इन दिनों दिल का दौरा पड़ने और दिल से जुडी बीमारियों के मामलों में अत्यधिक वृद्धि देखी जा रही है। पहले उम्र बढ़ने पर ये समस्याएं सामने आती थीं। आजकल 30 या 40 के बीच के बीच भी लोगों को स्ट्रोक हो रहा है। स्ट्रोक का एक मुख्य कारण हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल है। इस तरह की समस्याएं हमारे आहार और जीवनशैली के कारण सामने आ रही हैं। आयुर्वेद की मदद से इसे रोका और प्रबंधित (ayurvedic herb and spices for high cholesterol level) किया जा सकता है।
हाई कोलेस्ट्रॉल के कारण ब्लड में कोलेस्ट्रॉल बढ़ जाता है। यह हृदय संबंधी समस्याओं के प्रति अधिक संवेदनशील बना देता है। इसके कारण हार्ट का कामकाज प्रभावित होता है। कोलेस्ट्रॉल मोम जैसा पदार्थ है, जो शरीर की स्वस्थ कोशिकाओं, विटामिन डी और हार्मोन के निर्माण के लिए जरूरी होता है। यह यदि ब्लड वेसल्स में जमा होने लगता है, तो आर्टरी को अवरुद्ध कर सकता है। इसके कारण हृदय पर्याप्त मात्रा में रक्त पंप नहीं कर पाता है और दिल का दौरा पड़ने की संभावना बढ़ जाती है।ब्लड टेस्ट के माध्यम से कोलेस्ट्रॉल लेवल की सीमा का पता चलता है।
आयुर्वेद के अनुसार, यह कफ और वात दोष में असंतुलन के कारण होता है। संबंधित दोष को संतुलित करने पर इस समस्या से बचाव किया जा सकता है। कई आयुर्वेदिक हर्ब और स्पाइसेज़ शरीर को डीटोक्सीफाय कर कोलेस्ट्रॉल लेवल को मैनेज कर सकते हैं।
यह हृदय के लिए सबसे अच्छी तरह काम करता है। इसकी छाल का चूर्ण दूध में मिलाकर सेवन किया जा सकता है। अर्जुन छाल की वटी भी नियमित रूप से लेने पर कोलेस्ट्रॉल लेवल को कंट्रोल कर सकता है।
यह ट्राइग्लिसराइड लेवल और कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करता है। गुग्गुल का रोजाना मध्यम मात्रा में सेवन इसमें मदद कर सकते हैं।
अलसी कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड लेवल को कम (Flax seeds to control triglycerides) करने में मदद करते हैं। यह आर्टरी में ब्लड सर्कुलेशन को सुचारू करता है। अलसी पाउडर को गुनगुने पानी या दूध में मिलाकर पीने से लाभ मिल सकता है।
विटामिन सी के सबसे शक्तिशाली स्रोतों में से एक है आंवला। यह हृदय रोगों से बचाव करता है। यह खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को भी कम करता है। कच्चा आंवला के अलावा जूस या कैंडी के रूप में इसका प्रतिदिन सेवन किया जा सकता है।
ग्रीन टी एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होती है, जो खराब कोलेस्ट्रॉल कम करने और ब्लड प्यूरीफाई करने में मदद कर सकती है। ग्रीन टी के नियमित सेवन से ब्लड में मौजूद बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम किया जा सकता है।
अदरक का सेवन हर्बल चाय के रूप में किया जा सकता है। यह सूखा भी चबाया जा सकता है। यह कोलेस्ट्रॉल स्तर को कम करने और बैलेंस बनाने में भी मदद कर सकता है।
मेथी बैड कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने और गुड कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ाने में मदद करते हैं। इसमें एंटी-डायबिटिक, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण भी होते हैं।
शरीर के कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करते हैं । इसमें मौजूद फाइबर कोलेस्ट्रॉल के पुनर्अवशोषण को रोकने में मदद करते हैं।
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