सदियों से हमारे खानपान में मोरिंगा यानी सहजन का प्रयोग किया जाता रहा है। हम इसे सब्जी और जूस के रूप में प्रयोग करते आए हैं। सुपाच्य होने के कारण यह मौसमी बुखार, सर्दी-जुकाम के मरीजों को दिया जाता रहा है। बिना तेल-मसाले के आप इसकी सब्जी और सूप तैयार कर सकते हैं। पर इन दिनों डायबिटीज कंट्रोल करने के लिए मोरिंगा (Moringa to control diabetes) के इस्तेमाल की सलाह दी जा रही है। आइए जानते हैं यह कैसे काम करता है।
इसके औषधीय गुणों और स्वास्थ्य लाभों के कारण ही इसका प्रयोग बढ़ा है। मोरिंगा या सहजन एंटीफंगल, एंटीवायरल, एंटी-डिप्रेसेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी (anti inflammatory moringa) गुणों वाला है।
डायबिटीज मेटाबोलिक रोग है, जो किसी के शरीर में हाई ब्लड शुगर की मात्रा का कारण बनता है। यह इंसुलिन प्रोडक्शन सेल्स पर हमला करता है और उन्हें नष्ट कर देता है। डायबिटीज के लिए मोरिंगा जूस स्वस्थ आहार का विकल्प है। मोरिंगा में पाए जाने वाले इंसुलिन जैसे प्रोटीन से शरीर में ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित किया जा सकता है।
पत्तियों में पाए जाने वाले प्लांट केमिकल शुगर को बेहतर ढंग से प्रोसेस करने में मदद कर सकते हैं। यह शरीर के इंसुलिन जारी करने के ढंग को प्रभावित कर सकता है। मोरिंगा टी डायबिटीज से पीड़ित लोगों को ब्लड ग्लूकोज़ लेवल को रेगुलेट (moringa regulate blood glucose level) करने में मदद कर सकती है।
ऐसे कई खाद्य पदार्थ और पेय हैं, जो स्वाभाविक रूप से ब्लड शुगर लेवल को कम करने में मदद कर सकते हैं। खाद्य पदार्थों और पेय पदार्थों का जीआई स्कोर भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने के लिए जाने जाने वाले खाद्य पदार्थों में से एक मोरिंगा और इसकी पत्तियां हैं।
मोरिंगा की पत्तियां पौधे का एकमात्र हिस्सा है, जिसमें क्लोरोजेनिक एसिड का हाई लेवल होता है। इसलिए पौधे के किसी अन्य हिस्से को लेने से ब्लड शुगर लेवल में कमी नहीं आएगी। मोरिंगा की पत्तियों के सप्लीमेंट भी मिलते हैं। कोई भी सप्लीमेंट लेने से पहले हमेशा डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल से बात करना चाहिए। खासकर यदि आप दवा ले रही हैं या बीमारी से पीड़ित हैं।
कई मामलों में मोरिंगा मेटफॉर्मिन जैसी डायबिटीज की दवा की प्रभावशीलता को बढ़ाया है। यह सुपरफूड ऊर्जा स्तर को बढ़ाने के लिए भी जाना जाता है।
डायबिटीज के प्रबंधन के लिए मोरिंगा पाउडर की दैनिक अनुशंसित खुराक विशेष रूप से नाश्ते में 2 – 3 चम्मच ली जा सकती है। बहुत अधिक मोरिंगा का प्रभाव लैक्सेटिव (Laxative moringa) हो सकता है। इसलिए छोटी खुराक से ही शुरुआत करनी चाहिए। यदि सप्लीमेंट लिया जा रहा है, तो इसे उस बिंदु तक बढ़ाना चाहिए जब तक कि आप सहज महसूस करें। हमेशा अनुशंसित खुराक से अधिक नहीं लेना चाहिए।
सप्लीमेंट के रूप में मोरिंगा लेने वाले किसी भी व्यक्ति को इसे नाश्ते या जूस या भोजन में शामिल किया जा सकता है। चाय, पानी, फलों के रस, स्मूदी और दही में मोरिंगा पाउडर (moringa powder for diabetes) मिलाकर लिया जा सकता है। एक चम्मच पाउडर को जीभ के नीचे भी रखकर लिया जा सकता है।
मोरिंगा का सेवन करने के तुरंत बाद सकारात्मक परिणाम नहीं दिख सकते हैं। अच्छे परिणाम के लिए किसी भी डायबिटीज के मरीज को कम से कम एक या दो महीने तक मोरिंगा का सेवन (Moringa to control diabetes) जारी रखना चाहिए।
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