भारत देश को पांच हजार साल पहले योग की प्राप्ति हो चुकी थी। लेकिन भारतीय ही अब इससे दूर होते जा रहे हैं। दौड़ भाग की जिंदगी में लोग अपने शरीर को फिट रखना भूलते जा रहे हैं। इसका नकारात्मक प्रभाव हमारे शरीर पर पड़ रहा है। हमें अपने शरीर को स्वस्थ्य रखने के लिए व्यायाम का सहारा जरूर लेना चाहिए। एक्सपर्ट बताते हैं कि योग करने से 30 दिन के अंतराल में बेहतर महसूस होने लगेगा। साथ ही चौंकाने वाले शरीर के फायदे भी दिखने लगेगें। इसके बेहतर प्रभाव को महसूस करने के लिए 30 दिन का नियमित अभ्यास करना होगा।
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जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ संजय काला बताते हैं कि 50 साल की कम उम्र के लोगों में 50 फीसदी दिल की बीमारी और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ा है। वहीं 40 साल की उम्र में 40 प्रतिशत लोग इस समस्या का शिकार हुए हैं। इससे बचाव के लिए साइकलिंग करना, एरोबिक्स, योग, सीढ़ी चढ़ना, तैराकी करना, तेज चलना, जॉगिंग करना, आदि को करने से दिल कि बिमारी को कंट्रोल में रखा जा सकता है।
इंडियन हार्ट एसोसिएशन के अनुसार युवओं में दिल की समस्या के मरीज अधिक बढ़े हैं। महिलाओं की तुलना में पुरूषों को यह समस्या अधिक हो रही है। इसके पीछे डायबिटीज, मोटापा, ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल और तनाव जैसे लक्षण इसके पीछे का प्रमुख कारण है। 50 साल के लोगों में 50 प्रतिशत खतरा और 40 साल के लोगों में 40 प्रतिशत तक का खतरा बढ़ा है। आईएचए के मुताबिक वर्ष 2045 तक भारत में 13 करोड़ से अधिक लोग इस बीमारी का शिकार हो चुके होंगे।
सीएसजेएमयू की योगाचार्य कंचन गुप्ता कहती है दिल से जुड़ी समस्यों के लिए चक्रासन, धनुरासन, भुजंगासन प्रभावी हैं। इन आसानों को हर रोज सुबह करने से दिल की बीमारी के साथ अन्य बीमारियों में भी आराम मिलता है। तीनों आसनों को सुबह आधा से एक घंटा करना सेहत के लिए अच्छा रहेगा।
ऐसे करें चक्रासन
पीठ के बल लेट जाएं
घुटनों को मोड़ लें, अब एड़ी को क्षमता के अनुसार नितंब के पास लाएं
अब आपको हाथों को उठाना होगा, और कानों के किनारे रखना होगा
इसके बाद हाथ और पैर के बल शरीर को ऊपर उठाएं
शरीर के वजन को बराबर से हाथ और पैरों में बांटें।
यह आसन हार्ट डिजीज और हार्ट अटैक से राहत दिलाने में प्रभावी है। इसे करने से डिप्रेशन के लक्षण में आराम मिलता है। मोटापा कम करता है, मांसपेशियों और हड्डियों को फ्लैक्सिबल बनाता है। हर रोज इसे तीन मिनट के अंतराल में एक एक मिनट के लिए करना चाहिए।
ऐसे करें धनुरासन
सबसे पहले पेट के बल लेट जाएं, पैरों को सटाकर पीछे की तरफ मोड़े
अब पैरों के पंजों को हाथ से पकड़ें
इसके बाद सांस भीतर की ओर खीचें, चेस्ट को उठाएं, जांघों को भी जमीन से ऊपर उठाएं
सामने देखें, चेहरे पर मुस्कुराहट के साथ।
इस आसन को दिल की बीमारी में राहत पाने के लिए किया जाता है। इसके साथ इसे छाती, लंग्स, कंधा, रीढ़ की हड्डी, तनाव, साइटिका, प्रजनन प्रणाली आदि में सुधार करता है। शुरूआती दिनों में इसे पांच मिनट के अंतराल में तीन बार 30 सेकेंड करने की सलाह दी जाती है। अभ्यास के बाद एक मिनट तक समय किया जा सकता है।
सबसे हपले पेट के बल लेट जाएं।
अब आप आपने दोनों हाथों को कंधे के बराबर लें आएं। हथेलियों को फर्श की तरफ करें
शरीर का पूरा वजन अपनी हथेलियों पर डालें, और सांस भीतर खींचें। सिर को उठाकर पीठ की तरफ खीचें।
आपकी मुद्रा फन उठाए सांप जैसी होनी चाहिए। बेहतर वर्जन के लिए गर्दन को दाएं और बाएं मोड़ कर अपने शरीर को देखें।
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