डायटरी पैटर्न हमारे स्वास्थ्य पर प्रभाव डालते हैं। इन दिनों हाई ब्लड प्रेशर काम करने के लिए डैश (DASH) डाइट और हृदय स्वास्थ्य में सुधार करने के लिए मेडिटेरिनयन डाइट लेने की सलाह दी जाती है। इन दिनों इंटरमिटेंट फास्टिंग को एक अन्य प्रकार का लोकप्रिय डायटरी पैटर्न माना जा रहा है। इसमें उपवास के दौरान समय पर ध्यान दिया जाता है। इंटरमिटेंट फास्टिंग को हृदय संबंधी स्वास्थ्य के लिए बढ़िया माना गया है। कई अध्ययन बताते हैं कि यह आहार वेट लॉस, हाई ब्लड प्रेशर, डिस्लिपिडेमिया और डायबिटीज में सुधार के साथ-साथ हृदय रोग के जोखिम को भी कम कर सकता है। पर क्या हार्ट पेशेंट के लिए अच्छी नहीं है इंटरमिटेंट फास्टिंग (Intermittent fasting for heart health)?
इंटरमिटेंट फास्टिंग का मतलब है कि आप हर दिन या सप्ताह में कुछ समय के लिए कुछ नहीं खाती हैं। इंटरमिटेंट फास्टिंग के कुछ लोकप्रिय तरीकों में से एक है वैकल्पिक-दिन उपवास (Alternate-day fasting)। इसका मतलब है कि एक दिन सामान्य आहार लिया जाता है और अगले दिन या तो पूरी तरह से फ़ास्ट रखें या एक स्मॉल मील लें।
यह मील 500 कैलोरी से कम होना चाहिए। व्यक्ति की जीवनशैली पर यह तय होता है कि वह कब खाना बंद कर सकता है। इसके अनुसार, इंटरमिटेंट फास्टिंग के लिए सबसे अच्छे घंटों में 16/8 या 14/10 फास्टिंग पीरियड हो सकते हैं। इसे वजन घटाने के साथ-साथ बीमारी की रोकथाम और रिवर्स एजिंग के नए मंत्र के रूप में भी माना जा रहा है।
गर्मी में इस फास्टिंग के अलग प्रभाव हो सकते हैं। न केवल गर्मी, बल्कि लंबे लाइट फेज भी हमारे पूरे बायोसिस्टम पर प्रभाव डालते हैं। इस प्रकार यह हमारे खाने के व्यवहार पर भी प्रभाव डाल सकता है। हम सभी जानते हैं कि जब तापमान अधिक होता है, तो आमतौर पर पॉवरफुल डाइट के लिए हमारी भूख कम हो जाती है।
72 घंटे से अधिक समय तक उपवास करना खतरनाक हो सकता है। शरीर को वसा को जलाने की बजाय संग्रहीत करने के लिए प्रोत्साहित कर सकता है। दूसरी तरफ गर्मी में डीहाइड्रेशन का खतरा बना रहता है। कोशिश करें कि खुद को हाइड्रेट करने की कोशिश करती रहें। डॉक्टर या आहार विशेषज्ञ की देखरेख के बिना इस उपवास को करना सुरक्षित नहीं है।
यह फास्टिंग कई तरह से शरीर पर प्रभाव डाल सकता है। इसमें ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करना, सर्कैडियन रिद्म का अनुकूल होना और कीटोजेनेसिस भी शामिल है। रात भर लंबे समय तक कुछ न खाने से ब्लडप्रेशर, ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रॉल के स्तर में सुधार हो सकता है।
इन कारकों को नियंत्रण में रखने से हार्ट और ब्लड सर्कुलेशन संबंधी बीमारियों का जोखिम कम हो सकता है। कुछ मामलों में फास्टिंग एथेरोस्क्लेरोसिस को रोकने में भी मदद करता है। जो लोग तीन से पंद्रह साल तक इंटरमिटेंट फास्टिंग करते रहे, उनमें ट्राइग्लिसराइड्स, ट्राइग्लिसराइड्स और एचडीएल का अनुपात, ब्लड प्रेशर, इंसुलिन रेसिस्टेंस और हाई सेंसिटिविटी वाले सी-रिएक्टिव प्रोटीन जैसे एथेरोस्क्लेरोसिस के मार्कर का लेवल कम पाया गया।
ब्रिटिश हार्ट फॉउंडेशन के अनुसार, जिन लोगों को पहले से हार्ट और ब्लड सर्कुलेशन संबंधी बीमारियां थीं, उनमें हार्ट और ब्लड सर्कुलेशन संबंधी बीमारियों से मरने की संभावना तब अधिक थी, जब उन्होंने अपने खाने के समय को 8 – 10 घंटे तक सीमित कर दिया। इससे उनका जोखिम 66 प्रतिशत बढ़ गया।
इसमें पाया गया कि जो लोग प्रतिदिन 8 घंटे से कम समय में अपना सारा खाना खा लेते हैं, उनमें हृदय रोग के कारण मृत्यु का जोखिम 91% अधिक होता है। पहले से ही हृदय रोगों से पीड़ित लोगों में इस तरह से उपवास करने से हृदय रोग और स्ट्रोक के कारण मृत्यु का जोखिम 66% बढ़ जाता है।
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