सर्दी की मौसम में चलने वाली ठंडी हवाएं यानी कोल्ड वेव (Cold wave) किसी के लिए भी हानिकारक साबित हो सकती हैं। इस लिए दिसंबर के अंत और जनवरी की शुरुआत में सबसे ज्यादा इनसे बचने की सलाह दी जाती है। आप ऑफिस जाते हैं, मॉर्निंग वॉकर हैं या आउटडोर एक्सरसाइज करते हैं, इस समय आपको दोहरी एहतियात बरतने की जरूरत होती है। यहां एक हेल्थ एक्सपर्ट से जानते हैं कोल्ड वेव (Cold wave health hazards) से हाेने वाले स्वास्थ्य जोखिम और इससे बचने (how to protect from cold wave) के उपाय।
कोल्ड वेव और शीत लहर, जिसे कभी-कभी कोल्ड स्नैप या डीप फ़्रीज़ के रूप में जाना जाता है, यह सर्दी के मौसम में होती है, जब हवा का ठंडी होती है। यह किसी क्षेत्र के औसत तापमान से काफी नीचे गिरने के कारण होता है। शीत लहर लोगों के स्वास्थ्य के साथ कई चीजों को प्रभावित करती है।
आर्टिमिस अस्पताल गुरूग्राम में सीनियर फीज़िशियन डॉ पी वेंकट कृष्णन के अनुसार कोल्ड वेव उस कंडीशन को कहते हैं जब तापमान तेज़ी से गिरने लगता है और बर्फीली हवाओं से त्वचा में सुन्नपन बढ़ने लगता है। इससे रक्त धमनियां संकुचित होने लगती हैं। जिससे ब्लड सर्कुलेशन पर उसका प्रभाव पड़ता है, जो हृदय संबधी समस्याओं के खतरे को बढ़ा देता है।
इससे सांस लेने में तकलीफ भी हो सकती है। इसके अलावा त्वचा का रंग भी बदलने लगता है। इसके लिए खुद को गर्म रखने के लिए गर्म कपड़े पहनना और गर्म तासीर वाले भोजन को आहार में शामिल करना जरूरी है।
लंबे समय तक कोल्ड वेव के संपर्क में यदि आप रहते हैं, तो इससे आपके शरीर के तापमान में गिरावट हो सकती है, जिससे हाइपोथर्मिया हो सकता है। इसमें आपको कंपकंपी, ठीक से न बोल पाना और सोचने-समझने में परेशानी होना महसूस हो सकता है। अगर इसके लक्षण गंभीर होते हैं, तो यह और भी खतरनाक हो सकता है।
यदि आप बहुत ज्यादा कोल्ड वेव के संपर्क में आते है तो इससे आपका इम्यून सिस्टम कमजोर हो सकता है। इससे कोई भी संक्रमण आपको आसानी से हो सकता है। इससे वायरल, सर्दी, जुकाम का खतरा भी बढ़ सकता है।
ठंडी हवा अस्थमा जैसी सांस लेने संबंधी स्थितियों को बढ़ा सकती है या उसे ट्रिगर कर सकती है, जिससे सांस लेने में कठिनाई हो सकती है और श्वसन संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है। जिससे जुखाम बढ़ने की समस्या हो सकती है।
ठंड का मौसम हृदय पर दबाव डाल सकता है, जिससे रक्तचाप और हृदय गति बढ़ सकती है। यह तनाव हृदय रोग वाले व्यक्तियों के लिए विशेष रूप से जोखिम भरा हो सकता है। इससे स्ट्रोक या हार्ट अटैक का खतरा भी बढ़ सकता है।
ठंड का मौसम गठिया की परेशानी वाले लोगों में जोड़ों के दर्द को बढ़ा सकता है। ठंड के संपर्क में आने से मांसपेशियां भी भी अकड़ सकती है जिससे असुविधा और गतिशीलता कम हो सकती है।
कोल्ड वेव से बचने के लिए खुद को बचाने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप कपड़ो को लेयर में पहने। कपड़ों को लेयर में पहनने से उनमें गर्मी बनी रहती है और आपके शरीर को गर्म रखने में मदद मिलती है। अपने सिर, हाथ और गर्दन को गर्म रखने के लिए टोपी, दस्ताने और स्कार्फ पहनकर ही बाहर निकलें
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कस्टमाइज़ करेंअगर आप ओस या बारिश की वजह से ठंड में गीले हो गए है तो इन्हे जल्दी से बदलें, सबसे ऊपर आपको कुछ वॉटर प्रूफ पहनना चाहिए ताकि आपके अंदर के कपड़े गीले न हो। यदि किसी भी कारण से आपके कपड़े बारिश या किसी अन्य कारण से गीले हो जाते हैं, तो जितनी जल्दी हो सके उन्हे बदल लें या सूखा लें।
यदि संभव हो, तो शीत लहर के दौरान घर के अंदर ही रहें यदि तापमान आपके लिए बहुत अधिक कम है। यदि आपको बाहर जाने की आवश्यकता है, इसे सीमित करने की कोशिश करें और बार बार गर्म होने के लिए ब्रेक लें।
आप सर्दियों के मौसम में भी डिहाइड्रेटिड हो सकते हैं क्योंकि ठंड के मौसम में आपको ज्यादातर प्यास कम लगती है। न केवल हर दिन 7-8 गिलास पानी पीना महत्वपूर्ण है, बल्कि अपने आहार में फल, सब्जियां और सूप जैसे हाइड्रेटिंग भोजन भी शामिल करना चाहिए। डिहाइड्रेशन से आपको ठंड लग सकती है और बीमार होने की संभावना बढ़ सकती है।
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