वजन कम करने से लेकर कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने तक प्राकृतिक चीज़ें हमारी हर तरह से मदद करती है। इन्हीं प्राकृतिक चीज़ों में ‘ग्रीन टी’ का नाम भी आता है। वजन कम करने से लेकर कई स्वास्थ्य फायदे देने तक ग्रीन टी समग्र स्वास्थ्य के फायदे के लिए बहुत प्रभावशाली होती है। वहीं, ग्रीन टी के बाद इन दिनों ‘ग्रीन कॉफी’ का प्रचलन भी बहुत बढ़ गया है। आमतौर पर अधिक कॉफी पीने के कारण शरीर में कैफीन की मात्रा कई अधिक बढ़ जाती हैं, इसलिए स्वास्थ्य विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि अधिक मात्रा में कॉफी का सेवन नहीं करना चाहिए।
लेकिन ‘ग्रीन कॉफी’ के अधिक प्रचलित होते ही अब लोगों के बीच ‘ग्रीन टी और ग्रीन कॉफी’ में कौन बेहतर है, इसको लेकर बहस छिड़ गई है। अगर आपको भी इन दोनों प्राकृतिक स्वास्थ्यवर्धक चीज़ों को लेकर कुछ संशय है, तो इस आर्टिकल के जरिए आपकी समस्या हल हो सकती है।
आमतौर पर ग्रीन टी के बारे में तो लोगों को पता ही होता है, लेकिन ‘ग्रीन कॉफी’ सुनते ही व्यक्ति सोच में पड़ जाता है। दरअसल, ग्रीन कॉफी साधारण कॉफी के ही अधपके बीज होते हैं, जो आम कॉफी की पैदावार से पहले होते हैं। आमतौर पर, पूरी तरह से कॉफी के बीजों को पकने के बाद भून लिया जाता है। जिसके कारण उसका रंग ब्राउन हो जाता है। लेकिन ‘ग्रीन कॉफी’ के संदर्भ में ऐसा कुछ नहीं होता और उसका रंग हरा ही रहता है। कॉफी के इन बीजों में साधारण कॉफी के मुकाबले अनेक प्रकार के पोषण तत्व और गुण होते हैं।
ग्रीन कॉफी के बारें में कन्सल्टेंट फिजिशियन डॉ.परमजीत सिंह बताते हैं कि कॉफी का प्रमुख गुण क्लोरोजेनिक एसिड (chlorogenic acid) होता है, जो एक प्रकार का पॉलीफेनॉल होता है और यह शरीर के लिए बहुत शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट होता है। ग्रीन कॉफी को स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है, खासकर यह वजन प्रबंधन और डायबिटीज़ के प्रबंधन के लिए काफी फायदेमंद होता है।
ग्रीन टी और ग्रीन कॉफ़ी दोनों ही बेहद लोकप्रिय पेय पदार्थ और स्वास्थ्य पूरक हैं, जिसके नियमित सेवन से व्यक्ति का कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं से बचाव होता है। इसके फायदे बताते हुए डॉ.सिंह बताते है कि इनके इस्तेमाल से डायबिटीज़, मोटापे और ब्लड प्रेशर जैसी समस्याओं को दूर किया जा सकता है।
ग्रीन टी में इपिगलोकेटेकिन गैलेट (EGCG) जैसे कई प्रकार के पॉलीफेनोल्स और कैटेचिन्स होते हैं, जो महत्वपूर्ण एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं। ये आंतरिक रूप से सेल्स को ऑक्सीडेटिव डैमेज से बचाने में मदद करते हैं और फ्री रेडिकल्स के कारण होने वाले क्षति को भी कम करते हैं।
ग्रीन टी में मौजूद कैटेचिन्स वजन प्रबंधन में मदद करते हैं। साथ ही ये मेटाबोलिज्म को बढ़ावा देते हैं और शरीर में मौजूद फैट के ऑक्सीडेशन को बढ़ाने में मदद करते हैं। जिसके कारण से शरीर में पाचन को गति मिलती है और इसके कारण वजन प्रबंधन होता है।
ग्रीन टी के नियमित सेवन से हृदय से संबंधित बीमारियों के खतरे में कमी होती है। इसमें LDL को कम करने और HDL के साथ अच्छी गुणवत्ता की बढ़ोतरी होती है, जिसके कारण हार्ट हेल्थ भी अच्छी रहती है।
