नाश्ते में ही करते हैं। दिन भर में दो बार भी इसे खाया जा सकता है।
ओट्स को हेल्दी फ़ूड माना जाता है। इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं है। यह कार्ब फूड है। इसलिए कुछ लोगों में इससे अपच, गैस जैसी पाचन संबंधी समस्या पैदा हो सकती है। यह दुष्प्रभाव (side effects of Oats) ओट की मात्रा पर भी निर्भर करता है। यदि किसी व्यक्ति को कार्ब से एलर्जी है, तो उसे ओट्स खाने से बचना चाहिए।
रोजाना ओट्स का सेवन करने से ब्लड शुगर को स्थिर करने में मदद मिल सकती है। इससे टाइप-2 डायबिटीज का खतरा कम हो सकता है। ओट्स में बीटा-ग्लूकेन्स ब्लड शुगर की वृद्धि को कम करने और ब्लड शुगर लेवल को स्थिर रखने में मदद कर सकते हैं।
ओट्स को दही या स्मूदी में मिलाकर खाया जा सकता है। पानी में उबले ओट्स को स्प्राउट्स के साथ मिलाकर स्नैक्स के रूप में भी खा सकती हैं। दूध और ड्राई फ्रूट्स के साथ पकाए गये ओट्स को रात के डिनर में खाया जा सकता है।
अपनी पसंदीदा टॉपिंग के साथ ओटस की कुकी भी खाई जा सकती है। ओट्स की इडली (Oats idli), ओट्स का परांठा (Oats Paratha), ओट्स डोसा (Oats dosa), ओट्स चीला (oats cheela) इस साबुत अनाज को खाने के कुछ स्वादिष्ट तरीके (oats recipes) हैं। इन सभी रेसिपीज के साथ अच्छी बात यह है कि इन्हें बहुत कम समय में और झटपट तैयार किया जा सकता है।
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