बदलता मौसम, धूल, गंदगी, प्रदूषण, और एक साथ ठंडा गर्म पीने की आदत से लोगों को गले में दर्द का अनुभव होता है। वहीं टॉन्सिल बढ़ना भी गले के दर्द का एक कॉमन कारण है। बचपन में मुझे भी अक्सर गले में दर्द हो जाया करता है, जिसकी वजह से मेरी पूरी दिनचर्या प्रभावित हो जाती थी। मैने आज तक इसके लिए कभी भी मेडिसिंस नहीं ली हैं, मेरी मां के बताए नुस्खे से मेरी प्रॉब्लम फौरन सॉल्व हो जाती थी। सालों से मेरी मां गले के दर्द में कुछ खास घरेलू नुस्खे आजमाती आ रही हैं, ये बेहद कारगर हैं और उसके फायदे भी काफी इंस्टेंट हैं। तो चलिए जानते हैं, गले के दर्द से राहत पाने के कुछ खास घरेलू नुस्खे (Sore throat home remedies)।
शहद एक बेहद पुराना नुस्खा है, इसकी मेडिसिनल प्रॉपर्टी इसे बेहद खास बना देती है। वहीं लोग इसे तरह तरह की समस्याओं को ट्रीट करने के लिए इस्तेमाल करते हैं। आयुर्वेद से लेकर मेडिकल साइंस तक इसका पूरा समर्थन करते हैं। गले की खराश और दर्द दोनों ही स्थिति में ये बेहद प्रभावी रूप से काम करता है। शहद में एंटी इन्फ्लेमेटरी, एंटीबैक्टीरियल और एंटीऑक्सीडेंट प्रॉपर्टीज पाई जाती है, जिससे संक्रमण फैलाने वाले कीटाणुओं का ग्रोथ कम हो जाता है। साथ ही साथ गले की सूजन से भी राहत मिलती है। इस प्रकार यह गले के दर्द से आपको राहत प्रदान कर सकती है।
सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन द्वारा प्रकाशित स्टडी के अनुसार गुनगुने पानी में नमक मिलाकर गरारा करने से गले की खराश से राहत मिलेगी, साथ ही इससे आपके गले को आराम पहुंचता है। अपने मुंह में पानी ले और इससे गरारा करें, उचित परिणाम के लिए इसे कम से कम दिन में 2 से 3 बार दोहराएं।
बेकिंग सोडा और साल्ट वॉटर का कॉम्बिनेशन आपको गले की खराश सहित गले के दर्द से राहत प्रदान करता है। ये हानिकारक बैक्टीरिया के प्रभाव को कम कर देता है, जिससे की बैक्टिरियल इन्फेक्शन, व्हुपिंग, कफ, खराश संक्रमण का खतरा भी कम हो जाता है।
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मेथी के बीज के ऑयल को गर्दन की त्वचा पर अप्लाई करें या इससे बनी चाय को अपनी डाइट में शामिल कर सकती हैं। चाय पीने से गले को राहत मिलेगी। मेथी के बीज में एंटी इनफ्लेमेट्री प्रॉपर्टी पाई जाती है, जो गले के सूजन को कम कर देती है, साथ ही इसमें मौजूद एंटी बैक्टीटियल प्रॉपर्टी सभी प्रकार के संक्रमण से राहत प्रदान करता है। मेथी के बीज को पानी में उबाल लें और इसे रोजाना 2 से 3 बार पिएं।
लहसुन में एंटीबैक्टीरियल प्रॉपर्टी पाई जाती है, और इसमें एलिसिन नामक कंपाउंड पाए जाते हैं। ये कंपाउंड वायरल इनफेक्शन से लड़ने में आपकी मदद करते हैं। इसका इस्तेमाल एंटीवायरल इफेक्ट्स के लिए किया जाता है। गार्लिक की चाय का नियमित सेवन यूरिनरी ट्रैक इन्फेक्शन के खतरे को कम कर देता है और गले की खराश एवं दर्द से राहत प्रदान करता है। एक कप पानी में लहसुन की चार से पांच कलियों को क्रश करके डाल दें और इनमें अच्छी तरह उबाल आने दे। फिर पानी को छानकर अलग निकाल लें और उसमें एक चम्मच शहद मिलाकर इसे पिएं। इसकी सूदिंग प्रॉपर्टीज गले को राहत प्रदान करेगी।
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