अगर प्रेगनेंसी से बचने के लिए पुल आउट मेथड अपना रहे हैं, तो जान लीजिए इसके जोखिम

पुल आउट मेथड बिल्कुल भी सेफ नहीं है, इसके कई जोखिम हो सकते हैं। वहीं अक्सर पुरुष पुल आउट करने से चूक जाते हैं, जो अनचाही प्रेगनेंसी का कारण बन सकता है।
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जानें सेक्स के बाद मांसपेशियों में दर्द के कुछ कॉमन कारण। चित्र : एडॉबीस्टॉक
Published On: 30 Jul 2023, 08:00 pm IST
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पुल आउट मेथड को लोग सालों से आजमाते चले आ रहे हैं। जब सालो पहले कंडोम, पिल्स, कॉपर टी जैसे कॉन्ट्रासेप्टिव मेथड को लेकर लोगों के बीच जागरूकता नहीं थी तब प्रेगनेंसी से बचने के लिए लोग पुल आउट मेथड का इस्तेमाल करते थे। हालांकि, यह बिल्कुल भी सेफ नहीं है, इसके कई जोखिम हो सकते हैं। वहीं अक्सर पुरुष पुल आउट करने से चूक जाते हैं, जो अनचाही प्रेगनेंसी का कारण बनता है। सभी गायनेकोलॉजिस्ट कॉन्ट्रासेप्टिव के तौर पर इसे इस्तेमाल करने से सख्त मना करते हैं।

हेल्थ शॉट्स ने इस विषय पर MGM हॉस्पिटल, दिल्ली के गायनेकोलॉजिस्ट डॉ विक्रांत शर्मा से बात की। डॉक्टर के अनुसार अन्य कॉन्ट्रासेप्टिव मेथड की तुलना में पुल आउट मेथड (pull out method) का फेलियर रेट सबसे अधिक है। साथ ही डॉ ने बताया कि यह किस तरह आपके लिए जोखिमकारक हो सकता है (side effects of pull out method)। तो चलिए जानते हैं इस बारे में विस्तार से।

पहले जानें क्या है पुल आउट मेथड (withdrawal method)

पुल आउट मेथड को लोग सेक्स के दौरान प्रेगनेंसी से बचने के लिए इस्तेमाल करते हैं। इस मेथड में पेनिट्रेशन के बाद इजैक्यूलेशन से पहले पुरुष अपने पेनिस को वेजाइना से बाहर निकाल लेते हैं, ताकि स्पर्म को बाहर रिलीज किया जा सके। लोगों के अनुसार यह इसलिए किया जाता है ताकि स्पर्म वेजाइना में प्रवेश न करे और यह एग के साथ फर्टाइल न हो पाए। वहीं इस दौरान अनचाही प्रेगनेंसी से बचा जा सके। पुल आउट को अन्य भाषा में कोइटस इंटरप्टस” (coitus interruptus) और “विथ्ड्रॉअल विधि” (withdrawal method) भी कहा जाता है।

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भूलकर भी न करें पुल्ल आउट मेथड पर भरोसा। चित्र: एडॉबीस्टॉक

मुश्किल हो सकता है समय पर पुल आउट करना

पुल आउट मेथड में कई बार इजैक्यूलेशन के समय पेनिस को बाहर निकालना मुश्किल हो जाता है, जिसकी वजह से स्पर्म वेजाइना के अंदर रिलीज हो सकता है। वहीं बढ़ते उत्तेजना के कारण कई बार मेल पार्टनर अपना मन बदल लेते हैं और स्पर्म अंदर रिलीज कर देते हैं। हालांकि, यह पूरी तरह से मुमकिन है क्योंकि इजैक्यूलेशन का समय सबसे अधिक प्लेजरेबल होता है इस दौरान खुद को कंट्रोल करना बेहद मुश्किल हो सकता है।

कई बार पुल आउट में थोड़ी सी देरी की वजह से स्पर्म वेजाइना के अंदर रिलीज न होकर वेजाइना के बाहरी एरिया जैसे कि वल्वा पर रिलीज हो जाता है। इस स्थिति में भी स्पर्म सेल्स वेजाइना के अंदर स्विम कर सकते हैं और प्रेगनेंसी का कारण बन सकते हैं।

अब जानें पुल आउट मेथड से क्यों बचना चाहिए (side effects of pull out method)

1. बढ़ जाती है कंसीव करने की संभावना

अन्य सभी कॉन्ट्रासेप्टिव मेथड में से प्रेगनेंसी को अवॉयड करने के लिए पुल आउट मेथड का इस्तेमाल करना पूरी तरह से बेवकूफी है। सबसे अहम बात पुल आउट मेथड पूरी तरह से पुरुष पर निर्भर करता है, वहीं जरूरी नहीं कि इजैक्यूलेशन के वक्त सही समय पर आपके पार्टनर अपने पेनिस को वेजाइना से बाहर निकाल पाएं। यदि निकाल भी लेते हैं तब भी प्री इजैक्यूलेशन के फ्लूइड के कारण भी कई बार महिलाएं कंसीव कर सकती हैं। हालांकि, इसकी संभावना काफी कम होती है परंतु फिर भी आप खतरे के घेरे में आ जाती हैं।

