अगर आपको बार-बार चक्कर आना या अचानक धुंधला दिखने लगता है तो इसके पीछे एक मुख्य वजह ब्लड प्रेशर लो होना हो सकता है। यह एक चिकित्सीय स्थिति है ,जिसमें सामान्य ब्लड प्रेशर कम हो जाता है। इस अवस्था को हाइपोटेंशन भी कहा जाता है। वयस्कों में सामान्य ब्लड प्रेशर 120/80 mmHg से 90/60 mmHg के बीच रहता है, लेकिन हाइपोटेंशन की स्थिति में रक्तचाप 90/60 mmHg से कम हो जाता है। ब्लड प्रेशर लो होने पर हृदय रोग जैसी घातक बीमारी भी हो सकती है।
ऐसा अचानक होने वाली खून की कमी, शॉक लगने से, गंभीर संक्रमण, दिल का दौरा या गंभीर एलर्जिक रिएक्शन (एनाफिलेक्सिस) की वजह से हो सकता है।
जब अचानक शरीर की पोजीशन में बदलाव होता है, तब ऐसा हो सकता है। आसान शब्दों में कहा जाए, तो यदि कोई बैठे या लेटे रहने के बाद अचानक से खड़ा होता है, तब ऑर्थोस्टैटिक हाइपोटेंशन हो सकता है। इस प्रकार का लो ब्लड प्रेशर आमतौर पर केवल कुछ सेकंड या मिनट तक रहता है।
यदि भोजन करने के ठीक बाद रक्तचाप में गिरावट होती है, तो उसे पोस्टप्रांडियल ऑर्थोस्टेटिक हाइपोटेंशन कहते हैं। यह ऑर्थोस्टेटिक हाइपोटेंशन का ही एक प्रकार है।
बुजुर्ग, वयस्कों और विशेष रूप से पार्किंसंस रोग से ग्रस्त लोगों को यह होने का जोखिम ज्यादा रहता है।
न्यूरली मेडिएटेड हाइपोटेंशन तब हो सकता है, जब कोई व्यक्ति लंबे वक़्त से खड़ा रहता है। ऐसा आमतौर पर बच्चों और वयस्कों को हो सकता है। भावनात्मक रूप से परेशान करने वाली घटनाएं भी ब्लड प्रेशर में इस गिरावट की वजह बन सकती हैं।
लो बीपी की परेशानी के पीछे कई वजह हो सकती हैं, जिनमें से मुख्य इस प्रकार हैं।
तनाव, भय, असुरक्षा या दर्द (बेहोशी की सबसे सामान्य वजह)
निर्जलीकरण (Dehydration)
जरूरत से अधिक रक्तदान
आंतरिक रक्तस्राव (Internal bleeding)
नर्वस सिस्टम डिसऑर्डर, पार्किंसंस रोग
गहरी चोट जिससे रक्त का बहाव अधिक हो गया हो।
गर्भावस्था
उच्च रक्तचाप के लिए दवाएं
हृदय रोग
एलर्जी
संक्रमण
कॉफी ब्लड प्रेशर बढ़ाने का तरीका हो सकता है। पोस्टपेंडियल ऑर्थोस्टेटिक हाइपोटेंशन यानी खाने के ठीक बाद होने वाली लो ब्लड प्रेशर की परेशानी के लिए कॉफी फायदेमंद हो सकती है। NCBI की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध में यह बात सामने आई है। असल में, कॉफी को कैफीन का समृद्ध स्रोत माना गया है, जो लो ब्लड प्रेशर में उपयोगी हो सकता है। इसके साथ ही कॉफी ऑर्थोस्टैटिक हाइपोटेंशन यानी अचानक पोजीशन बदलने की वजह से होने वाले लो ब्लड प्रेशर के लिए भी असरदार घरेलू उपाय हो सकती है। ध्यान रहे कॉफी का जरूरत से अधिक सेवन करना डिहाइड्रेशन की वजह बन सकता है। इसलिए, डॉक्टर की सलाह पर ही इसकी मात्रा तय करें।
तुलसी का प्रयोग कई वर्षों से न सिर्फ पूजा-पाठ में बल्कि औषधि के रूप में भी किया जाता रहा है। अगर बात करें लो ब्लड प्रेशर की, तो तुलसी का प्रयोग लाभदायक हो सकता है। इसकी पुष्टि 18 से 30 वर्ष की महिलाओं पर किए गए शोध से हुई है।
तुलसी के रस का प्रयोग हाइपोटेंशन में फायदेमंद हो सकता है। हैरानी की बात यह है कि तुलसी निम्न के साथ-साथ हाई ब्लड प्रेशर को संतुलित करने में भी सहायक हो सकती है। देखा जाए तो तुलसी मुख्य रूप से रक्तचाप को संतुलित रखने का कार्य करती है।
लो ब्लड प्रेशर के उपाय में आप रोजमेरी तेल को शामिल कर सकते हैं। असल में, NCBI की वेबसाइट पर प्रकाशित 32 लोगों पर की गई एक स्टडी में रोजमेरी तेल को हाइपोटेंशन के लिए लाभकारी पाया गया है। रोजमेरी तेल अपने एंटीहाइपोटेंसिव गुण से लो ब्लड प्रेशर को ठीक कर सकता है। ब्लड प्रेशर लो होने के लक्षण और नुकसान से बचने के लिए इस तेल का प्रयोग किया जा सकता है। रोजमेरी तेल से एरोमा थेरेपी भी ली जा सकती है।
सामान्यता एक स्वस्थ व्यक्ति में लो ब्लड प्रेशर के उपचार की जरूरत नहीं होती है। ब्लड प्रेशर लो होना सामान्य है और लो ब्लड प्रेशर के लक्षण कुछ घरेलू उपाय से ही ठीक हो सकते हैं। हां, लेकिन किसी को लो ब्लड प्रेशर की गंभीर समस्या है, तो उसे उपचार की जरूरत हो सकती है।
ब्लड प्रेशर लो होने पर इलाज के लिए डॉक्टर शरीर में रक्त चढ़ाने की सलाह दे सकते हैं।
लो ब्लड प्रेशर का उपचार के तौर पर ब्लड प्रेशर बढ़ाने और हृदय की शक्ति में सुधार करने के लिए ब्लड प्रेशर की दवा दे सकते हैं।
ब्लड प्रेशर लो का इलाज के लिए अन्य दवाएं, जैसे कि एंटीबायोटिक्स दे सकते हैं।
यदि किसी खास प्रकार की दवाइयों के कारण ब्लड प्रेशर लो हो, तो ब्लड प्रेशर लो का इलाज होने के दौरान दवाइयों की डोज में बदलाव किया जा सकता है।
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