बहुत से लोग ऐसे है, जिन्हें बार-बार भूख लगने की समस्या का सामना करना पड़ता है, जिससे वेटलॉस जर्नी सफल नहीं हो पाती है। बढ़ने वाली क्रेविंग की समस्या कैलोरी इनटेक का कारण बनने लगती है, जिससे शरीर में जमी चर्बी को बर्न करना मुश्किल हो जाता है। हांलाकि लोग वेटलॉस के लिए कई प्रकार की डाइट को फॉलो करते हैं। मगर पेट की भूख शांत न हो पाने के कारण उसका परिणाम शून्य रह जाता है। फास्ट वेटलॉस के लिए मां की रसोई में मौजूद कुछ सामान्य खाद्य पदार्थ आपकी मदद कर सकते हैं। भूख को शांत कर वेटलॉस करके लिए इन टिप्स को करें फॉलो।
इस बारे में मणिपाल हास्पिटल गाज़ियाबाद में हेड ऑफ न्यूट्रीशन और डाइटेटिक्स डॉ अदिति शर्मा बताती हैं कि हंगर सप्रेस्ड डाइट को फॉलो करने से हर थोड़ी देर में लगने वाली छोटी छोटी भूख की समस्या से राहत मिल जाती है। इसके लिए आहार में साबुत अनाज, लेग्यूम्स, स्प्राउट्स और छिलका समेत फलों का सेवन करें। इससे शरीर को फाइबर की प्राप्ति होती है। इसके अलावा प्रोटीन भी बॉडी बिल्डिंग पोषत तत्व है। इससे शरीर को पोषण की प्राप्ति होती है।
1. मेथी दाना
एंटीऑक्सीडेंटस से भरपूर मेथीदाने में सॉल्यूबल और इनसॉल्यूबल फाइबर की उच्च मात्रा पाई जाती है। इसके सेवन से लंबे वक्त तक पेट भरा हुआ महसूस होता है, जिससे शरीर में बढ़ने वाली चर्बी बर्न होने लगती है और वेटलॉस में मदद मिलती है। वेटलॉस के अलावा डायबिटीज़ के रोगियों के लिए भी मेथीदाना बेहद कारगर साबित होता है।
इसके लिए 1 छोटा चम्मच मेथी दाने को एक गिलास पानी में ओवरनाइट सोक करें। फिर सुबह उठकर पानी को पी लें और मेथी दाना चबा चबाकर खाएं। इससे बार बार भूख लगने की समस्या हल हो जाती है और वेटलॉस में मदद मिलती है।
अलसी में फाइबर और ओमेगा 3 फैटी एसिड जैसे नुट्रिशन पाए जाते हैं, जो शरीर के लिए कई प्रकार से फायदेमंद साबित होते हैं। इसके सेवन से भूख बढ़ने की समस्या भी कम होने लगती है, जिससे वेटलॉस में मदद मिलती है। इसे मौजूद पोषक तत्वों की मात्रा शरीर को डायबिटीज़, हृदय रोगों और कब्ज से दूर रखती है।
1 चम्मच अलसी के बीज़ को मध्यम आंच भून लें और उसका पाउडर बना लें और फिर उसे गुनगुने पानी के साथ खा लें। इसे नियमित तौर पर खाने से भूख लगने की समस्या को दूर किया जा सकता है। अलसी के बीजों को रोस्ट करके भी खाया जा सकता है। 1 चम्मच अलसी के बीज का नियमित सेवन से शरीर को पोषण की प्राप्ति होती है।
वेटगेन की समस्या को हल करने के लिए प्रोटीन बेहद फायदेमंद है। आहार में इसे सम्मिलित करने से एक्स्ट्रा चर्बी को कम करने में मदद मिलती है। शरीर के वज़न के आधार पर प्रोटीन की उचित मात्रा को तय किया जाता है। प्रोटीन कार्ब्स और फैट्स के अलावा स्वस्थ्य के लिए आवश्यक उन तीन मैक्रोन्यूट्रिएंट्स में से एक है, जो शरीर के आर्गन्स और टिशूज़ का ख्याल रखता है।
अपनी हर मील में प्रोटीन को अवश्य एड करें। टोफू, सोयाबीन, अंडे और फिश को आहार में सम्मिलित करने से भूख की समस्या हल हो जाती है। इसके अलावा पनीर और चिया सीड्स का सेवन भी शरीर में प्रोटीन की कमी को पूरा करने में मददगार साबित होता है।
वे लोग जो भूख लगने की समस्या से परेशान है, उन्हें अपने आहार में फाइबर की मात्रा को अवश्य सम्मिलित करना चाहिए।गट हेल्थ को बूस्ट करने वाला फाइबर कार्बोहाइड्रेट बेस्ड पोषक तत्व है, जो शरीर में पाचनतंत्र को बढ़ावा देता है और कब्ज की समस्या से राहत दिलाता है।
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कस्टमाइज़ करेंइसके लिए आहार में साबुत अनाज, हरी सब्जियां और फलों को शामिल करें। मील लेने से पहले एक प्लेट सलाद खाएं। इसमें लेट्यूस, खीरा, टमाटर और ककड़ी को शामिल कर सकते हैं। फाइबर से भरपूर सैलेड से पाचन में सुधार होता है और भूख लगने की समस्या दूर हो जाती है। दोपहर और रात के खाने से पहले इसका सेवन अवश्य करें।