इन दिनों बारिश का मौसम है। ऐसे में घर से बाहर निकलकर वॉक करना या वर्कआउट करना बेहद मुश्किल है। घर पर रहने और लगातार एक पोजिशन में बैठे रहने पर पेट और उसके चारों तरफ के एरिया पर फैट डिपोजिशन बढ़ने लगता है। यदि घर पर रहकर कुछ योगासन किए जाएं, तो बैली फैट (Yoga to reduce belly fat) को कंट्रोल किया जा सकता है।
नियमित योग अभ्यास से न सिर्फ शारीरिक, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। कुछ योगासन फैट को बर्न करने के अलावा, शरीर की फ्लेक्सिबिलिटी, मसल्स स्ट्रेंथ को बढ़ाने में भी मदद करते हैं। कौन से हैं वे आसन जो पेट और उसके आसपास जमी चर्बी को हटाने में मदद कर सकते हैं, ये बता रहीं हैं बेंगलुरु के जिंदल नेचरकेयर इंस्टीट्यूट की सीनियर योग टीचर दीपिका दीक्षित।
दीपिका दीक्षित बताती हैं, “उम्र, जेनेटिक्स के अलावा, खराब लाइफस्टाइल, गलत खानपान की आदतें, अनियमित एक्सरसाइज और स्ट्रेस भी बेली फैट को बढ़ाने में योगदान देते हैं। नीचे बताए गए योगासन बेली फैट कम करने, कैलोरी बर्न करने, मसल्स फ्लैक्सिबिलिटी बढ़ाने और मेटाबॉलिज्म को बढ़ावा देने में मदद करते हैं।’
शरीर की कुछ जगहों से फैट जल्दी खत्म नहीं हो पाता। इसलिए बेली फैट घटाने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि इसकी चिंता किए बिना इन आसनों को सही तरीके से किया जाए।
नौकासन यानी नाव की तरह किया जाने वाला आसन। इस योग मुद्रा में आपका शरीर नाव के आकार का हो जाना चाहिए। है। पेट की चर्बी कम करने के लिए यह सबसे अच्छे आसनों में से एक यह है। इसमें गर्दन से लेकर जांघों तक पूरा शरीर शामिल होता है। इसके अतिरिक्त, यह मुद्रा आपके पेट की मांसपेशियों को मजबूत करती है, रक्त परिसंचरण को बढ़ाती है और पाचन को बढ़ावा देती है।
स्टेप 1: अपने योग मैट पर सपाट लेटते हुए अपने पैरों को एक साथ और अपनी बाहों को अपनी तरफ रखें।
स्टेप 2: हाथ और उंगलियों को अपने पैर की उंगलियों तक फैलाए रखें।
स्टेप 3: गहरी सांस लेते हुए आसन शुरू करें। जैसे ही आप सांस छोड़ती हैं, अपनी बाहों को अपने पैरों की दिशा में फैलाते हुए अपनी छाती और पैरों को जमीन से ऊपर उठाएं। जैसे-जैसे आपके पेट की मांसपेशियां टाइट होंगी, आपका पेट टाइट होता हुआ महसूस होगा।
स्टेप 4: अपने शरीर का भार केवल अपने नितंबों पर रखें। सुनिश्चित करें कि आपकी उंगलियां, पैर की उंगलियां और आई बॉल सभी एक सीधी रेखा में हों। कुछ सेकंड के लिए सांस को रोककर रखें और इसी स्थिति में रहें।
स्टेप 5: अब धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए अपनी प्रारंभिक स्थिति में लौट आएं और आराम करें। इसे अधिक नहीं करना चाहिए। आप रोजाना तीन से चार बार इसे कर सकती हैं।
