ड्राई फ्रूट्स में काजू सबसे अधिक स्वादिष्ट होता है। प्लांट बेस्ड प्रोटीन के लिए सबसे अधिक इसी पर भरोसा किया जाता है। काजू-बेस्ड दूध, दही और आइसक्रीम खूब चाव से खाया जाता है। पर काजू के सेवन से लोग डरते भी हैं। उन्हें लगता है कि काजू उनका वजन बढ़ा सकता है। जानकारी के अभाव में हम ऐसा सोचते हैं। इस नट्स में लाभकारी पोषक तत्वों की लंबी सूची है। हेल्दी रूप में इसे अपने नियमित भोजन में शामिल किया जा सकता है। इससे कई लाभ मिल (Kaju khane ke fayde) सकते हैं।
हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के अनुसार, काजू में प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है। प्रोटीन एक जरूरी मैक्रोन्यूट्रिएंट है। इसलिए हर दिन विभिन्न खाद्य स्रोतों से इसकी भरपूर मात्रा प्राप्त करना जरूरी है। लगभग 18 काजू में 5 ग्राम प्रोटीन हो सकता है। यह महिलाओं की प्रोटीन जरूरतों का लगभग 11 प्रतिशत और पुरुषों के लिए 9 प्रतिशत है। काजू में स्वस्थ असंतृप्त वसा (cashew healthy unsaturated fat) होती है। काजू में हेल्दी फैट मोनोअनसैचुरेटेड और पॉलीअनसेचुरेटेड दोनों रूप में रहता है। ओमेगा-3 और ओमेगा-6 फैटी एसिड दोनों ही पॉलीअनसेचुरेटेड फैट हैं, जो काजू को इसके बेहतरीन स्रोत बनाते हैं। काजू विटामिन के, थायमिन और विटामिन बी6 का भी स्रोत है। इसमें मैग्नीशियम, फास्फोरस, कॉपर, मैंगनीज, जिंक और आयरन भी मौजूद रहते हैं।
फ़ूड केमिस्ट्री जर्नल में प्रकाशित शोध के अनुसार, काजू में हेल्दी फैट मोनोअनसैचुरेटेड और पॉलीअनसेचुरेटेड दोनों रूप में रहता है। हाई शुगर और कम फाइबर वाले स्टार्च खाद्य पदार्थों के स्थान पर काजू का उपयोग किया जा सकता है। यह खराब एलडीएल कोलेस्ट्रॉल (LDL) को कम करता है। यह कोलेस्ट्रॉल हृदय रोग का कारण बन सकता है। हाई कोलेस्ट्रॉल और हाई ब्लड प्रेशर की समस्या होने पर सौल्टेड काजू (Salted cashew for heart health) नहीं खाएं।
फ़ूड केमिस्ट्री जर्नल में प्रकाशित शोध के अनुसार, ओमेगा-3 फैटी एसिड हेल्दी ब्रेन की संरचना और फंक्शन से सकारात्मक रूप से जुड़ा हुआ है। यह मस्तिष्क में ब्लड फ्लो को बढ़ाने में मदद करता है। यह ब्रेन फ्लूइड की डेंसिटी बढ़ाता है। यह न्यूरोडीजेनेरेटिव रोग की शुरुआत को कम करता है। कोगनिटिव कार्य को बढ़ाता है और सूजन को कम करता है। काजू अमीनो एसिड ट्रिप्टोफैन का स्रोत भी है, जो न्यूरोट्रांसमीटर सेरोटोनिन के स्तर को बनाने और बढ़ाने के लिए जरूरी है। यह मूड को स्थिर करने, खुशी की भावनाओं को बढ़ाने, साउंड स्लीप में मदद करता है।
न्यूट्रीएंट जर्नल के अनुसार, नियमित रूप से काजू खाने से फाइबर, पॉलीफेनोल्स जैसे एंटी-इंफ्लेमेटरी प्लांट कंपाउंड मिलते हैं, जो अच्छे आंत स्वास्थ्य में योगदान दे सकते हैं। यह स्वस्थ माइक्रोबायोम बनाता है।
काजू में गैलेक्टो-ओलिगोसेकेराइड्स कार्बोहाइड्रेट होते हैं, जो प्रीबायोटिक के रूप में काम करता है। यह गुड पैथोजेन को पोषण देता है। यह प्रतिरक्षा प्रणाली में सुधार कर सूजन को कम करता है।
जर्नल ऑफ़ न्यूट्रिशन के अनुसार, काजू के पोषक तत्व पेट भरा हुआ महसूस कराते (kaju khane ke fayde) हैं। काजू के हाई प्रोटीन, हेल्दी फैट या कार्ब्स अधिक तृप्ति देते हैं। यह ब्लड शुगर लेवल को स्थिर करने के साथ-साथ वजन प्रबंधन में भी मदद कर सकता है।
काजू में ऑक्सालेट की मात्रा अधिक होती है। बहुत अधिक ऑक्सालेट वाले खाद्य पदार्थ किडनी स्टोन के कारण बनते हैं। इसलिए काजू खाने पर नियन्त्रण होना चाहिए। दूध के साथ खाने से कैल्शियम ऑक्सालेट अवशोषण को कम करने में मदद (kaju khane ke fayde) कर सकता है।
वेट गेन से बचने के लिए प्रतिदिन 5 – 10 काजू से अधिक नहीं खाना चाहिए। वजन प्रबंधन के लिए प्रतिदिन 3-4 काजू का सेवन किया जा सकता है।
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