क्या आप भी बार बार होने वाली थकान और मांसपेशियों की ऐंठन से परेशान है। क्या आप भी छोटी छोटी बातों पर चिंतित होने लगते हैं और पूरी नींद नहीं ले पाते हैं। तो इन सभी परेशानियों को दूर करने के लिए दवाओं के अलावा योग एक बेहतरीन विकल्प है। दिनभर बैठने से पीठ से लेकर हैमस्ट्रिंग तक स्टिफनेस महसूस होने लगती है। इसके अलावा मानसिक तनाव भी बढ़ता चला जाता है। जो कई स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं का कारण बनने लगता है। ऐसे में योगासनों में से एक पश्चिमोत्तानासन (Paschimottanasana) न केवल कमर में होने वाली ऐंठन को दूर करता है। बल्कि मेंटल हेल्थ को इंप्रूव करके मसल्स को मज़बूती प्रदान करता है। जानते हैं पश्चिमोत्तानासन के फायदे और इसे करने की विधि भी (Benefits of Paschimottanasana)।
पश्चिम और उत्तान दो शब्दों से मिलकर बना ये योगासन पीठ दर्द और बैली फैट बर्न करने का एक कारगर उपाय है। इसे करने से तनाव से मुक्ति मिलती है। जो आपके तन और मन दोनों को हेल्दी बनाए रखता है। इसका नियमित अभ्यास करने से मांसपेशियों में होने वाली ऐंठन को कम किया जा सकता है। इसके अलावा नींद न आने की समस्या भी हल हो जाती है। पैल्विक फ्लोर मसल्स को टोन करने के साथ साथ डायबिटीज़ के मरीजों के लिए भी इस योगासन का अभ्यास फायदेमंद है।
वे लोग जो दिनभर छोटी छोटी बातों को लेकर तनाव में रहते हैं। उन्हें इसका अभ्यास अवश्य करना चाहिए। इसे नियमित तौर पर करने से बार बार भूलने की समस्या हल होती है और आप किसी भी चीज़ पर आसानी से फोकस कर पाते हैं। जीवन में बढ़ने वाले तनाव और चिंताओं से मुक्ति के लिए इस योगासन का दिन में दो बार प्रयास अवश्य करें।
इस योग मुद्रा को रोज़ाना दोहराने से पेट पर जमा चर्बी बर्न होने लगती है। शुरूआत में लोग इस योग को करने के लिए पूरी तरह से आगे नहीं झुक पाते हैं। नियमित तौर पर इस योगासन का अभ्यास करने से शरीर में लचीलापन बढ़ता है। जो कैलोरी बर्न करने में मददगार साबित होता है।
पीरियड के दौरान पेट के निचले हिस्से में होने वाली ऐंठन दूर होने लगती है। साथ ही ब्लड फ्लो भी नियमित बना रहता है। इससे मासिक धर्म के दौरान होने वाली थकान और चिड़चिड़ेपन से राहत मिल जाती है। शरीर तरोताज़ा बना रहता है।
अगर आप नींद न आने की परेशानी से दो चार हो रही हैं तो पश्चिमोत्तानासन को सोने से दो घण्टे पहले करें। इसे करने से शरीर रिलैक्स महसूस करने लगता है। इससे शारीरिक थकान दूर होने लगती है और ब्लड फ्लो बढ़ने लगता है।
टांगों के पीछे की मांसपेशियों को हैमस्ट्रिंग कहा जाता हैं। इस योगासन को करने से मांसपेशियों में खिंचाव आता है जिससे हैमस्ट्रिंग में मौजूद स्टिफनेस दूर होने लगती है। इसके अलावा टांगों के मसल्स में होने वाले दर्द से भी मुक्ति मिल जाती है।
इसे करने के लिए मैट पर बैठ जाएं और पैरों को आगे की ओर फैला लें। घुटनों को एकदम सीधा करें और पैरों के मध्य दूरी न रखें।
अब अपने दोनों हाथों को घुटनों पर टिका लें। शरफिरीर को आगे की ओर झुकाएं और दोनों हथेलियों से पैरों को छूने का प्रयास करें।
योगाभ्यास के दौरान सांस पर ध्यान केंद्रित करें और अपने सिर को घुटनों पर रखें। इस दौरान टांगों की मांसपेशियों में खिंचाव महसूस होने लगेगा।
वजन बढ़ने से होने वाली समस्याओं से सतर्क रहने के लिए
बीएमआई चेक करेंअपनी दोनों कोहनियों को जमीन पर टिका लें। 25 से 30 सेकण्ड तक इसी मुद्रा में रहें। खाली पेट इस योग का अभ्यास कारगर साबित होता है।
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