क्या मोबाइल फोन ब्रेन ट्यूमर का कारण बन सकता है? इस क्विज में हिस्सा लेकर जांचें ब्रेन ट्यूमर से जुड़े मिथ्स और फैक्ट

Updated on:7 June 2023, 20:56pm IST

वास्तव में मस्तिष्क या उसके आसपास असामान्य रूप से ग्रो होने वाले सेल्स को ब्रेन ट्यूमर कहते हैं। ट्यूमर ब्रेन और ब्रेन टिश्यू के आसपास भी हो सकता है।

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मेमोरी बूस्टिंग सुपरफूड्स के रूप में काम करते हैं। चित्र : एडॉबीस्टॉक

हिंदी फिल्मों, धारावाहिकों और सोशल मीडिया पर मौजूद अधकचरा ज्ञान ने ब्रेन ट्यूमर को सर्दी-जुकाम जैसी कॉमन बीमारी बना दिया है। जबकि यह जितनी गंभीर समस्या है, उतनी ही असाधारण भी। वास्तव में मस्तिष्क या उसके आसपास असामान्य रूप से ग्रो होने वाले सेल्स को ब्रेन ट्यूमर कहते हैं। ट्यूमर ब्रेन और ब्रेन टिश्यू के आसपास भी हो सकता है।

इसके लिए कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं। इसमें सिर दर्द, उल्टी, आंखों से जुड़ी समस्याएं और यादाश्त की कमी ट्यूमर में नजर आने वाले सबसे आम लक्षण हैं। शुरूआती चरण में इसका इलाज मुमकिन है, परन्तु समय बीतने के बाद इसे ट्रीट करना काफी मुश्किल हो जाता है और यह एक समय के बाद जानलेवा बन जाता है।

वर्ल्ड ब्रेन ट्यूमर डे का उद्देश्य ही है ब्रेन ट्यूमर के बारे में प्रचलित मिथ्स से बचाकर लोगों को सही जानकारी देना और उपचार के प्रति जागरुक करना। शोधों से प्राप्त जानकारी और विशेषज्ञों की मदद से हमने हेल्थ शॉट्स पर तैयार की है ब्रेन ट्यूमर से संबंधित एक क्विज। इसमें हिस्सा लेकर आप भी ब्रेन ट्यूमर से जुडे़ मिथ्स को दूर कर सकते हैं (brain tumor myth and facts)। तो चलिए इस क्विज़ के माध्यम से जानते हैं ब्रेन ट्यूमर से जुड़े कुछ जरुरी मिथ की सच्चाई।

01

क्या ब्रेन ट्यूमर हमेशा कैंसर का रूप ले लेता है?

02

क्या हर ब्रेन ट्यूमर जानलेवा होता है?

03

क्या मोबाईल फोन के इस्तेमाल से ब्रेन ट्यूमर होता है?

04

क्या ब्रेन ट्यूमर हमेशा सिर दर्द के लक्षण के साथ आता है?

05

क्या ब्रेन ट्यूमर के ऑपरेशन के बाद हमेशा न्यूरोलॉजिकल समस्याएं होती हैं?

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