Too much sex : शारीरिक ही नहीं मानसिक थकान का भी कारण बन सकता है ज्यादा सेक्स, जानिए कैसे

किसी भी चीज़ की अधिकता स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती है, चाहे वह सेक्स ही क्यों न हो। बहुत अधिक मात्रा में किया जाने वाला सेक्स महिलाओं को कई तरह के साइड इफेक्ट भी दे सकता है।
jyada sex hanikarak hai.
बार-बार सेक्सुअल एक्टिविटी से बहुत अधिक ऊर्जा खर्च हो जाती है। अडोबी स्टॉक
Updated On: 26 Oct 2023, 06:23 pm IST
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Dr. Ritu Sethi
मेडिकली रिव्यूड

सभी महिलाएं स्वस्थ यौन जीवन का आनंद लेने की हकदार हैं। कई अध्ययन बताते हैं कि सेक्स स्वास्थ्य को कई तरीकों से फायदा पहुंचाता है। दरअसल, यह विभिन्न प्रकार के न्यूरोट्रांसमीटरों को सक्रिय करता है, जो न केवल मस्तिष्क पर, बल्कि शरीर के कई अन्य अंगों पर भी प्रभाव डालते हैं। कहते हैं कि अति सर्वत्र वर्जयेत। विशेषज्ञ मानते हैं कि यदि ज्यादा मात्रा में सेक्स किया जाये, तो इसके कई साइड इफेक्ट ( Too much sex side effects in female ) भी हो सकते हैं।

फिजिकल और मेंटल हेल्थ पर पड़ सकता है प्रभाव (sex side effects on mental health)

गुरुग्राम के मैक्स हॉस्पिटल्स में एसोशियेट डायरेक्टर (ऑब्सटेट्रिक्स एंड गायनेकोलोजी) और औरा स्पेशलिटी क्लिनिक की डायरेक्टर डॉ. रितु सेठी बताती हैं, ‘सेक्सुअल एक्टिविटी मानव जीवन का स्वाभाविक और स्वस्थ हिस्सा है, जो इमोशनल वेल बीइंग और इंटिमेसी में योगदान करती है। हालांकि जीवन के किसी भी अन्य पहलू की तरह संतुलन जरूरी है। बहुत अधिक यौन गतिविधियों में शामिल होने से महिला के शारीरिक, भावनात्मक और मानसिक स्वास्थ्य पर गलत ढंग से प्रभाव पड़ सकते (jyada sex karne se kya hota hai) हैं।

यहां हैं बहुत अधिक सेक्स से होने वाले साइड इफेक्ट (Too much sex side effects in female)

1 शारीरिक थकावट (Physical Exhaustion)

बार-बार सेक्सुअल एक्टिविटी से बहुत अधिक ऊर्जा खर्च (jyada sex karne se kya hota hai) हो जाती है। एनर्जी बर्न होने और प्रयास के कारण शारीरिक थकावट हो सकती है। इसके कारण थकान (Fatigue), मांसपेशियों में दर्द (Muscles Pain) और समग्र ऊर्जा स्तर में कमी हो सकती है।

2-प्रजनन स्वास्थ्य होता है प्रभावित (Bad Impact on Reproductive Health)

अत्यधिक परिश्रम और लगातार सेक्सुअल एक्टिविटी (sexual activity) एक महिला के मासिक धर्म चक्र (Menstrual Period) को बाधित कर सकती (jyada sex karne ke nuksan) है। इसके कारण अनियमित मासिक धर्म(Irregular Period) , भारी रक्तस्राव (Heavy Bleeding) यहां तक कि मिस्ड पीरियड (Missed Period) भी हो सकता है।

3 संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है (Increased Risk of Infections)

यदि प्रोटेक्टिव वे में सेक्स नहीं किया जाता है, तो संक्रमण का भी खतरा बढ़ (jyada sex karne ke nuksan) जाता है। बार-बार यौन गतिविधि से मूत्र पथ के संक्रमण (urinary tract infection-UTI) के साथ- साथ यौन संचारित संक्रमण (sexually transmitted infections STIs) का खतरा भी बढ़ सकता है।

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यदि प्रोटेक्टिव वे में सेक्स नहीं किया जाता है, तो संक्रमण का भी खतरा बढ़ जाता है। चित्र : अडॉबी स्टॉक

4- आत्म-सम्मान में कमी (Decreased Self-Esteem)

बहुत अधिक सेक्स करने वाली महिला को आत्म-सम्मान या सेल्फ रेस्पेक्ट में भी गिरावट का अनुभव (sex karne se kya hota hai) हो सकता है। खासकर अगर यह मान्यता या स्वीकृति प्राप्त करने का साधन बन जाता है।

5- घबराहट और तनाव (Anxiety and Stress)

बार-बार यौन गतिविधियों में शामिल होने या कुछ अपेक्षाओं को पूरा करने का दबाव चिंता और तनाव को जन्म दे सकता (sex karne se kya hota hai) है। यह मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव (sex karne ke nuksan) डालता है।

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6 रिश्ते में तनाव (Relationship Strain)

यौन संबंधों पर जरूरत से अधिक मात्रा में ध्यान देने पर पार्टनर के साथ भी तनाव (roj sex karne ke nuksan) हो सकता है। इससे गलतफहमी, ईर्ष्या या असंतोष पैदा हो सकता है

7 ऑर्गेज्म प्राप्त करने में कठिनाई (Difficulty Achieving Orgasm)

लगातार यौन गतिविधि के कारण ऑर्गेज्म तक पहुंचने में भी कठिनाई हो सकती (sex karne ke nuksan) है। शरीर उत्तेजना (Stimulation) के अनुरूप ढल जाता है

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लगातार यौन गतिविधि के कारण ऑर्गेज्म तक पहुंचने में भी कठिनाई हो सकती है। चित्र: अडॉबी स्टॉक

कितनी होनी चाहिए मात्रा (How Much Sex)

बहुत ज़्यादा सेक्स जैसी कोई चीज़ नहीं है, लेकिन महिलाओं को हमेशा अपने शरीर की बात सुननी चाहिए। यदि किसी प्रकार का दर्द है या थका हुआ महसूस कर रही हैं (roj sex karne ke nuksan) या पर्याप्त लयूब्रीकेंट (Lubricant) नहीं है, तो इसका मतलब है कि शरीर सेक्स करने की मनाही कर रहा है। सप्ताह में एक या दो बार सेक्स करना हेल्दी है, लेकिन अगर कोई महिला केवल सेक्स के बारे में ही सोचती रहती है, तो यह सामान्य बात नहीं है। उसे सेक्सोलोजिस्ट या थेरेपिस्ट से मिलकर अपनी समस्या सुलझा लेनी चाहिए। हालांकि सेक्स की फ्रीक्वेंसी हर व्यक्ति के लिए अलग हो सकती है। यह उम्र, सेक्सुअल डिजायर और हेल्थ पर भी निर्भर करता है।

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