अदरक का स्वाद जहां खाने के ज़ायके को बढ़ा देता हैं। वहीं इसका पाउडर हमारी सेहत के लिए कई प्रकार से फायदेमंद साबित होता है। मम्मी की रसोई में हर दम मौजूद रहने वाला जिंजर पाउडर यानि की सोंठ का प्रयोग या तो चाय बनाने के लिए किया जाता था या फिर चटनी और अन्य व्यंजन बनाने के लिए। इसके अलावा खांसी जुकाम को दूर करने के लिए भी कभी शहद तो कभी गर्म पानी में मिलाकर दे दिया जाता है। ढ़ेरों आयुर्वेदिक गुणों से भरपूर सोंठ में कई पौष्टिक तत्व मौजूद है। जानते हैं, सोंठ के फायदे और कुछ नुकसान भी (benefits and side effects of dried ginger )।
एनसीबीआई की एक रिसर्च के मुताबिक इसमें पाया जाने वाला जिंजरोल तत्व एक बायोएक्टिव कंपाउड (Bioactive compound) है। इसकी मदद से शरीर में टाइप 2 डायबिटीज़ का जोखिम कम हो जाता है। इसके अलावा शरीर में कोलेस्ट्रॉल (cholesterol) के लेवल को भी नियंत्रित करता है। साथ मेटाबॉलिज्म को भी बेहतर बनाता है। इसके सेवन से शरीर में मौजूद फैट्स को कम करके अपनी वेटलॉस जर्नी को और भी आसान बनाया जा सकता है। अगर आप किसी बीमारी से ग्रस्त है, तो इसके सेवन से पहले डॉकटरी परामर्श बहुत ज़रूरी है।
इस बारे में आर एंड डी हेड, कपीवा, डॉ कृति सोनी का कहना है कि अदरक का पाउडर हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद है। इसे सोंठ (saunth) भी कहा जाता है। पीढ़ियों से एक आम घरेलू सामग्री के तौर पर प्रयोग होने वाले इस इंग्रीडिएंट को खांसी, सर्दी, गले में खराश और पाचन समस्याओं के लिए प्रयोग किया जाता है। दरअसल, अदरक में एंटीऑक्सिडेंट और हाइपोलिपिडेमिक तत्व पाए जाते हैं, जो ब्लड में वसा के स्तर को कम करता है।
एक्सपर्ट के मुताबिक अगर आप शहद के साथ अदरक पाउडर (saunth powder)) का सेवन रोज़ाना 3 ग्राम से कम करती है, तो ये आपकी सेहत को किसी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंचाता है। वे लोग जिन्हें पित्ताशय यानि गॉलब्लैडर की पथरी है या अल्सर की शिकायत है। उन लोगों को इसके सेवन से परहेज करना चाहिए। वहीं डायबिटीज़ के रोगियों को ये बेहद फायदा पहुंचाती है।
गले में होने वाली खराश को दूर करने के लिए सोंठ का सेवन लाभदायक रहता है। एंटीइंफ्लामेंटरी गुणों के चलते इसके सेवन से गले में दर्द और सूजन दूर हो जाती है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन के अनुसार इसके नियमित सेवन से थ्रोट इंफेक्शन से बचा जा सकता है। इसे आप चाय में उबालकर, शहद में मिलाकर और काढ़े के तौर पर पी सकते हैं।
एंटीऑसीडेंटस और एंटीइंफलामेंटरी गुणों से भरपूर सोंठ का सेवन करने से ब्रेन हेल्थ बूस्ट होने लगती है। इससे हमें ऑक्सीडेंटिव स्ट्रेस से मुक्ति मिल जाती है। जो हमारी याददाश्त को बनाए रखता है। साथ ही बार बार भूलने की समस्या भी दूर होने लगती है। इसका सेवन करने से बेन सेल्स को मज़बूती मिलने लगती है।
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के मुताबिक इसमें मौजूद जिंजरोल तत्व बॉडी वेट को मेंटेन रखने में मदद करता है। इसकी मदद से ग्लाइसेमिक इंडेक्स नियंत्रित रहता है। इसकी मदद से लिपिड प्रोफाइल को भी कन्ट्रोल किया जा सकता है।
सोंठ में जिंजरोल के अलावा पोटेशियम, जिंक, आयरन, विटामिन, कैल्शियम और बीटा कैरोटीन पाया जाता है। ढ़ेर सारे पोषक तत्वों से समृद्ध होने के चलते इसका सेवन आपके शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता को मज़बूत बनाता है। अगर आप मौसम में होने वाले बदलाव या वातावरण बदलने के चलते बीमार हो रही हैं, तो चुटकी भर सोंठ को अपनी डेली डाइट में ज़रूर शामिल करें।
दांतों में होने वाले दर्द और सूजन को कम करने के लिए सोंठ फायदा पहुंचाती है। इसमें मौजूद एंटीइंफ्लामेंटरी गुण मसूढ़ों की सूजन को कम करके ओरल हेल्थ का ख्याल रखता है। इसके सेवन के अलावा सोंठ में कुछ बूंद पानी मिलाकर दांतों पर लगाने से भी राहत मिलती है।
अगर आप ज्यादा मात्रा में रोज़ाना सोंठ का सेवन कर रहे हैं, तो ये आपके पाचनतंत्र को खराब कर सकता है। इसके चलते दस्त और पेट में ऐंठन की समस्या बढ़ने लगती है। तासीर में गर्म होने के चलते सीमित सेवन फायदा पहुंचाता है।
जलन की समस्या अगर आप हर चीज़ में सोंठ को बतौर इंग्रीडिएंट प्रयोग कर रही हैं, तो ये सीने में जलन भी पैदा कर सकता है। स्वाद में हल्का तीखापन होने के कारण इसे रोज़ाना लेने से बचें
पौष्टिकता से भरपूर सोंठ को डाइट में शामिल करने से पहले डॉक्टरी सलाह अवश्य लें। डॉक्टर के सुझाव के बाद तय की गई मात्रा के अनुसार ही इसका सेवन करें। इससे एसिडिटी का खतरा बना रहता है।
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