कुछ टाइम पहले तक जब चॉकलेट की कुछ गिनी-चुनी किस्में ही मिला करती थीं। मगर आज बाजार में तमाम प्रकार की चॉकलेट (Chocolate) मौजूद हैं। ‘डार्क चॉकलेट’ उन्हीं में से एक है। वैसे तो डार्क चॉकलेट (Dark Chocolate) सभी को पसंद आती है। लेकिन, जो लोग इसे नहीं खाते हैं, वो भी इसके गुणों को जानने के बाद इसे एक बार जरूर ट्राई करेंगे।
असल में डार्क चॉकलेट के बहुत से फायदे हैं। डॉर्क चॉकलेट किसी भी शारीरिक समस्या का इलाज नहीं है। यह केवल इन परेशानियों से बचाव करने व उनके लक्षणों को कम करने में कुछ हद तक सहायक साबित हो सकती है।
हाई ब्लड प्रेशर, प्लेटलेट का गठन, ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस और सूजन की समस्या कार्डियो मेटाबोलिक यानी हृदय संबंधी जोखिम कारक माने गए हैं। वहीं, संतुलित मात्रा में डार्क चॉकलेट का सेवन हृदय के लिए फायदेमंद हो सकता है।
एनसीबीआई (National Center for Biotechnology Information) की एक रिसर्च के मुताबिक, डार्क चॉकलेट में एपिप्टिन, कैटेचिन और प्रोसीएनिडिन्स जैसे फ्लेवनॉल (flavanol) मौजूद होते हैं। इनमें एंटीहाइपरटेन्सिव, एंटीप्लेटलेट, एंटीऑक्सीडेंट, और एंटी इंफ्लेमेटरी प्रभाव होते हैं।
ज्यादातर लोग इस समय किसी न किसी तनाव का सामना कर रहे हैं। लगातार रहने वाला तनाव डिप्रेशन का भी कारण बन सकता है। इस परेशानी में मूड में बदलाव, उदास रहना, गुस्सा आना और चिड़चिड़ापन जैसे लक्षण नज़र आते हैं। ऐसे में इस परेशानी से बचने या मूड को ठीक करने के लिए डार्क चॉकलेट लाभकारी हो सकती है।
असल में, एक स्टडी में यह बात सामने आयी है कि तीन दिन तक डार्क चॉकलेट के सेवन से कुछ लोगों में डिप्रेशन के लक्षणों में सुधार पाया गया है। वहीं NCBI की वेबसाइट पर प्रकाशित एक रिसर्च में भी डार्क चॉकलेट डिप्रेशन के लक्षणों पर प्रभावकारी पाई गई है।
बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल के नियंत्रण के लिए भी डॉर्क चॉकलेट के लाभ देखे जा सकते हैं। NCBI की वेबसाइट पर प्रकाशित दो अलग-अलग अध्ययनों से यह बात साफ़ होती है। एक रिसर्च देखने पर पता चलता है कि लो फैट डाइट के साथ प्लांट स्टेरोल्स (plant sterols) और कोको फ्लैवेनॉल्स (cocoa flavanols) युक्त डार्क चॉकलेट का प्रयोग करने से कोलेस्ट्रॉल में कमी हो सकती है। साथ ही इसके प्रयोग से हृदय स्वास्थ्य और ब्लड प्रेशर में भी सुधार देखा जा सकता है।
बदलते मौसम के साथ हल्की-फुल्की बीमारियां लगी रहती हैं। सर्दी-जुकाम भी उन्हीं बीमारियों में से एक है। ऐसे में सर्दी-जुकाम से बचाव के लिए डार्क चॉकलेट का सेवन किया जा सकता है। असल में, डार्क चॉकलेट में थियोब्रोमाइन (Theobromine) नामक एक रासायनिक पदार्थ होता है। यह पदार्थ श्वसन तंत्र संबंधी परेशानियों से निजात पाने में मदद कर सकता है। इन परेशानियों में सर्दी-जुकाम भी शामिल हैं।
हाई बीपी की समस्या में भी डार्क चॉकलेट के मददगार हो सकती है। NCBI की वेबसाइट पर प्रकाशित एक रिसर्च में यह बात सामने आयी है कि डार्क चॉकलेट में एंटीहाइपरटेन्सिव प्रभाव मौजूद होता है, जिसकी वजह से इसका सीमित मात्रा में सेवन करने से हाई बीपी में कमी हो सकती है।
डार्क चॉकलेट खाने के फायदे और नुकसान दोनों हैं, इसलिए फायदे जानने के बाद लोग इसका अधिक सेवन न करने लगें, इसलिए यहां हम डार्क चॉकलेट खाने के नुकसान की भी जानकारी दे रहे हैं। असल में, डार्क चॉकलेट में कैफीन की मात्रा अधिक होती है। जिस वजह से इसके अधिक सेवन से कुछ समस्याएं हो सकती हैं।
असहज महसूस होना
अनिद्रा
वजन बढ़ना
सिरदर्द या माइग्रेन
सिर चकराना
डिहाइड्रेशन
चिंता
हृदय की गति तेज होना
डार्क चॉकलेट खाने के नुकसान की बात करें, तो इसमें थियोब्रोमाइन (Theobromine) नामक तत्व होता है, जिसके अधिक सेवन से भी सिरदर्द और जी मिचलाने की समस्या हो सकती है।
इसके साथ ही डार्क चॉकलेट के अधिक सेवन से कील-मुंहासों की समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
चॉकलेट के ज्यादा सेवन से सीने में जलन की परेशानी भी हो सकती है।
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