आपके स्टूल की फ्रीक्वेंसी, कलर और टेक्सचर आपकी सेहत का हाल बता सकते हैं। बहुत से लोगों को कब्ज की शिकायत रहती है, वहीं कुछ लोग ऐसे हैं जिन्हें स्टूल पास करने की इच्छा तो होती है, परंतु उनका स्टूल काफी हार्ड यानी कड़ा (hard poop) होता है। जिससे उनकी हर सुबह काफी पेनफुल हो जाती है। वास्तव में नियमित दिनचर्या का एक बेहद अहम भाग है स्टूल पास करना। एक स्वस्थ एवं संतुलित जीवन के लिए स्टूल पास करना बहुत जरूरी है। हार्ड स्टूल पास करते हुए एनस में जलन और कट लगने जैसी समस्याएं हो जाती हैं। इस स्थिति में यह समझना बेहद जरूरी है की आखिर ऐसा क्यों होता है?
एस्टर व्हाइटफील्ड हॉस्पिटल, बैंगलोर के मेडिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी के कंसल्टेंट डॉ अभिजीत बी आर ने हार्ड स्टूल के कारण बताते हुए इस स्थिति को अवॉइड करने के कुछ महत्वपूर्ण टिप्स भी दिए हैं। तो चलिए जानते हैं इस बारे में अधिक विस्तार से।
आपके द्वारा कंज्यूम किए जाने वाले फूड और ड्रिंक एस पाचन क्रिया को सकारात्मक और नकारात्मक दोनों ही रूप में प्रभावित कर सकते हैं। यदि आप अपनी डाइट में प्रयाप्त फाइबर नहीं ले रही हैं, तो इससे स्टूल हार्ड हो सकता है। फाइबर की कमी से स्टूल पानी को अवशोषित नहीं कर पाता इसलिए ये हार्ड हो जाता है और इसे बाहर निकलने में परेशानी होती है।
एक्सपर्ट के अनुसार यदि आपकी मोबिलिटी यानी की बॉडी मूवमेंट कम है, तो इससे कांस्टीपेशन की शिकायत बढ़ जाती है। कांस्टीपेशन एक ऐसा फैक्टर है, जब आपका स्टूल काफी ज्यादा हार्ड हो जाता है और उसे बाहर निकलना बेहद मुश्किल होता है। फिजिकल मोबिलिटी के बिना डाइजेस्टिव सिस्टम का फंक्शन धीमा हो जाता है, जिसकी वजह से स्टूल पासेज में परेशानी होती है।
कई ऐसी प्रिसक्राइब्ड और ओवर दी काउंटर मेडिसिन हैं, जिनकी वजह से स्टूल हार्ड हो जाता है और व्यक्ति कांसेपशियन से परेशान हो सकता है। इन दवाइयों में मौजूद ड्रग कांबिनेशन डाइजेस्टिव सिस्टम से स्टूल पासेज़ को काफी मुश्किल बना देते हैं। डायरिया में खाई जाने वाली मेडिसिंस, जिसे स्टूल कंट्रोल करने के लिए लिया जाता है, वे अक्सर स्टूल को हार्ड कर देती हैं। इसके अलावा एंटी डिप्रेशन, एंटासाइड, आयरन सप्लीमेंट्स, पेन किलर आदि भी कांस्टीपेशन का कारण बनती हैं।
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शरीर में पानी की कमी स्टूल के हार्ड होने का एक सबसे बड़ा कारण है। इंटेस्टाइन और कोलन दोनों ही बॉडी को हाइड्रेटेड रखने के लिए स्टूल से पानी अब्जॉर्ब करते हैं, यदि स्टूल में पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं होगी, तो जाहिर सी बात है यह हार्ड हो जायेगा। इसलिए पर्याप्त मात्रा में पानी पीना बेहद महत्वपूर्ण है।
कई ऐसी स्वास्थ्य स्थितियां हैं, जिनमें कॉन्स्टिट्यूशन और हार्ड स्टूल की समस्या बिल्कुल आम हो जाती है। डायबिटीज, हाइपरथाइरॉयडिज़्म, अल्जाइमर डिजीज पार्किंसन डिजीज ओर कैंसर की स्थिति में आमतौर पर व्यक्ति हार्ड स्टूल का सामना करता है।
एजिंग की स्थिति में स्टूल हार्ड होने के पीछे कई कारण हैं। बढ़ती उम्र के साथ आपके अंदर शारीरिक स्थिरता बढ़ जाती है। साथ ही बीमारियों के बढ़ने से बुजुर्ग तरह तरह की दवाइयां लेते हैं। ये फैक्टर कांस्टीपेशन का कारण बनते हैं। वहीं स्टूल पास करने में काफी ज्यादा परेशानी होती है।
अपनी डाइट में प्रयाप्त फाइबर ऐड करें, इसके लिए फल, सब्जियां एवं अनाज का सेवन करें।
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कस्टमाइज़ करेंपर्याप्त मात्रा में पानी पीकर खुदको हाइड्रेटेड रखें, ताकि स्टूल में पानी की मात्रा बरकरार रहे और यह सॉफ्ट रहे।
खाना खाने के बाद वॉक करने की आदत बनाएं। साथ ही यदि ऑफिस वर्क में लंबे समय तक बैठी रहती हैं, तो बीच-बीच में छोटे-मोटे शारीरिक गतिविधियों में पार्टिसिपेट करें। सबसे अहम घर का कामकाज करें, इससे आपका काम भी आसान होता है, और बॉडी भी एक्टिव रहती है।
यदि आपको डायबिटीज, हाइपरथाइरॉयडिज़्म आदि जैसी शारीरिक समस्याएं हैं। तो इस स्थिति में मेडिसिंस लेना अनिवार्य है। ऐसे में यदि आपको बार-बार कांसेपशियन हो रहा है, आपका स्टूल काफी हार्ड हो जाता है, तो इसके लिए डॉक्टर से सलाह लें, और समझें की इस स्थिति से कैसे निपटा जा सकता है।