फर्टिलिटी प्रॉब्लम होने पर विशेषज्ञ और घर-परिवार में स्वस्थ और संतुलित आहार खाने की सलाह देते हैं। इससे प्रजनन क्षमता में सुधार हो सकता है। साबुत अनाज, असंतृप्त वसा, प्लांट बेस्ड प्रोटीन जैसे दाल, बीन्स आदि खाद्य पदार्थ लेना फायदेमंद हो सकता है। यह सच है कि गर्भावस्था से पहले और गर्भावस्था के दौरान आहार गर्भ में बच्चे के विकास और भविष्य में उसके स्वास्थ्य पर प्रभाव डालता है। स्वस्थ आहार के अलावा कई और चीज़ें हैं, जिन पर ध्यान देना जरूरी है। इससे फर्टिलिटी बढ़ने (pregnancy planning tips) और प्रेगनेंट होने में मदद मिलती है।
प्राइमस सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में गायनेकोलोजिस्ट डॉ. रश्मि बालियान बताती हैं, ‘कभी-कभार कुछ छोटी समस्याओं के कारण गर्भधारण में देरी हो जाती है। प्रेगनेंसी से पहले कुछ टेस्ट करवाना, फोलिक एसिड लेना और अपने वजन को नियंत्रित करना भी जरूरी है। फर्टिलिटी के लिए सबसे जरूरी फिजिकल एक्टिविटी पर ध्यान देना भी जरूरी है।
कई बार महिलाएं प्रेगनेंसी के लिए प्रयास करने के एक महीने के भीतर गर्भधारण कर लेती हैं। यदि कोई महिला गर्भनिरोधक पिल्स ले रही है, तो इसे बंद करने से दो महीने पहले फोलिक एसिड लेना उसे शुरू कर देना चाहिए। बच्चे को न्यूरल ट्यूब दोषों से बहुत अधिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए शरीर में फोलिक एसिड का निर्माण जरूरी है। गर्भनिरोधक पिल्स बंद करने के बाद प्रेगनेंसी के 12 सप्ताह होने तक प्रतिदिन 400 एमसीजी फोलिक एसिड सप्लीमेंट लेना चाहिए। इससे न सिर्फ प्रेगनेंट होने में मदद मिलती है, बल्कि बाद में भी स्वास्थ्य को फायदा पहुंचता है।
डॉ. रश्मि कहती हैं, ‘बीएमआई (Body Mass Index) एक माप है, जो ऊंचाई और वजन का उपयोग करता है। यह पता लगाता है कि आपका वजन सही है या नहीं। गर्भधारण से पहले बीएमआई 18.5 और 24.9 के बीच होना चाहिए। 25 से अधिक बीएमआई होने से प्रजनन क्षमता कम हो सकती है और गर्भावस्था में समस्या का खतरा बढ़ जाता है। अधिक वजन होने से पुरुषों में भी प्रजनन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
यदि बीएमआई 30 से अधिक है, तो खतरा और अधिक बढ़ सकता है। यदि बीएमआई 18.5 या उससे कम है, तो यह भी प्रजनन क्षमता को प्रभावित कर सकता है और गर्भावस्था के दौरान स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकता है। बीएमआई को नियंत्रित करने का प्रयास जरूरी है।
कभी कभार बिना डॉक्टर की सलाह के लक्षण के आधार पर दवाएं लेना भी फर्टिलिटी के लिए समस्या पैदा कर देते हैं। कुछ महिलाएं अंजाने में कैनबिस या कोकीन जैसी अवैध दवाएं लेने लगती हैं। इससे भी गर्भावस्था में गंभीर जटिलताएं पैदा हो सकती हैं। ड्रग्स या नशे की दवाएं भी इम फर्टिलिटी (pregnancy planning tips) का कारण बन जाती हैं। इसलिए बिना प्रिस्क्रिप्शन वाली दवाएं न लें।
यदि किसी महिला की उम्र 25 – 49 के बीच है, तो उसे हर तीन साल में सर्वाइकल स्क्रीनिंग टेस्ट कराना चाहिए। गर्भवती होने से पहले परीक्षण करवाना (pregnancy planning tips) सबसे अच्छा है। गर्भावस्था परीक्षण के परिणाम को प्रभावित कर सकती है। गर्भधारण की योजना बनाने से पहले यह पता लगाना जरूरी है कि स्क्रीनिंग तुरंत करवाई जाए या बाद में।
सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज प्रजनन क्षमता के साथ-साथ गर्भावस्था और बच्चे को भी प्रभावित कर सकते हैं। यदि आपको या आपके पार्टनर को एसटीआई है, तो दोनों का परीक्षण होना जरूरी है। सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज इम फर्टिलिटी या बच्चा देर से होने का कारण बन सकता है।
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