त्वचा को धूल-मिट्टी से बचाने और उसे दिनभर हाइड्रेट रखने के लिए स्किन पर कई तरह के ब्यूटी प्रोडक्ट्स का प्रयोग किया जाता है। इसमें कोई दो राय नहीं कि फेसवॉश करने के बाद मॉइश्चराइज़र को अप्लाई करना आवश्यक है। मगर इसके लिए किसी भी प्रकार के मॉइश्चराइज़र को अपने ब्यूटी रूटीन में शामिल करने से पहले अपनी स्किन टाइप का ध्यान रखना आवश्यक है। जानते हैं मॉइश्चराइज़र स्किन को किस प्राकर से फायदा पहुंचाता है और इसे चुनते वक्त किन बातों का ख्याल रखना चाहिए।
इस बारे में बातचीत करते हुए एमडी डर्माटोलॉजी, डॉ कशिश कालरा का कहना है कि क्लींजर के बाद चेहरे को मॉइश्चराइजिंग की आवश्यकता होती है। ऐसे में लोगों को अपने बाथरूम में ही मॉइश्चराइजिंग लोशन को रखने की सलाह दी जाती है। दरअसल, फेस वॉश करने के बाद सुपरफीशियल स्किन लेयर्स में मौजूद नेचुरल मॉइश्चराइजिंग फेक्टर स्किन से बाहर निकल जाते हैं। ऐस में वॉटर बेस्ट, जेल बेस्ट, क्रीम बेस्ड या लोशन की फॉर्म में मॉइश्चराइज़र का इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
डिहाइड्रेशन से बचने के लिए चेहरे को धोने के बाद अवश्य मॉइश्चराइज़ करें। इससे स्किन लेयर्स के नरिशमेंट में मदद मिलती है और स्किन में मॉइश्चर लॉक हो जाता है। इससे त्वचा का रूखापन कम हो जाता है और त्वचा का लचीलापन बना रहता है।
मॉइश्चराइज़र में मौजूद रेटिनॉल और पेपटाइड्स स्किन सेल्स को रिपेयर करके कोलेजन के प्रोडक्टस को बढ़ाता है। इससे त्वचा में इलास्टीसिटी बरकरार रहती है और त्वचा का टैक्सचर इंप्रूव होने लगता है। चेहरे की त्वचा को हेल्दी और ग्लोई बनाने के लिए इसे नियमित मात्रा में इस्तेमाल करना आवश्यक है।
यूटी मेडिकल सेंटर के अनुसार मॉइश्चराइज़़र का इस्तेमाल करने से त्वचा में बढ़ने वाली झुर्रियों की समस्या से राहत मिलती है। स्किन को यूथफुल बनाए रखने के लिए मॉइश्चराइज़र लगाएं। इससे त्वचा पर समय से पहले दिखने वाली झुर्रियों और फाइन लांइस की समस्या हल हो जाती है।
स्किन को मॉइश्चराइज़ न करने से त्वचा की सतह पर दाग धब्बों और एक्ने की समस्या का खतरा बना रहता है। नियमित रूप से त्वचा को मॉइश्चराइज़ रखने से त्वचा पर बढ़ने वाले ऑयल सिक्रीशन को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। इसके अलावा त्वचा में कोलेजन की मात्रा नियमित बनी रहती है।
क्लींजिंग के बाद मॉइश्चराइजिंग बेहद महत्वपूर्ण स्टेप है। अगर आपकी त्वचा ऑयली हैं, तो उसके लिए वॉट बेस्ड और जेल बेस्ड मॉइश्चराइज़र का प्रयोग करना चाहिए। एक्सपर्ट के अनुसार अधिकतर लोगों का मानना है कि त्वचा में ऑयल सिक्रीशन होने से मॉइश्चराइज़र की आवश्यकता नहीं रहती है। मगर वास्तव में ऑयली स्किन वाले लोगों को भी मॉइश्चराइज़र की आवश्यकता होती हैं।
जिनकी त्वचा नॉर्मल टू ड्राई केटेगरी में आती है, उन्हें अपनी त्वचा को मॉइश्चराइज़ रखने के लिए लोशन और क्रीम की मदद लेनी चाहिए। एक्सपर्ट के अनुसार सिरमाइडस, ग्लिसरीन और पेट्रोलियम जेली स्किन को हाइडेट रखती है। इससे त्वचा का रूखापन कम होने लगता है और फ्लेकी स्किन की समस्या से राहत मिल जाती है। फेसवॉश के बाद मॉइश्चराइज़र को अवश्य अप्लाई करें।
अधिकतर लोगों की स्किन सेंसिटिव होती है। ऐसे में वे चेहरे पर कुछ भी लगाने से हिचकिचाहट का अनुभव करते हैं। एलर्जिक त्वचा वाले लोगों की स्किन के लिए हाइपोएलर्निक लोशन का इस्तेमाल कारगर साबित होता है। इन्हें लोशन और क्रीम बेस्ड मॉइश्चराइज़र को इस्तेमाल करना चाहिए। चेहरा धोने के बाद मॉइश्चराइज़र अवश्य अप्लाई करें। इस बात का ध्यान रखें कि ये खूशबू रहित होना चाहिए। दरअसल, फ्रेगरेंस के लिए इस्तेमाल किए गए तत्व स्किन इरिटेंटस का कारण साबित होते हैं।
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