डायबिटीज के लिए ग्रीन टी फायदेमंद है, क्योंकि इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स, ब्लड शुगर के स्तर को संतुलित रखने में मदद करते हैं। साथ ही यह अच्छी तरह से शुगर अब्सॉर्प्शन को नियंत्रित करने में मदद करती हैं और ब्लड शुगर के उच्च स्तरों को कम करने में मदद करते हैं। इसके साथ ही ग्रीन टी के उपयोग से इंसुलिन के प्रभाव को सुधारा जा सकता है, जिससे डायबिटीज के प्रबंधन में मदद मिल सकती है।
ग्रीन कॉफी के सेवन से कई तरह के फायदे हो सकते हैं, जो व्यक्ति को समग्र रूप से स्वस्थ बनाएं रखने के लिए काफी फायदेमंद है।
वेट लॉस के लिए ग्रीन कॉफी में ग्रीन टी के मुकाबले धीरे कार्य करती है। डॉ. परमजीत सिंह बतातें हैं कि कई हफ़्तों तक नियमित ग्रीन कॉफी पीने के बाद ही आपको थोड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। लेकिन फिर भी ग्रीन कॉफी वेट लॉस में मदद करती है। दरअसल, इसमें क्लोरोजेनिक एसिड होता है, जो एंटीऑक्सीडेंट्स का एक स्रोत हो सकता है और शरीर की कोलेस्ट्रॉल स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है। इसके साथ ही ग्रीन कॉफी का सेवन ग्लाइसेमिक इंडेक्स को नियंत्रित करने में मदद करता है, जिससे आपका भोजन स्थिर रहता है और यह आपकी भूख को कम करता है। जिसके परिणामस्वरूप यह वेट लॉस में सहायक होता है।
ग्रीन कॉफी डायबिटीज को कंट्रोल करने में भी मदद करती है। दरअसल, ग्रीन कॉफी में पाए जाने वाले अंटीऑक्सीडेंट्स फ्री रेडिकल्स के हानिकारक प्रभावों को कम करने में मदद करते हैं, जिससे डायबिटीज़ से जुडी समस्याओं को दूर करने की संभावना कम हो जाती है। साथ ही ग्रीन कॉफी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट फैट को कम करने में मदद करता है, जिससे ब्लड शुगर का स्तर कम हो जाता है और डायबिटीज का प्रबंधन होने में मदद मिलती है।
ग्रीन कॉफी ब्लड प्रेशर को प्रभावित करने वाले कारकों को प्रभावित करने की क्षमता के कारण ब्लड प्रेशर के नियंत्रण में भी फायदेमंद हो सकती है। दरअसल, ग्रीन कॉफ़ी बीन्स क्लोरोजेनिक एसिड से भरपूर होते हैं, जो एंटीऑक्सीडेंट गुणों वाले प्राकृतिक कंपाउंड होते हैं। ये प्राकृतिक कंपाउंड ब्लड प्रेशर कम करने वाले प्रभावों से जुड़े होते हैं। क्लोरोजेनिक एसिड ब्लड वेसल्स को आराम देने और ब्लड फ्लो में सुधार करने में मदद करते है, जिससे ब्लड प्रेशर कंट्रोल रहता है।
ग्रीन टी और ग्रीन कॉफी दोनों ही प्राकृतिक पदार्थ हैं और सेहत के लिए फायदेमंद है। साथ ही यह अलग-अलग तरह के स्वास्थ्य फायदों के लिए भी जाने जाते है। दोनों ही पदार्थ आपके स्वास्थ्य को अंदर से बेहतर बनाते हैं और शरीर में मौजूद विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालते हैं। साथ ही दोनों ही पदार्थ मोटापे को कम करते है।
यह ध्यान रखना आवश्यक है कि यह दोनों ही प्राकृतिक पदार्थ सिर्फ तभी अपने परिणाम दिखाते हैं, जब इसके सेवन के साथ स्वस्थ जीवनशैली को बरकरार रखा जाता है। साथ ही चाहे ‘ग्रीन टी’ हो या ‘ग्रीन कॉफी’ दोनों के अत्यधिक सेवन के फायदे के बजाय नुकसान होना स्वाभाविक है, इसलिए सीमित मात्रा में ही इसका सेवन करें।
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