उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश आदि जैसे पहाड़ी इलाकों में आये हैं, तो झाड़ियों, लत्तरों को छूने से परहेज करना होगा। क्योंकि हो सकता है कि आपका हाथ बिच्छू बूटी (Stinging Nettle) से लग जाए। इससे आपके हाथ में थोड़ी देर तक झनझनाहट (Sensation) हो सकती है। पर आप डरें नहीं, बिच्छू बूटी एक औषधीय पौधा है। यह आपके जोड़ों के दर्द, यूरीन पास होने में दिक्कत, हार्ट प्रॉब्लम, हाई कोलेस्ट्रॉल जैसी समस्या को कम करने में मदद कर सकता है। क्या आप जानती हैं कि बिच्छू बूटी या नेटल की चाय पीयेंगी, तो आपको वेट लॉस में भी मदद (Nettle Tea Benefits Weight Loss) मिल सकती है।
बिछु बूटी, बिच्छू बूटी या स्टिंगिंग बिछुआ (Stinging Nettle Or Nettle) विशेष रूप से उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश की पहाड़ियों, जंगलों, सड़क किनारे जंगली पौधे के रूप में उगता है। यहां के स्थानीय लोग इसका साग बनाकर खाते हैं। बिछुआ के पत्तों को पालक की तरह स्टीम कर भी खाया जाता है। जैसा कि नाम से पता चलता है पूरे पौधे में बालों जैसी छोटी सुइयां जैसी संरचना होती हैं। ये बाल (Hair Follicles) त्वचा के संपर्क में आने पर सुई की तरह काम करते हैं। उनके माध्यम से त्वचा में केमिकल प्रवाहित हो जाते हैं, जो चुभने वाली सनसनी और दाने का कारण बनते हैं।
मॉलिक्यूल्स जर्नल में प्रकाशित शोध आलेख के अनुसार, नेटल या स्टिंगिंग नेटल या बिछुआ (Urtica Dioica) की पत्तियों में विटामिन सी, विटामिन डी और विटामिन के पाया जाता है। इसमें आयरन, सेलेनियम, जिंक और मैग्नीशियम जैसे मिनरल्स होते हैं। फैटी एसिड जैसे अल्फा-लिनोलेनिक एसिड, कई एंटीऑक्सिडेंट जैसे कि पॉलीफेनोल्स, कैरोटेनॉयड्स और टेरपेनोइड्स और स्टेरोल्स भी मौजूद होते हैं।
ये सभी बिछुआ चाय में मौजूद हो सकते हैं। यह एशियाई देशों के अलावा उत्तरी अमेरिका और यूरोप में भी होता है। पारंपरिक लोक चिकित्सा में इसका उपयोग सदियों से होता आया है।
मॉलिक्यूल्स जर्नल में शोधकर्ता हुबर्ट इस बात की जानकारी देते हैं कि यूरोप महादेश में उगने वाले नेटल में हेयर फॉलिकल नहीं होते हैं। लेकिन एशियाई देशों में उगने वाले नेटल में यह संरचना होती है। इसलिए पत्तियों को तोड़ने का तरीका अलग होता है। बिना जानकारी के इसे खुद तोड़ना खतरनाक भी हो सकता है। क्योंकि इसकी तरह दिखने वाला पौधा जहरीला होता है। मार्केट में नेटल टी, नेटल कैप्सूल औत टिंक्चर रूप में भी उपलब्ध है।
हेलियन जर्नल में प्रकाशित शोध आलेख के अनुसार, नेटल टी एंटीबैक्टीरियल, एंटिफंगल, एंटी इन्फ्लेमेटरी और एस्ट्रिनजेंट गुणों वाली होती है। साथ ही सोडियम के कारण हुए वाटर रिटेंशन (Water Retention) को कम करती है। यह डाय यूरेटिक भी है। यदि आपका शरीर पानी से फूला हुआ है, तो नेटल टी पीने से यह ठीक हो जायेगा। यह ब्लड पुरिफिएर का भी काम करता है।
यह शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकाल कर शरीर का वेट कंट्रोल करता है इसलिए नेटल टी को अपनी दिनचर्या में शामिल कर सकती हैं। एस्ट्रिनजेंट गुणों के कारण, यह पीरियड क्रेम्प्स, ब्लोटिंग और ब्लड फ्लो को सुचारू करता है। यह मेनोपॉज से गुजर रही महिलाओं के लिए एक रेस्टोरेटिव के रूप में भी कार्य कर सकता है।
यदि आप सुबह कॉफी या दूध वाली चाय पीती हैं, तो इसे नेटल टी से रिप्लेस कर सकती हैं।
रोजाना नेटल टी पीने से न सिर्फ आपको वेट लॉस में मदद मिलेगी, बल्कि टॉक्सिंस शरीर से बाहर निकलने के कारण एनर्जेटिक भी महसूस करेंगी।
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