प्रेगनेंट होने के साथ ही मन में उत्साह और प्यार भरने लगता है। यह रोमांचकारी अनुभव पार्टनर के और करीब ले आता है। साथ ही मन में यह सवाल भी पैदा होता है कि प्रेगनेंसी के बाद सेक्सुअल रिलेशनशिप सुरक्षित है या नहीं। क्या यह गर्भ में पल रहे बच्चे को नुकसान भी पहुंचाता है? क्या गर्भावस्था के दौरान सुरक्षित सेक्स का आनंद लेने का कोई उपाय है? इन सवालों के साथ-साथ प्रेगनेंसी के दौरान क्या करना चाहिए और क्या नहीं (Pregnancy sex tips) इन सभी के बारे में विशेषज्ञ से जानते हैं।
प्राइमस सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में गायनेकोलोजिस्ट डॉ. रश्मि बालियान बताती हैं, ‘गर्भावस्था के दौरान सेक्सुअल रिलेशनशिप को लेकर चिंता करना लाजिमी है। यह जानना जरूरी है कि गर्भ में फीटस एमनियोटिक फ्लूइड से घिरा होता है। गर्भाशय की मजबूत मांसपेशियां विकसित हो रहे भ्रूण की सुरक्षा करती हैं। यह प्राकृतिक सुरक्षा ज्यादातर महिलाओं के लिए गर्भावस्था के दौरान सेक्स को पूरी तरह से सुरक्षित बनाती है। यदि समय से पहले प्रसव, प्लेसेंटा की समस्या या गर्भपात की कोई हिस्ट्री रह चुकी है, तो महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान सेक्स से पहले गायनेकोलोजिस्ट से जरूर बात कर लेनी चाहिए।’
डॉ. रश्मि बालियान कहती हैं, ‘प्रेगनेंसी हार्मोन के कारण एनर्जी लेवल (Pregnancy affect energy level) और मनोदशा (Mood swing in Pregnancy) में बदलाव सामान्य है। यह सीधे सेक्स ड्राइव को प्रभावित कर सकता है। कुछ महिलाओं में पहली तिमाही के दौरान परिवर्तन अधिक स्पष्ट होते हैं। गर्भावस्था के दौरान जैसे-जैसे बच्चा बढ़ता है, शरीर बदलता रहता है। इन परिवर्तनों का अनुभव भी होता है। यह सेक्स ड्राइव को बाधित भी कर सकता है। गर्भावस्था के दौरान सेक्स करने से यह प्रसव को सुविधाजनक बनाता है। कैलोरी जलाता है और शारीरिक फिटनेस को बढ़ावा देता है।’
डॉ. रश्मि बालियान के अनुसार, सहज महसूस करने पर सभी प्रकार के सेक्स और पोजीशन ठीक हैं।
प्रेगनेंसी के दौरान किसी नए पार्टनर के साथ यौन संबंध बनाने पर कंडोम का उपयोग करन चाहिए।
उपयोग के बाद हायजीन के लिए सभी सेक्स टॉयज को साबुन और पानी से अच्छी तरह साफ कर लें।
यदि महिला या पार्टनर को सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज होने की आशंका है, तो सेक्स से बचें। अपनी जांच करवाएं। यौन संक्रमण विकासशील भ्रूण के लिए खतरनाक हो सकता है।
अंतिम फेज़ में भी सेक्स (Pregnancy sex tips) कर सकती हैं। सेक्स प्रसव को प्रेरित करने में मदद कर सकता है। ऑर्गेज्म के बाद होने वाले संकुचन और शारीरिक उत्तेजना से ऑक्सीटोसिन का सीक्रेशन बढ़ जाता है। यह शरीर को सक्रिय कर बच्चे के जन्म की प्रक्रिया को तेज करने में मदद कर सकता है।
यदि किसी प्रॉब्लम की वजह से एमनियोटिक फ्लूइड लीक हो रहा है, तो कभी भी सेक्स नहीं करें।
यदि आपका पहला बच्चा समय से पहले जन्म लिया था, तो इसका मतलब है कि आपको दूसरा बच्चा भी समय से पहले हो सकता है। इसलिए सेक्स जोखिम भरा (Pregnancy sex tips) हो सकता है। यदि असामान्य रूप से योनि से रक्तस्राव हो रहा है या सर्विक्स फैली हुई है तो सेक्स नहीं करें।
प्रेगनेंसी के पहले चरण में सेक्स के बाद स्तनों में दर्द, उल्टी जैसा समस्या हो सकती है। यह सामान्य है। यह गर्भावस्था के दौरान हार्मोनल चेंजेज के लक्षण हैं। यदि सेक्स के बाद बुखार या ठंड लगने लगता है या पेट में तेज दर्द होने लगता है, चक्कर आते हैं, तो समस्या हो सकती है। पेट में गंभीर ऐंठन या तीव्रता के साथ संकुचन होता है, तो गायनेकोलोजिस्ट से तुरंत संपर्क करें।
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