प्याज की गिनती हाइली एरोमेटिक वेजिटेबल्स में की जाती है। इसी के चलते खाने में स्वाद को जोड़ने के लिए अक्सर प्याज का इस्तेमाल भरपूर मात्रा में किया जाता है। शरीर के तापमान को संतुलित रखने के लिए जहां लोग कच्चा प्याज खाना खूब पसंद करते हैं, तो वहीं प्याज का इस्टैंट अचार भी खाने के ज़ायके को बढ़ा देता है। शरीर को कई बीमारियों के खतरे से बचाने वाले प्याज से तैयार होने वाला अचार आप घर पर भी आसानी से और चुटकियों में तैयार कर सकते हैं। जानते हैं प्याज के इंस्टैंट अचार की एक आसान रेसिपी और इसके कुछ फायदे भी (Instant onion pickle recipe)।
इस बारे में बातचीत करते हुए डाईटीशियन नुपूर पाटिल का कहना है कि प्याज का सेवन करने से शरीर में हीट स्ट्रोक का खतरा कम हो जाता है। देर तक धूप में रहने से शरीर निर्जलीकरण का शिकार नहीं होता है। इसमें प्रोटीन, सोडियम और पोटेशियम उच्च मात्रा में पाया जाता है। इसके अलावा प्याज में क्वेरसेटिन पाया जाता है, जो एंटीऑक्सीडेंट है। इससे शरीर का ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता और हार्ट संबधी समस्याओं का खतरा कम हो जाता है।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार प्याज में एंटीऑक्सीडेंटस उच्च मात्रा में पाए जाते हैं। इसमें 17 प्रकार के फ्लेवनॉइड्स पाए जाते हैं, जो शरीर को डायबिटीज़, कैंसर और हृदय रोगों से बचाते हैं। इसमें मौजूद विटामिन, मिनरल, प्रोटीन और कैल्शियम जैसे न्यूट्रिएंट की मात्रा शरीर को गर्मी से भी बचाती है।
प्याज के नियमित सेवन से शरीर में ब्लड शुगर लेवल नियंत्रित बना रहता है। एनआईएच की साल 2010 की एक स्टडी की मानें, तो टाइप 1 और टाइप 2 डायबिटीज़ से पीडित 84 लोगों के समूह ने 100 ग्राम कच्चे प्याज का सेवन करने के 4 घंटे बाद उनके शरीर में फास्टिंग शुगर लेवल नियंत्रित पाया गया।
शरीर में बढ़ रहे ऑक्सीडेटिव तनाव को दूर करने के लिए प्याज का सेवन बेहद कारगर साबित होता है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंटस की मदद से बोन डेंसिटी मज़बूत बनी रहती है। इसके अलावा ओस्टियोपिरोसिस का खतरा भी कम हो जाता है। एक रिसर्च के मुताबिक 24 मिडल एज महिलाओं ने 100 मिलीलीटर प्याज का रस 8 सप्ताह तक पिया। इससे उन पोस्टमेनोपॉज़ल महिलाओं की बोन डेंसिटी में सुधार पाया गया।
वे लोग जो वेटगेन की समस्या से ग्रस्त है, प्याज के सेवन से उनकी ये समस्या हल हो सकती है। दरअसल, प्याज में पाए जाने वाले एक्टिव कंपाउड शरीर में अतिरिक्त कैलोरीज़ को जमा होने से रोकती है। रोज़ाना प्याज का सेवन करने से अतिरिक्त फैट गेन की समस्या से बचा जा सकता है।
छोटे प्याज 8 से 10
सरसों का तेल 2 चम्मच
राई 1 छोटा चम्मच
हल्दी 1/2 चम्मच
लाल मिर्च 1/2 चम्मच
जीरा पाउडर 1 चम्मच
काली मिर्च 1 छोटा चम्मच
नमक स्वादानुसार
सबसे पहले छोटे साइज़ के प्याज लें और उन्हें छीलकर 2 से 3 बार खुले पानी में धो लें।
अब उन सभी प्याज को सुखाकर एक बड़े बर्तन में डालें और उनके बीचों बीच दो कट के निशान लगा दें।
इसके बाद 4 से 5 लंबी कटी हुई हरी मिर्च को प्याज में डाल दें और साथ में नमक, मिर्च, हल्दी और जीरा पाउडर डालें।
मसालों से भरपूर प्याज को रखना चाहें, तो 30 मिनट से 1 घण्टे के लिए ढ़ककर रख दें।
एक पैन में तेल गर्म करें और उसमें राई व काली मिर्च डालें। मसाला पकने के बाद गैस बंद कर दें।
तैयार हो चुके तेल को प्याज के उपर डाल दें और तेल को अच्छी तरह से प्याज के साथ मिक्स कर लें।
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