Pain Management : पेन मैनेजमेंट के लिए दवाओं से बेहतर हैं ये 4 ट्रेडिशनल तरीके

दर्द कभी न कभी किसी न किसी रूप में हमारी जिंदगी में आता रहता है। कभी शारिरिक कारणों से, तो कभी मानसिक कारण इसके लिए जिम्मेदार होते हैं। यह आपकी प्रोडक्टिविटी और रिश्तों को प्रभावित न करें, इसके लिए जरूरी है सही पेन मैनेजमेंट।
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पेन मैनेजमेंट के लिए सही उपचार, थैरेपी और जीवनशैली संबंधी तरीकों को अपनाया जा सकता है। चित्र- अडोबी स्टॉक
संध्या सिंह Updated: 18 Oct 2023, 10:19 am IST
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पेन किलर से बेहतर है पेन मैनेजमेंट (Pain Management)। यह वास्तव में एक ऐसी रिलैक्सिंग विधि है, जिसका उद्देश्य असुविधा का अनुभव करने वाले व्यक्तियों में दर्द को कम करना या नियंत्रित करना है। दर्द कई अलग-अलग कारणों से हो सकता है, जैसे चोटों, सर्जरी, चिकित्सीय स्थितियों या पुरानी समस्याओं के कारण। प्रभावी पेन मैनेजमेंट न केवल व्यक्ति के आराम और जीवन की गुणवत्ता में सुधार करता है, बल्कि उपचार प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने में भी सहायता करता है। पेन मैनेजमेंट के लिए सही उपचार, थैरेपी और जीवनशैली संबंधी तरीकों को अपनाया जा सकता है।

समझिए क्या है दर्द

दर्द के कई प्रकार होते हैं, लेकिन 2 प्रकार के पेन के बारे में जानना सबसे ज्यादा जरूरी है। जो किसी भी व्यक्ति की सेहत, मूड, प्रोडक्टिविटी और रिलेशनशिप को प्रभावित कर सकते हैं।

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क्रोनिक पेन शब्द उस स्थिति में इस्तेमाल किया जाता है, जब दर्द बहुत लंबे समय से चला आ रहा हो। चित्र- अडोबी स्टॉक

एक्यूट पेन (acute pain) – एक्यूट पेन अल्पकालिक होता है और आमतौर पर चोट, सर्जरी या चिकित्सीय स्थिति के कारण होता है। यह एक चेतावनी संकेत के रूप में कार्य करता है। दर्द का कारण ठीक होने पर एक्यूट पेन आमतौर पर कम हो जाता है। उदाहरण के रूप में गलत तरीके से सामान उठाने पर कमर में दर्द, खराब जूते पहनने पर टखने में दर्द, ऑपरेशन के बाद दर्द या मामूली जलन।

क्रोनिक पेन (chronic pain)– क्रोनिक पेन शब्द उस स्थिति में इस्तेमाल किया जाता है, जब दर्द बहुत लंबे समय से चला आ रहा हो। अर्थात उपचार के प्रयासों के बाद भी यह बना हुआ है। यह किसी अंदरूनी चिकित्सीय स्थिति या चोट के परिणामस्वरूप हो सकता है। इसके अलावा यह स्वयं भी एक स्थिति हो सकती है। फाइब्रोमायल्जिया, गठिया और न्यूरोपैथी जैसी स्थितियां अक्सर पुराने दर्द का कारण बनती हैं।

पेन किलर लेने की बजाए पेन मैनेजमेंट के लिए आप इन तरीकों का इस्तेमाल कर सकते हैं

1 फिजिकल थेरेपी और व्यायाम

अमेरिकन सोसायटी ऑफ एनेस्थेसियोलॉजिस्ट के अनुसार फिजिकल थेरेपी में ताकत, लचीलेपन और गतिशीलता में सुधार को ध्यान में रखने वाले व्यायाम और स्ट्रेच शामिल हैं। जो मस्कुलोस्केलेटल समस्याओं के कारण होने वाले दर्द को कम करने में मदद कर सकते हैं।

तैराकी, पैदल चलना और हल्का योग जैसे कम प्रभाव वाले व्यायाम पूरे शरीर की फिटनेस के लिए अच्छे हैं और गठिया जैसी स्थितियों में दर्द को कम कर सकते हैं।

2 हॉट एंड कोल्ड कंप्रेस

कोई भी हॉट थेरेपी देने से (उदाहरण के लिए, गर्म पानी की बोतलें, गर्म पानी से नहाना) मांसपेशियों को आराम देने और रक्त प्रवाह में सुधार करने में मदद कर सकता है। इससे मांसपेशियों में तनाव या छोटी चोटों से जुड़े दर्द से राहत मिल सकती है।

कोल्ड पैक या बर्फ सूजन को कम कर सकता है और क्षेत्र को सुन्न कर सकता है, जिससे सूजन या गंभीर चोटों के कारण होने वाले दर्द से राहत मिलती है। बर्फ को किसी कपड़े में लपेटकर ही किसी भी प्रभावित स्थान पर लगाएं।

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एक्यूपंक्चर भी एक तरह से दर्द से राहत पाने का ही तरीका है। चित्र:शटरस्टॉक

3 एक्यूपंक्चर

एक्यूपंक्चर भी एक तरह से दर्द से राहत पाने का ही तरीका है। इसे चीन में पारंपरिक रूप से दर्द से राहत पाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इसमें शरीर में ऊर्जा को बढ़ाने के लिए शरीर के विशिष्ट बिंदुओं में पतली सुइयों को घुसाया जाता है। इसी वजह से शरीर में एंडोर्फिन रिलीज़ होते हैं, जो फील गूड हॉर्मोन है। इससे कई प्रकार के पुराने दर्द से राहत पाने में मदद मिलती है।

4 मसाज थेरेपी

भारत में दर्द से राहत पाने के लिए मालिश करना बहुत पुराना और कारगर तरीका है। बहुत समय से लोग दर्द से राहत पाने के लिए मालिश का सहारा लेते आए हैं। मालिश मांसपेशियों को आराम देने, ब्लड सर्कुलेशन में सुधार करने और तनाव को कम करने में मदद कर सकती है, जिससे दर्द से राहत मिल सकती है।

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दर्द के हिसाब से अलग-अलग तरीके की मालिश की जाती है। जैसे मांसपेशियों में दर्द के लिए गहरी ऊतक मसाज और तनाव से संबंधित दर्द के लिए हल्की रिलैक्स करने वाली मसाज। कुछ अध्ययन है जो बताते हैं कि मालिश दर्द को प्रबंधित करने में मदद कर सकती है, लेकिन इसे लंबे समय तक दर्द से राहत पाने के लिए सही नही कहा जा सकता है।

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लेखक के बारे में

दिल्ली यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट संध्या सिंह महिलाओं की सेहत, फिटनेस, ब्यूटी और जीवनशैली मुद्दों की अध्येता हैं। विभिन्न विशेषज्ञों और शोध संस्थानों से संपर्क कर वे  शोधपूर्ण-तथ्यात्मक सामग्री पाठकों के लिए मुहैया करवा रहीं हैं। संध्या बॉडी पॉजिटिविटी और महिला अधिकारों की समर्थक हैं। ...और पढ़ें

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