कैंसर कारक भी हो सकते हैं ओवेरियन सिस्ट, स्त्री रोग विशेषज्ञ बता रहे हैं इनके लक्षण और उपचार

ओवेरियन सिस्ट को लेकर लोगों के मन में कई प्रकार के सवाल उठते हैं। कई बार ओवरीज़ में बनने वाली सिस्ट का आकार बड़ा होने लगता है, जिससे महिलाओं को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। जानते हैं ओवेरियन सिस्ट के लक्षण
Ovarian cyst kya hai
कई बार ओवरीज़ में बनने वाली सिस्ट का आकार बड़ा होने लगता है, जिससे महिलाओं को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। चित्र : शटरस्टॉक
ज्योति सोही Published: 30 Apr 2024, 20:30 pm IST
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ओवेरियन सिस्ट रिप्रोडक्टिव हेल्थ से जुड़ी एक गंभीर समस्या है, जो अधिकतर महिलाओं में देखने को मिलती है। आमतौर पर ये दर्द रहित होती है और ओव्यूलेशन का संकेत मात्र होती हैं। मगर कई महिलाओं में ये समस्या सामान्य से गंभीर रूप लेने लगती है, जिसके चलते उन्हें असहनीय दर्द समेत कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। ओवेरियन सिस्ट को लेकर अब भी लोगों के मन में कई प्रकार के सवाल उठते हैं। जानते हैं ओवेरियन सिस्ट के लक्षणों से लेकर उपचार तक सब कुछ।

क्या है ओवेरियन सिस्ट

ओवरीज़ रिप्रोडक्टिव सिस्टम का एक पार्ट है। गर्भाशय के दोनों किनारों पर दो ओवरीज़ पाई जाती हैं। जब ओवरीज़ एग प्रोडयूस करती हैं, तो साथ ही एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन भी रिलीज़ होते हैं। ये हार्मोन प्रेगनेंसी, पीरियड और ब्रेस्ट ग्रोथ में मदद करते हैं। कई बार ओवरीज़ में बनने वाली सिस्ट का आकार बड़ा होने लगता है, जिससे महिलाओं को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

ओवेरियन सिस्ट का आकार

अमूमन सिस्ट का आकार आधा इंच से 4 इंच तक होता है। मगर कई मामलों में ये धीरे धीरे कड़ी होने लगती है। प्रसव उम्र की महिलाओं में सिस्ट का होना सामान्य हैं। मगर मेनोपॉज के बाद बनने वाली सिस्ट चिंता कारण साबित होती है। युवा महिलाओं में भी इसके कम ही मामले देखने को मिलते हैं।

Ovarian cyst kaise badhti hai
ओवरीज़ एग प्रोडयूस करती हैं, तो साथ ही एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन भी रिलीज़ होते हैं। चित्र : अडोबी स्टॉक

ओवेरियन सिस्ट कैसे बनती है और इसके प्रकार

इस बारे में बातचीत करते हुए स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ अंजलि कुमार का कहना है कि ओवेरियन सिस्ट ओवरीज़ में मौजूद फ्लूइड फिल्ड एक थैली होती हैं। महिलाएं अपने जीवनकाल कभी भी इस समस्या की चपेट में आ सकती हैं। हार्मोन असंतुलन जिस से चेहरे पर पिंपल्स का कारण साबित होते हैं। उसी तरह ओवरीज़ में पाई जाने वाले फ्लूइड से भरी थैली को ओवेरियन सिस्ट कहा जाता है।

ये सिस्ट दो प्रकार की होती हैं। एक फिजियोलॉजिकल सिस्ट जिसमें फॉलिकुलर सिस्ट और कॉर्पस लिटियम सिस्ट आती हैं। वहीं दूसरी सिस्ट को पैथोलॉजिकल सिस्ट की कैटगरी में रखा जाता है, जिसमें डर्माइड सिस्ट, सिस्टेडेनोमा और एंडोमेट्रियोमा आती हैं। फिजियोलॉजिकल सिस्ट जहां सामान्य होती हैं, तो वहीं पैथोलॉजिकल सिस्ट के लक्षणों को इग्नोर नहीं किया जा सकता।

यहां हैं ओवेरियन सिस्ट के लक्षण (Symptoms of ovarian cyst)

1. पेल्विक पेन

ओवेरियन सिस्ट को मुख्य लक्षण पेल्विक एरिया में बढ़ने वाली गंभीर पेन को माना जाता है। पीरियड के दौरान ये दर्द बढ़ने लगता है और असहनीय हो जाता है। सिस्ट से ब्लीडिग और उसमें बढ़ने वाला इंफेक्शन इस समस्या का कारण साबित होता है।

Ovarian cyst se kaise pelvic pain badhti hai
ओवेरियन सिस्ट को मुख्य लक्षण पेल्विक एरिया में बढ़ने वाली गंभीर पेन को माना जाता है। चित्र शटरस्टॉक

2. वॉमिटिंग

पेट के निचले हिस्से में रहने वाले दर्द के अलावा महिलाओं को नॉज़िया का सामना करना पड़ता है। आमतौर पर डर्मोइड सिस्ट के वक्त एपिटाइट लो होने लगता है और वॉमिटिंग व जी मचलाने की समस्या का सामना करना पड़ता है। ऐसे में भूख नहीं लगती और थकान रहती है।

3. पेनफुल बॉवल मूवमेंट

स्टूल पास करने के दौरान दर्द की समस्या का सामना करना पड़ता है। इसके बार बार यूरिन पास करने की समस्या भी बढ़ जाती है। दरअसल, सिस्ट के कारण बढ़ने वाले प्रैशर से फ्रिक्वेंटली यूरिन पास होने लगता है।

4. अनियमित पीरियड्स

अगर आपकी पीरियड साइकल नियमित नहीं है या पेनफुल हैं, तो इस बारे में डॉक्टर से अवश्य जांच करवाएं। ये ओवेरियन सिस्ट की ओर इशारा करता है। ऐसे में पीरियड के दौरान हैवी ब्लीडिंग और हल्की ब्लीडिंग जैसे संकेत नज़र आने लगते हैं।

Period cycle disturb kyu hone lagti hai
अगर आपकी पीरियड साइकल नियमित नहीं है या पेनफुल हैं, तो इस बारे में डॉक्टर से अवश्य जांच करवाएं। चित्र शटरस्टॉक।

क्या करें अगर ओवेरियन सिस्ट हो जाए

इस बारे में डॉ आरएमएल अस्पताल नई दिल्ली में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ अंजुम आरा का कहना है सभी औरतों में अलग अलग तरह की सिस्ट पाई जाती है। कुछ कैंसरस होती है और कुछ नॉन कैंसरस है। वे महिलाएं, जो रिप्रोडक्टिव एज में हैं, उनमें अधिकतर नॉन कैंसर सिस्ट ही पाई जाती है। मेनोपॉज के बाद कैंसर सिस्ट का खतरा बढ़ने लगता है।

सबसे जरूरी बात यह है कि सिस्ट के लक्षण होने पर उसे नजरंदाज न करें। किसी भी वजह से उसे डिले करने की जगह फौरन इलाज करवाएं। इसके लिए अल्‍ट्रासाउंड और पेल्विक एग्ज़ामिन किया जाता है। इसके अलावा सीटी स्कैन और एमआइआई की भी मदद ली जा सकती है। ओवेरियन सिस्ट की गंभीरता के हिसाब से उसे दवाओं या फिर सर्जरी के माध्यम से रिमूव किया जाता है।

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लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं। ...और पढ़ें

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