सर्दियों के आते ही खांसी-जुकाम की समस्याएं भी शुरु होने लगती है। कई बार समस्या साधारण होती हैं जो कुछ समय में ही ठीक हो जाती है, लेकिन जब यह समस्या कुछ दिनों से सप्ताह में बदल जाए, तो यह साइनस का कारण भी हो सकता है। साइनस एक प्रकार का संक्रमण है, जिसे मेडिकल भाषा में साइनसाइटिस (Sinusitis) भी कहा जाता है। इस समस्या में व्यक्ति के नाक के आसपास के हिस्से में सूजन आनी शुरु हो जाती है। जिसके कारण उसे लंबे समय तक जुकाम और नाक से जुड़ी अन्य समस्याएं भी होने लगती हैं।
साइनस संक्रमण हमारे लिए कितना घातक हो सकता है, यह जानने के लिए हमने बात की मैक्स अस्पताल (गुरुग्राम) की ईएनटी (ENT) विशेषज्ञ डॉ दिवि रस्तोगी से।
साइनस संक्रमण नाक से जुड़ी समस्या होती है, इसमें व्यक्ति को साइनस के म्यूकस में सूजन होने लगती है। जिससे साइनस के खुलने में रुकावट पैदा हो जाती है। आठ सप्ताह से ज्यादा समय तक चलने वाले साइनस संक्रमण को क्रोनिक माना जाता है।
असल में साइनस से एक पतला बलगम पैदा होता है, जो नाक के माध्यम से बाहर आता है। यह डिस्चार्ज नाक को कीटाणुओं से बचाने में मदद करता है। अगर किसी व्यक्ति की साइनस स्वस्थ है, तो उससे हवा आर-पार होती है। डॉ दिवि रस्तोगी के मुताबिक अगर साइनस चिपक जाती हैं, तो इसमें बैक्टीरिया बढ़ने लगते हैं, जो कुछ समय बाद बड़ी बीमारी का रूप ले लेते हैं।
शरुआत में इसके लक्षण साधारण होते हैं, लेकिन जब समस्या ज्यादा बढ़ने लगती है, तो व्यक्ति को सिरदर्द रहने के साथ नाक में रुकावट होने लगती है।
साइनस संक्रमण के अन्य लक्षणों पर बात करते हुए दिवि बताती हैं कि साइनस की समस्या में व्यक्ति को नाक से जुड़ी समस्याएं होने लगती हैं। इसमें मरीज को सूंघने में परेशानी हो सकती है। साथ ही लगातार छींक आना या नाक से बदबू आने जैसी समस्याएं भी देखने को मिलती हैं।
साइनस में व्यक्ति को गले से जुड़ी समस्या जैसे कि पुरानी खांसी, बार-बार गले में जलन होना या नाक से पानी आना जैसी परेशानियां भी हो सकती है।
यह भी पढ़े – कच्चा दूध पीना सेहत के लिए अच्छा है बुरा? एक्सपर्ट दे रहीं हैं दूध और पाचन से जुड़े सवालों का जवाब
ईएनटी (ENT) विशेषज्ञ डॉ दिवि रस्तोगी के अनुसार साइनस संक्रमण हमेशा संक्रामक नहीं होते हैं। साइनस में सूजन आने के कारण ही यह समस्या बढ़ने लगती है।
डॉ दिवि रस्तोगी के मुताबिक अगर किसी व्यक्ति को साइनस है, तो उसके पीछे ये 3 कारण जिम्मेदार हो सकते हैं –
अपनी रुचि के विषय चुनें और फ़ीड कस्टमाइज़ करें
कस्टमाइज़ करेंपहला – अगर आपको बार-बार सर्दी-खांसी और जुखाम की समस्या होती रहती हैं, तो इसके पीछे बैक्टीरियल इंफेक्शन कारण होता है, जो साइनस का कारण भी बन सकता है।
दूसरा – अगर व्यक्ति किसी खास प्रकार की एलर्जी या धूल-प्रदूषण से होने वाली एलर्जी से ग्रस्त है, तो उसे साइनस होने का खतरा हो सकता है।
तीसरा – साइनस की समस्या के कारणों में फंगल इंफेक्शन भी शामिल हैं। ऐसे में व्यक्ति की इम्युनिटी कमजोर होने के साथ उस मधुमेह भी होता है।
डॉ दिवि रस्तोगी के अनुसार अगर शुरुआत में लक्षण हल्के है, तो इसका इलाज दवाई से किया जा सकता है। लेकिन अगर इलाज को नजरअंदाज किया जाए या उसमें ज्यादा देरी की जाए, तो साइनस में रुकावट पैदा हो जाती है। इस स्थिति में जिम्मेदार कारण जैसे कि फंगल या बैक्टीरियल तत्वों को साफ करने की आवश्यकता होती है।
एक्सपर्ट ने सलाह देते हुए कहा कि साइनस जैसी समस्या को हल्के में नहीं लेना चाहिए। अगर आपको साइनस से जुड़ें कोई भी लक्षण नजर आते हैं, तो आपको जल्द से जल्द किसी ईएनटी (ENT) डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए, अन्यथा ध्यान न देने पर यह समस्या तेजी से बढ़ने लगती है।
यह भी पढ़े – क्या मोबाइल और गैजेट्स बना रहे हैं बच्चों को हाइपरएक्टिव, तो जानिए उन्हें कैसे कंट्रोल करना है