अश्वगंधा वर्षों से आयुर्वेद विशेषज्ञों द्वारा सुझाई जा रही जड़ी- बूटी है। कई सालों से इसका इसका इस्तेमाल आयुर्वेद में दवा के रूप में किया जा रहा है। अश्वगंधा एक शक्तिशाली जड़ी-बूटी है जो समग्र स्वास्थ्य को बढ़ावा देती है। यह विटामिन, खनिज, कैल्शियम, आयरन से भरपूर है।
अश्वगंधा में तनाव से लड़ने वाले गुण होते हैं। आज के समय में कई लोग तनाव, चिड़चिड़ापन, चिंता और अनिद्रा से पीड़ित हैं। इन सभी लक्षणों को दूर करने के लिए पूराने समय में अश्वगंधा का उपयोग किया जाता रहा है। यह तंत्रिका को मजबूत करता है, और तनाव को कम करने के लिए शरीर पर शांति का प्रभाव डालता है। इस तरह से यह तनाव, चिड़चिड़ापन, बेचैनी से लड़ने में मदद करता है। चित्र- अडोबी स्टॉक
यह जड़ी-बूटी प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाती है। जिससे आपको बदलते मौसम में होने वाली बीमारियों से बचने में मदद मिलती है। अश्वगंधा एक एडाप्टोजेन है, जिसका अर्थ है कि यह शरीर को तनाव कोसंतुलित करने में मदद करता है। लंबे समय का तनाव प्रतिरक्षा प्रणाली को खराब कर सकता है। जिससे आप बार-बार बीमार पड़ने लगते हैं। अगर आप अकसर ऐसा महसूस करती हैं, तो आज ही से अश्वगंधा चूर्ण लेना शुरू कर दें।
अगर आपके एजिंग पेरेंट्स डायबिटीज के शिकार हैं, तो उन्हें अश्वगंधा जरूर दें। अश्वगंधा इंसुलिन संवेदनशीलता को बढ़ा सकता है, जिसका अर्थ है कि शरीर रक्त शर्करा के स्तर को कम करने के लिए इंसुलिन का अधिक प्रभावी ढंग से उपयोग कर सकता है। यह इंसुलिन प्रतिरोध वाले व्यक्तियों के लिए विशेष रूप से सहायक हो सकता है, जो टाइप 2 मधुमेह का एक सामान्य कारक है।
अश्वगंधा शरीर के हार्मोन को नियंत्रित करने के लिए जाना जाता है। जो पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए उपयोगी हो सकता है। पुरुषों में, यह टेस्टोस्टेरोन के स्तर को नियंत्रित करता है, औरमहिलाओं में यह हार्मोनल असंतुलन और पीरियड संबंधी समस्याओं में मदद कर सकता है। अगर आप मेनोपॉज के कारण हॉर्मोनल असंतुलन का सामना कर रहीं हैं, तब भी आपको अश्वगंधा जरूर लेना चाहिए।