आजकल बाजार में तरह-तरह की पाचन गोलियां मिल रही हैं। पर क्या ये गोलियां असल में पाचन संबंधी समस्याओं में कारगर होती हैं? बाजार में मिलने वाली पाचन गोलियों को बनाने में कई तरह के आर्टिफिशियल फ्लेवर, महक और प्रिजर्वेटिव्स का इस्तेमाल किया जाता है। यह सभी चीजें बाजार में मिलने वाली पाचन गोलियों को आपकी सेहत के लिए अस्वस्थ बना देती हैं। जिनके फायदे की बजाए नुकसान ज्यादा होते हैं। इसलिए अगर आप भी आए दिन गैस, एसिडिटी, हार्टबर्न या पेट फूलने से परेशान रहती हैं, तो हम आपके लिए लाए हैं जीरे से पाचक गोली (Jeera digestive goli) बनाने की रेसिपी।
ये हमारे घर की एक पसंदीदा और ट्रेडिशनल रेसिपी है। जिसे मेरी मम्मी किचन में मौजूद कुछ खास सामग्रियों की मदद से पाचन गोलियां बनाती आई हैं। पाचन की बात जब भी आती है, तो मां हमेशा जीरे को प्राथमिकता देती हैं। तो चलिए आज साथ मिलकर मां की पसंदीदा जीरा पाचक गोली (Jeera digestive goli) बनाते हैं। हम बताएंगे मां की ये लाजबाव रेसिपी, साथ ही जानेंगे पाचन क्रिया के लिए ये किस तरह काम करती है।
2 चम्मच जीरा
2 चम्मच अमचूर पाउडर
1 चम्मच कसा हुआ गुड़
1/4 चम्मच काला नमक
1/4 चम्मच सादा नमक
1 चम्मच नींबू का रस
1 चम्मच पिसी हुई चीनी
सबसे पहले जीरा को ड्राई रोस्ट कर लें, और जब यह ठंडा हो जाए तो इसे पाउडर में बदल दें।
अब जीरा पाउडर में आमचूर पाउडर, काला नमक, साधारण नमक, नींबू का रस और गुड़ डालकर एक डो तैयार करें।
अब डो का एक छोटा पोर्शन लें और इसे रोल करते हुए राउंड शेप दें।
तैयार की गई गोलियों को पिसी हुई चीनी में डालकर मिला लें।
आपकी जीरा पाचक गोली बनकर तैयार है, इसे एयर टाइट कंटेनर में स्टोर करके रखें।
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन द्वारा प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार जीरा में थाइमोल (thymol) नामक एक कंपाउंड पाए जाते हैं, जो गैस्ट्रिक ग्लैंड सेक्रेशन को स्टिम्युलेट करते हैं। यह प्रोटीन, फैट, शुगर जैसे कॉम्प्लेक्स न्यूट्रिशन को आसानी से ब्रेक कर देते हैं। इससे पाचन क्रिया पर अधिक भार नहीं पड़ता, और वे स्वस्थ एवं संतुलित रहती है। वहीं इससे पाचन संबंधी समस्या जैसे कि अपच, डायरिया, नौसिया जैसी परेशानी नहीं होती।
इतना ही नहीं इसमें एंटी गैस्ट्रिक केमिकल्स भी पाए जाते हैं, जो इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम की स्थिति में कारगर होते हैं और ब्लोटिंग, एसिडिटी, फ़्लाचुलेंस, ब्लीचिंग और फ्रिक्वेंट बर्पिंग जैसी समस्याओं में कारगर माने जाते हैं। इसके साथ ही जीरा में एंटीबैक्टीरियल और एंटीमाइक्रोबॉयल प्रॉपर्टीज होती हैं, जो खाद्य पदार्थों के कारण होने वाले डाइजेस्टिव इन्फेक्शन के खतरे को कम कर देती हैं।
अपनी रुचि के विषय चुनें और फ़ीड कस्टमाइज़ करें
कस्टमाइज़ करेंयह भी पढ़ें : ये 8 आयुर्वेदिक हर्ब्स और स्पाइसेज़ कर सकते हैं खराब कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल, जानिए ये कैसे काम करते हैं
जीरा मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करते हुए बॉडी में फैट बर्निंग कैपेसिटी को बढ़ा देते हैं। वहीं नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन द्वारा प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार जीरा में कैलोरी बर्निंग प्रॉपर्टीज पाई जाती हैं, जो इसे एक्सरसाइज और वर्कआउट करने वाले लोगों के लिए बेहद खास बनाती हैं।
जीरा एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं और वेट लॉस में आपकी मदद कर सकते हैं। जरा में पॉलीफेनॉल सहित अन्य कई ऐसे कंपाउंड पाए जाते हैं, जो आपके शरीर को ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से प्रोटेक्ट करते हैं। जरा की पाचन गोलियों के अलावा आप बॉडी को डिटॉक्स करने के लिए इसकी चाय पी सकती हैं। यह टॉक्सिंस को एलिमिनेट करते हुए इम्यूनिटी को बढ़ावा देने में आपकी मदद करेगा।
जीरा में मौजूद एंटी इन्फ्लेमेटरी, एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल प्रॉपर्टी इसे बेहद खास बना देती हैं। इससे अस्थमा ट्रिगर नहीं होता, वहीं सर्दी-जुकाम और गले की खराश से भी राहत मिलती है। यह रेस्पिरेटरी ट्रैक में जमें म्यूकस को बाहर निकालने में मदद करने के साथ ही इसकी इम्यूनिटी बूस्टिंग प्रॉपर्टी, संक्रमण पैदा करने वाले कीटाणुओं को शरीर पर हावी होने से रोकती हैं।
यह भी पढ़ें : मलाइका अरोड़ा खाती हैं अम्बा हल्दी का अचार, क्या आप जानते हैं इसके सेहत लाभ?