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भुजंगासन को कोबरा स्ट्रेच भी कहा जाता है। यह बेली फैट को घटाने में मदद करता है। यह बैक पोर्शन को मजबूत बनाता है। फ्लेक्सिबिलिटी और ब्लड फ्लो को बढ़ाता है।
स्टेप 1: पेट के बल जमीन पर सपाट लेट जाएं। अपने पैर की उंगलियों को जमीन पर रखते हुए अपने पैरों को पीछे की ओर फैलाएं। अपनी कोहनियों को अपनी भुजाओं के पास रखें और अपनी हथेलियों को अपने कंधों के नीचे फर्श पर फैलाएं।
स्टेप 2: अपने पैरों और जांघों के शीर्ष के साथ फर्श को मजबूती से दबाएं।
स्टेप 3: सांस लेते हुए अपने हाथों को जमीन पर रखें और अपनी छाती को जमीन से ऊपर उठाने के लिए अपनी बाहों को सीधा करना शुरू करें। अपने पेल्विक को पूरे समय फर्श के संपर्क में रखते हुए स्वयं को केवल अपनी नाभि जितना ऊंचा उठाएं। अपने नाभि केंद्र को नीचे की ओर धकेलें, जबकि जितना हो सके नितंबों को कस लें।
स्टेप 4: अपने कंधे के ब्लेड को मजबूती से इंगेज करें। ऐसा करके अपनी छाती को आगे बढ़ाएं। सुनिश्चित करें कि आपकी पूरी रीढ़ को समान मात्रा में बैकबेंडिंग प्राप्त हो रही है।
स्टेप 5: आराम से सांस लेते हुए 15 से 30 सेकंड तक इसी स्थिति में रहें। सांस छोड़ते हुए अपने आप को वापस जमीन पर ले आएं।
यदि कुंभकासन या प्लैंक पोज करें, तो बेली फैट को बहुत हद तक कंट्रोल किया जा सकता है। इसके नियमित अभ्यास से बैक की समस्या भी कम होती है। स्टमक मसल्स का विकास होता है व शरीर का संतुलन और लचीलापन बढ़ता है।
स्टेप 1: घुटने टेककर और अपने हाथों को अपनी जांघों पर रखकर यह आसन शुरू करें।
स्टेप 2: जैसे ही आप आगे की ओर झुकें, आपके हाथ आपके सामने फर्श पर होने चाहिए। अब आप अपने नितंबों को ऊपर उठाएं। बिल्ली की तरह घुटने जमीन पर रहने चाहिए।
स्टेप 3: अपने शरीर के वजन को अपनी दोनों हथेलियों और अपने फीट टिप्स के साथ संतुलित करें। अपने दोनों पैरों को पीछे की ओर स्लाइड करें और अपने घुटनों को फर्श से ऊपर उठाएं।
स्टेप 4: जैसे ही आप इस मुद्रा में आती हैं, सांस लें। सांस को रोककर रखें। अगर आपके लिए सांस रोककर रखना मुश्किल है, तो आप अंतिम स्थिति में भी हल्की और धीरे-धीरे सांस ले सकती हैं। इस मुद्रा में उतनी देर तक रहें, जितनी देर तक यह आपको सहज लगे। आप जितनी देर तक इस स्थिति में रहेंगी, आपको ताकत और स्टेमिना हासिल होगा।
स्टेप 5: अंतिम स्टेप में सिर, धड़, बैक और पैर सभी एक सीधी रेखा में होने चाहिए। पैर और हाथ सीधे रहने चाहिए। घुटने और कोहनी मुड़ी नहीं होनी चाहिए।
स्टेप 6: रिलैक्स करने के लिए घुटनों को मोड़ते हुए फर्श पर लाएं।
उष्ट्रासन में ऊंट जैसी मुद्रा में स्वयं को रखना होता है। यह मुश्किल आसन है। यदि बैक पेन या स्पाइन संबंधी कोई समस्या नहीं है, तभी इसका अभ्यास करें। यह बेली फैट को कम करने के साथ-साथ बैक मसल्स को मजबूत करता है। फ्लेक्सिबिलिटी बढ़ाता है।