इसके अलावा यदि पुल आउट मेथड के दौरान वेजाइना के बाहरी एरिया पर स्पर्म रिलीज होता है तो यह आसानी से वेजाइनल ट्रैक में ट्रेवल कर आपके एग्स के साथ फर्टाइल हो सकता है। इसलिए इसे आजमाने से हमेशा बचें।

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एक्सपर्ट बता रहीं हैं यूटीआई से बचने के उपाय। चित्र शटरस्टॉक

2. बढ़ जाता है एसटीआई का खतरा

बिना कंडोम के सेक्स करना बेहद जोखिम भरा हो सकता है। ऐसे में डॉक्टर के अनुसार कंडोम जैसे कॉन्ट्रासेप्टिव मेथड का इस्तेमाल आपको प्रेग्नेंसी के साथ-साथ तमाम प्रकार के संक्रमण से भी बचाता है। यदि आप पुल आउट मेथड पर भरोसा करती हैं तो चलिए मान लेते हैं कि आप प्रेगनेंसी से बच सकती हैं, परंतु क्या यह आपको संक्रमण से बचा सकता है? बिल्कुल भी नहीं, पार्टनर के पेनिस पर जमे बैक्टीरिया और जर्म्स आपके वेजाइना में प्रवेश कर सकते हैं, जिसकी वजह से आपको एसटीआई यानी कि सेक्सुअल ट्रांसमिटेड इनफेक्शन जैसे कि एचआईवी और हर्पीज होने का खतरा बना रहता है।

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3. प्लेजर हो सकता है डिस्टर्ब

सेक्स के दौरान पुल आउट मेथड अपनाने से आपको पूरी तरह से सैटिस्फैक्शन नहीं मिल पाता। गाइनेकोलॉजिस्ट के अनुसार इजैक्यूलेशन का समय सबसे अधिक प्लेजरेबल होता है, ऐसे में जब आपके दिमाग में पेनिस को पुल आउट करने की बातें चल रही होती है, तो ऐसे में आप अपने प्लेजर को पूरी तरह से एंजॉय नहीं कर पाती। वहीं यह पूरे सेक्स को प्रभावित कर सकती है, क्योंकि हर वक्त आपके मन में इजैक्यूलेशन होने का डर बना रहता है और आपका पूरा ध्यान पुल आउट के आसपास घूमता रहता है।

सेक्स के दौरान खुद को शांत रखना और अपने दिमाग को पूरी तरह से प्लेजर पर फोकस रखना बहुत जरूरी होता है, तभी आप एक सेटिस्फाइंग प्लेजर इंजॉय कर पाती हैं। इसके अलावा पुल आउट में महिलाओं का प्लेजर भी प्रभावित होता है, क्योंकि कहीं न कहीं उनके मन में भी संकोच बना रहता है, खासकर उन महिलाओं के जो कंसीव नहीं करना चाहती। हो सकता है जब महिलाओं को ऑर्गेज्म आने वाला हो तभी उनके पार्टनर अपने पेनिस को पुल कर ले, जिससे कि उनका प्लेजर डिस्टर्ब हो जाता है और वह पूरी तरह से सेटिस्फाइड नहीं हो पाती।

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दोनों पार्टनर को कंडोम का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए | चित्र : शटरस्टॉक

एक्सपर्ट रेकमेंडेड इन कॉन्ट्रासेप्टिव मेथड को करें इस्तेमाल

डॉ विक्रांत शर्मा के अनुसार बैरियर कॉन्ट्रासेप्टिव जैसे कि कंडोम का इस्तेमाल सबसे आसान और अधिक प्रभावी हो सकता है। यह प्रेगनेंसी से लेकर सेक्शुअली ट्रांसमिटेड इनफेक्शन तक से बचाव करने में बेहद प्रभावी रूप से काम करता है। अन्य कॉन्ट्रासेप्टिव मेथड के अनुसार इसका फैलियर रेट भी काफी कम है।

आईयूडी जैसे कि copper-t डिवाइस भी प्रेगनेंसी प्रिवेंट करने का एक प्रभावी तरीका है। हालांकि, आपको इसके दौरान सावधानियां बरतने की आवश्यकता होती है, परंतु यह आपको नुकसान नहीं पहुंचाता। इसके साथ भी कंडोम का इस्तेमाल जरूर करें, क्योंकि यह प्रेग्नेंसी प्रिवेंट करता है इन्फेक्शन नहीं।

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लेखक के बारे में
अंजलि कुमारी
अंजलि कुमारी

इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट अंजलि फूड, ब्यूटी, हेल्थ और वेलनेस पर लगातार लिख रहीं हैं।

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