कई लोगों को आंखे बिना चाय का कॉफी के नहीं खुलती है उन्हे सुबह उठते ही सबसे पहली चीज अपने बिस्तर पर चाय ही चाहिए होती है। लेकिन अगर वो कोई हेल्दी चाय लें तो कोई परेशानी नहीं है लेकिन वे लोग दुध वाली चाय लेते है जो कि सेहत के लिए बिल्कुल अच्छी नहीं होती है। चाय आपके लोवर ब्लड प्रेशर के लिए बहुत अच्छी हो सकती है। लेकिन वो आपकी दुध वाली चाय नहीं होनी चाहिए बल्कि हर्बल चाय होनी चाहिए। चलिए फिर जानते है वो कौन सी चाय है जो आपके निम्न रक्तचाप में मदद कर सकती है।
वेट लॉस एक्सपर्ट और डायटिशियन शिखा कुमारी बताती है कि “माना जाता है कि कई प्रकार की चाय में ऐसे गुण होते हैं जो ब्लड प्रेशर को कम करने में मदद कर सकते हैं, हालांकि प्रभाव व्यक्ति-दर-व्यक्ति अलग हो सकते हैं। यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि यदि आपको हाई ब्लड प्रेशर है तो अकेले चाय चिकित्सा उपचार का विकल्प नहीं है। यह एक स्वस्थ जीवनशैली का हिस्सा हो सकता है लेकिन इसे निर्धारित दवाओं या का स्थान नहीं देना चाहिए।”
लो ब्लड प्रेशर, जिसे हाइपोटेंशन के रूप में भी जाना जाता है, एक ऐसी स्थिति है जिसमें धमनियों की दीवारों के खिलाफ रक्त का बल जितना होना चाहिए उससे कम होता है, जिससे लक्षण और संभावित स्वास्थ्य संबंधी परेशानी पैदा होती हैं। यह आम तौर पर तब माना जाता है जब आपके रक्तचाप की रीडिंग लगातार 90/60 मिमी एचजी से नीचे आती है। हालांकि, जिसे “सामान्य” माना जाता है वह व्यक्ति-दर-व्यक्ति अलग हो सकता है।
शिखा कुमारी ने बताया कि हिबिस्कस पौधे की सूखी पंखुड़ियों से बनी हिबिस्कस चाय का इसके संभावित एंटीहाइपरटेंसिव प्रभावों के लिए अध्ययन किया गया है। कुछ शोध बताते हैं कि नियमित रूप से हिबिस्कस चाय का सेवन ब्लड प्रेशर को कम करने में मदद कर सकता है।
हिबिस्कस चाय में एंथोसायनिन और पॉलीफेनोल्स सहित यौगिक होते हैं, जो रक्त वाहिकाओं को आराम देने में मदद कर सकते हैं, जिससे सिस्टोलिक और डायस्टोलिक दोनों ब्लड प्रेशर के स्तर में कमी आती है।
ग्रीन टी में कैटेचिन नामक यौगिक होते हैं, जिनके बारे में माना जाता है कि इससे ब्लड प्रेशर कम करने की क्षमता सहित विभिन्न स्वास्थ्य लाभ होते हैं। कैटेचिन एपिगैलोकैटेचिन गैलेट (EGCG) रक्त वाहिकाओं को आराम देने में भूमिका निभा सकता है।
शिखा कुमारी बताती है कि ब्लैक टी में फ्लेवोनोइड्स जैसे लाभकारी यौगिक भी होते हैं, जो ब्लड प्रेशर पर मामूली प्रभाव डाल सकते हैं। ब्लैक टी का नियमित सेवन कम सिस्टोलिक और डायस्टोलिक ब्लड प्रेशर में मदद कर सकता है।
ये टी एक प्रमुख प्राकृतिक पेय है जो दक्षिण अफ्रीका में पैदा होता है। यह कैफीन-मुक्त होता है और इसमें विभिन्न प्रकार के गुण होते हैं, जैसे कि एंटीऑक्सीडेंट्स, मिनरल्स, और विटामिन्स, जो स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हो सकते हैं।
कुछ अध्ययनों में दिखाया गया है कि रूइबोस टी का सेवन किसी के ब्लड प्रेशर पर प्रभाव पड़ सकता है। इसमें पाये जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट्स, जैसे कि एस्परगेन (aspalathin) और क्वर्सेटिन (quercetin), का ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में खास योगदान हो सकता है।
शिखा कुमाारी बताती है कि डेंडिलियन टी में मूत्रवर्धक गुण होते हैं जो शरीर में अतिरिक्त तरल पदार्थ को कम करके ब्लड प्रेशर को कम करने में मदद कर सकते हैं। इससे ब्लड प्रेशर पर मामूली प्रभाव पड़ सकता है।
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कस्टमाइज़ करेंहॉथोर्न बेरी को नागफनी भी कहा जाता है। हॉथोर्न टी का स्वाद थोड़ा मीठा और तीखा होता है। परंपरागत रूप से हृदय स्वास्थ्य का समर्थन करने के लिए उपयोग की जाने वाली नागफनी चाय रक्त वाहिकाओं को फैलाने, रक्त परिसंचरण में सुधार करने और निम्न रक्तचाप में योगदान करने में मदद कर सकती है।
ध्यान रखें ये चाय केवल दवाओं के साथ ली जानी चाहिए। आप ये न सोचें कि इस चाय के आप दवा की जगह पर ब्लड प्रेशर को ठीक करने के लिए इस्तेमाल कर सकते है। येे चाय केवल प्रभावों को कम करने में मदद कर सकती है। ब्लड प्रेशर को ठीक करने में ये चाय सहायता नहीं करेगी उसके लिए आपको अपनी नियमित दवा और डॉक्टर की सलाह को ही मानना होगा।
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