कैसे करें उष्ट्रासन
स्टेप 1: अपनी पीठ को सीधा रखते हुए और अपने कूल्हों को अपने घुटनों के ऊपर रखें। यदि आपके घुटने संवेदनशील हैं, तो उनके नीचे पैडिंग रखें। एक कंबल या दो बार मोड़ कर रखी गई चटाई।
स्टेप 2: जब आप अपने हाथों को अपने शरीर की तरफ खींचते हैं तो आपकी हथेलियां आपके रिब केज के किनारों पर होनी चाहिए। अपनी कोहनी को बाहर की ओर करते हुए अपनी अन्य चार अंगुलियों को अपने रिब केज के किनारों पर चारों ओर लपेटें, जबकि अपने अंगूठे को अपनी रिब के बैक पर टिकाएं।
जैसे ही आप इस पकड़ को बनाए रखते हुए अपनी छाती को छत की ओर करना शुरू करती हैं, तो अपने हाथों का उपयोग रिब केज को ऊपर उठाने के लिए करें।
स्टेप 3: आप अपनी एड़ी को पकड़ने के लिए धीरे-धीरे प्रत्येक हाथ को पीछे की ओर बढ़ाएं। अगर आपको लगता है कि आपको थोड़ी और ऊंचाई की जरूरत है तो अपने पैर की उंगलियों को नीचे दबाएं।
स्टेप 4: आगे की ओर झुकते समय आपके कूल्हे आपके घुटनों के ऊपर रहने चाहिए।
यदि सहज महसूस हो, तो अपना गले को आगे की ओर ले जाते हुए सिर को वापस आने दें। आप अपनी चिन को टक करके रख सकती हैं यदि यह आपकी गर्दन को सूट नहीं करता है।
स्टेप 5: सांस छोड़ने के लिए अपने हाथों को अपने कूल्हों और अपनी चिन को अपनी छाती के पास लाएं। आप धीरे-धीरे अपने शरीर को एक सीधे घुटने की स्थिति में उठाएं, अपने पेट की मांसपेशियों को कस लें। अपनी पीठ के निचले हिस्से को सहारा देने के लिए अपने हाथों का उपयोग करें।
धनुष आकार में यदि योग मुद्रा की जाए, तो बेली फैट तेजी से घट सकता है। धनुरासन एक पीछे झुकने वाली मुद्रा है, जो पेट की मांसपेशियों पर ध्यान केंद्रित करती है और रीढ़ को मजबूती प्रदान करती है। यह चिंता और तनाव को भी कम करने में मदद करती है। चूंकि इसे करना आसान आसन नहीं है, इसलिए इसे सही ढंग से करने के लिए लगातार अभ्यास की आवश्यकता होती है।
स्टेप 1: पेट के बल लेट जाएं। आपके पैर अलग और कूल्हों की लाइन में होने चाहिए, जबकि हाथ दोनों ओर होना चाहिए।
स्टेप 2: अपने घुटनों को मोड़ें और अपने एंकल को पीछे की ओर अपने हाथों से पकड़ें।
स्टेप 3: गहरी सांस अंदर लें। अपनी छाती को फर्श से उठाएं और अपने पैरों को ऊपर और पीछे खींचें।
स्टेप 4: मुस्कुराएं और सीधे आगे की ओर देखती रहें।
स्टेप 5: अपनी सांसों को ध्यान में रखते हुए इसी स्थिति में रहें। आपका शरीर अब धनुष की तरह मुड़ा हुआ है।
स्टेप 6: इस स्थिति में आराम करते हुए गहरी और धीरे-धीरे सांस लें। केवल उतना ही झुकें जितना आपका शरीर अनुमति दे। इस स्थिति में अधिक देर तक न रहें।
स्टेप 7: जैसे ही आप सांस छोड़ती हैं, 15 से 20 सेकंड के बाद धीरे-धीरे अपनी छाती और पैरों को जमीन पर टिकाएं। आराम करें और एंकल को रिलीज कर दें।
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