देसी घी भारत में बेहद प्रसिद्ध है और इसका इस्तेमाल तमाम प्रकार के व्यंजनों में स्वाद एवं सेहत जोड़ने के लिए किया जाता है। वहीं इसे पारंपरिक रूप से भी बेहद खास और शुभ माना जाता है। देसी घी में मौजूद पोषक तत्व इसकी गुणवत्ता को बढ़ा देते हैं और तमाम स्वास्थ्य समस्याओं के लिए इसे कारगर बनाते हैं। लोगों के मन में देसी घी को लेकर सालों से अवधारणा बनी हुई है कि घी का सेवन वेट गेन का कारण बनता है। आपको बताएं की देसी घी इस अवधारणा के विपरीत कार्य करते हुए वेट लॉस में आपकी मदद कर सकता है।
हालांकि, जिस प्रकार किसी भी चीज की अधिकता घातक है इसीलिए घी को सीमित मात्रा में डाइट में शामिल करने की आवश्यकता है। आयुर्वेद एक्सपर्ट डॉक्टर चैताली राठौर ने वेट लॉस के लिए घी के सेवन को बेहद कारगर बताया है। इसके अलावा उन्होंने इसे डाइट में शामिल करने के कुछ टिप्स भी दिए हैं। तो चलिए जानते हैं, यह वजन कम करने में किस तरह काम करती है (desi ghee for weight loss), साथ ही जानेंगे इसे डाइट में शामिल करने का तरीका।
चैताली राठौर के अनुसार घी में मौजूद एससीएफए आपके शरीर के पाचन को गति देता है और असंतुलित पाचन में सुधार करता है। साथ ही साथ किसी भी खाद्य पदार्थ को घी के साथ लेना उनमें मौजूद पोषक तत्वों के अवशोषण को बढ़ा देता है, जिससे कि शरीर को पर्याप्त पोषण मिल पाता है। यह दोनों फैक्टर वेट लॉस में बेहद मायने रखते हैं।
घी ओमेगा-6 और ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर होता है, जो वजन घटाने में आपकी मदद करते हैं। यह आपके शरीर पर जमें एक्स्ट्रा चर्बी को कम कर बॉडी को एक बेहतर आकर प्रदान करते हैं।
घी ऊर्जा पैदा करने के लिए फैट टिशू को बर्न करने के लिए बॉडी को प्रोत्साहित करता है। यह गतिविधि वेट लॉस को आसान और प्रभावी बना देती है। इसके अलावा यदि कोई व्यक्ति एक्सरसाइज और वर्कआउट करते हुए जल्दी थक जाता है, तो ऐसे में घी उसके शरीर में ऊर्जा स्तर को बनाए रखती है, जिससे कि वह अधिक मात्रा में कैलोरी बर्न करते हैं। इसके साथ ही घी में मौजूद अमीनो एसिड आपके शरीर में फैट सेल्स को सिकुड़ने के लिए प्रोत्साहित करती हैं।
चैताली राठौर के अनुसार थायराइड की स्थिति में असामान्य रूप से वजन बढ़ता है, कुछ लोगों को यह समस्या ओबेसिटी का शिकार बना देती है, जिससे कि वह जीवन भर मोटापे से ग्रसित रहते हैं। घी में विटामिन डी होता है और यह थायराइड असंतुलन को प्रबंधित करने में मदद करता है, जो वजन घटाने के लिए महत्वपूर्ण है।
घी में मौजूद अमीनो एसिड बॉडी फैट सेल्स के आकार को कम करने में मदद करती हैं। संतुलित फैट सेल्स बॉडी वेट को नियंत्रित रखते हैं और शरीर में असंतुलित रूप से चर्बी का निर्माण नहीं होने देते।
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कस्टमाइज़ करेंघी स्टोर्ड फैट सेल्स को ऊर्जा बादल कर इसे बर्न होने में मदद करता है। इस प्रकार देसी घी का सेवन वेट लॉस को बढ़ावा देता है और शरीर से एक्स्ट्रा फैट को कम करने में मदद करता है।
नोट : कई अध्ययनों से साबित हुआ है कि वजन घटाने के लिए स्वस्थ पाचन तंत्र महत्वपूर्ण है। वहीं हेल्दी फैट युक्त खाद्य पदार्थों के बजाय कार्बोहाइड्रेट से भरपूर कम फैट वाले भोजन के सेवन से वजन अधिक तेजी से बढ़ता है।
1. वेट लॉस को बढ़ावा देने के लिए नियमित रूप से रोज सुबह उठकर एक गिलास गुनगुने पानी में एक चम्मच घी मिलाकर पिएं।
2. हालांकि, किसी भी चीज की अधिकता उचित नहीं है, ठीक उसी प्रकार अधिक मात्रा में घी का सेवन करने से भी बचना चाहिए। सरसों तेल, रिफाइंड और अन्य ऑयल की जगह खाना पकाने के लिए घी का इस्तेमाल करना अधिक फायदेमंद साबित होगा। देसी घी का स्मोकिंग पॉइंट काफी अधिक होता है, तो आप इसे बेफिक्र होकर कुकिंग ऑयल की तरह इस्तेमाल कर सकती हैं।
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3. रोटी, खिचड़ी, दाल, चावल, पुलाव, चीला आदि पर घी डालकर खाने से इन खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता अधिक बढ़ जाती है। इस प्रकार खाद्य पदार्थों का सेवन करने से इनमें मौजूद पोषक तत्व सही तरह से शरीर में अवशोषित होते हैं।
4. अपनी सुबह की काफी और चाय में एक चम्मच घी मिलाएं और एन्जॉय करें। ऐसा करने से आप लंबे समय तक संतुष्टि महसूस करती हैं और आपको बार-बार भूख लगने की समस्या नहीं होती। जिससे कि आपका कैलोरी इनटेक भी सीमित रहता है।
1. प्रत्येक नाक में गाय के घी की 2 बूंदें डालने से ऊपरी श्वसन पथ की प्रतिरक्षा प्रणाली में सुधार होता है। वहीं धूल, धुएं और एरोसोल की एलर्जी से बचाव में मदद मिलती है। यह गले, नाक और छाती में होने वाले संक्रमण से भी बचाव करता है।
2. रोज सुबह खाली पेट 1-2 चम्मच गाय के घी का सेवन करें। यह धमनियों को मोटा होने से रोकेगा और रक्त परिसंचरण में सुधार करता है। साथ ही साथ बॉडी सेल्स में फ्री रेडिकल्स के संचय को भी कम करता है।
3. चावल और रोटी के साथ रोजाना 2-3 चम्मच गाय का घी खाने से पाचन प्रक्रिया बेहतर होती है। साथ ही भोजन से पोषक तत्वों का अवशोषण बेहतर होता है, आंतों में चिकनाई आती है जिससे की कब्ज की समस्या नहीं होती।
4. गर्म पानी के साथ एक चम्मच गाय के घी का सेवन करें। इससे वायुमार्ग में चिकनाई आती है। ब्रोन्किओल्स की ऐंठन कम होती है और सूखी खांसी भी ठीक हो जाती है।
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