ऑफिस और घर के काम से हमें तनाव होना लाजिमी है। इस तनाव के कारण रात में हमारी नींद भी बाधित हो जाती है। पर क्या आप जानती हैं कि यदि आप दिन भर में कुछ मिनट सही तरीके से सांस लें, तो न सिर्फ आपका तनाव दूर हो जाएगा, बल्कि आपको नींद भी अच्छी तरह आ पाएगी। इसके लिए आपको अपने सांस लेने के तरीके पर गौर करना होगा। अनुलाेम-विलोम प्राणायाम इसमें आपकी मदद कर सकता है। पर तभी जब आप इसे सही तरीके से करें। आइए यहां जानते हैं अनुलोम-विलोम प्राणायाम के लाभ (Anulom-vilom benefits) और इसे करने का सही तरीका (How to do anulom vilom)।
हम सभी जानते हैं कि हमारे शरीर की कोशिकाओं को अपना काम करने के लिए ऑक्सीजन की जरूरत पड़ती है। ये ऑक्सीजन हम सांस के जरिए शरीर के भीतर पहुंचाते हैं। यह ऑक्सीजन शरीर में प्रतिक्रिया करने के बाद कार्बन डाइऑक्साइड में बदल जाता है। सांस के माध्यम से ही इस कार्बन डाइऑक्साइड को हम शरीर से बाहर निकाल देते हैं।
यदि कार्बन डाऑक्साइड की थोड़ी भी मात्रा शरीर में रह जाए, तो इससे हमारे सेल्स प्रभावित होने लगते हैं और हमें कई समस्याएं भी होने लगती हैं। इसलिए इनका शरीर से बाहर निकलना जरूरी है। अनुलोम विलोम प्राणायाम के जरिए हम शरीर की एक्स्ट्रा कार्बन डाइऑक्साइड को बाहर निकाल सकते हैं।
यह प्राणायाम तनाव से कैसे राहत दिलाता है और इसे करने की सही प्रक्रिया क्या है, इसके लिए हमने बात की जिंदल नेचरक्योर इंस्टीट्यूट के मुख्य योग अधिकारी डीआर राजीव राजेश से।
अनुलोम-विलोम प्राणायाम मानसिक और शारीरिक लाभ के लिए जाना जाता है। यह नाड़ी शोधक प्राणायाम भी कहलाता है। इसे बच्चे, युवा और बुजुर्ग हर कोई कर सकता है। हमारे शरीर में 72 हजार नाड़ियां मौजूद हैं। इस प्राणायाम को रोज करने से सभी नाड़ियां स्वस्थ व निरोग रहती हैं।
डीआर राजीव राजेश के अनुसार, अनुलोम विलोम मेंटल हेल्थ को बूस्ट करता है। यह मानसिक शांति प्रदान करता है और तनाव को दूर रखता है।
यदि वर्क प्रेशर के कारण चिड़चिड़ापन या घबराहट होती है, तो रोज सुबह 15 मिनट और ऑफिस से आने के बाद 15 मिनट अनुलोम-विलोम प्राणायाम करें। इससे सारी परेशानियां दूर हो जाएंगी।
2 बढ़ती है एकाग्रता
यदि बॉस के निर्देशों को समझने में आपको दिक्कत हो रही है, तो इसे आजमाने से एकाग्रता बढ़ जाती है। इससे माइंड का लेफ्ट एंड राइट हिस्सा संतुलित हो जाता है।
यदि रात में सोते समय करवट बदल रही हैं, तो लेटे हुए या बेड पर बैठकर कुछ मिनटों तक इस प्राणायाम को करने से दिमाग को ऑक्सीजन मिल जाती है और नींद भी आती है। मस्तिष्क में रक्त संचार अच्छे तरीके से हो पाता है। पूरे शरीर में भी ऑक्सीजन का प्रवाह बेहतर होता है।
रोज अभ्यास करने से डिप्रेशन और शरीर की कमजोरी को दूर भगाकर इम्युनिटी बढ़ाने में मदद मिलती है। शरीर को ऊर्जा मिलती है और माइंड रिलैक्स हो जाता है। इससे स्ट्रेस भी दूर हो जाता है।
आंखें बंद कर पद्मासन में बैठ जाएं।
दाहिने नथुने को बंद करने के लिए दाहिने अंगूठे का प्रयोग करें। बाएं नथुने से धीरे-धीरे श्वास लें।
अपने फेफड़ों को भरने के लिए अधिक से अधिक हवा लें। अपने दाहिने नथुने से अंगूठे को हटा दें और सांस छोड़ें।
सांस छोड़ते हुए मध्यमा उंगली का उपयोग करके अपने बाएं नथुने को बंद करें और अपने दाहिने नथुने से श्वास लें।
बायें नथुने से अंगूठे को हटा दें और सांस छोड़ें।
यह अभ्यास 10-15 मिनट तक कर सकते हैं।
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