ओवरऑल हेल्थ का ध्यान रखने के अलावा इंटिमेट हाइजीन को बनाए रखना भी ज़रूरी है। इसके लिए महिलाएं कई प्रकार के प्रोडक्टस का इस्तेमाल करती है। उन्हीं में से एक है टैल्क यानि पाउडर का प्रयोग। योनि के आसपास बढ़े हुए मॉइश्चर की रोकथाम करने और दुर्गंध से बचने के लिए अक्सर महिलाएं पाउडर को योनि पर अप्लाई करती हैं। नियमित तौर पर इसका इस्तेमाल योनि में खुजली, दर्द और जलन समेत कई समस्याओं का कारण बनने लगता है। जानते हैं वेजाइना पर पाउडर अप्लाई करने से होने वाली समस्याएं (Side effects of vaginal talc) और उससे निपटने के उपाय।
इस बारे में स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ रितु सेठी का कहना है कि महिलाएं कई कारणों से योनि पर टैल्कम का इस्तेमाल करती है। जहां एक तरफ इससे स्किन पर मौजूद माइश्चर लॉक हो जाता है। तो वहीं इसमें पाए जाने वाले कार्सिनोजैनिक तत्व सेहत के लिए हानिकारक साबित होते हैं। जो ओवेरियन कैंसर के खतरे को बढ़ाने का कारण साबित होता हैं। इसके इस्तेमाल को सीमित करें और इसके स्थान पर कैमिकल रहित पाउडर या अन्य प्रोडक्टस का इस्तेमाल करना चाहिए।
योनि में इस्तेमाल किए जाने वाले पाउडर जलन और एलर्जी का कारण बनने लगते है। इसमें पाए जाने वाले हार्मफुल कैमिकल्स वेजाइना की सेंसिटविटी को प्रभावित करते है। इससे वेजाइना का पीएच लेवल असंतुलित होने लगता है। जो इचिंग, बर्निंग व रैशेज का कारण बन जाता है। वे लोग जो नियमित तौर पर इसका प्रयोग करते हैं। उन्हें योनि की हेल्थ को लेकर सतर्क रहने की आवश्यकता है।
टैल्क को वेजाइना पर लगाने से कई स्वास्थ्य संबधी समस्याओं का जोखिम बढ़ने लगता है। एफडीए की रिसर्च के अनुसार टैल्क को बनाने में मैग्नीशियम, सिलिकॉन, ऑक्सीजन व हाइडरोजन का इस्तेमाल किया जाता है। जो त्वचा के माइश्चर को सोखने में मदद करता है। इसके इस्तेमाल से फैलोपिन्स टयूब्स और यूटर्स में पार्टिकल्स जाने लगते हैं। जो सूजन और सिस्ट का कारण बनने लगते हैं।
फेमिनिन हाइजीन के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले पाउडर भले ही योनि से आने वाली दुर्गंंध और मॉइश्चर को कम कर देती है। मगर साथ ही कैंसर के जोखिम को बढ़ाने में भी कारगर साबित होते हैं। इसे लगाने से इसमें मौजूद तत्व ओवरीज़ के संपर्क में आते हैं। जो वेजाइना के लिए हानिकारक साबित होते हैं। इससे ओवेरियन कैंसर का खतरा बढ़ने लगता है।
अगर आपकी स्किन सेंसिटिव है, तो टैल्कम का इस्तेमाल वेजाइना के आसपास इचिंग और रैशेज का जोखिम बढ़ा सकता है। इससे स्किन पर रेडनेस बढ़ने लगती है। जो खुजली का कारण साबित होती है। इसमें पाए जाने वाले तत्व त्वचा के रूखेपन को भी बढ़ाने लगती है। इसके अलावा जगह जगह रैशेज की समस्या भी बढ़ जाती है।
टैल्क को लगाने से एयरबॉर्न डिज़ीज़ के बढ़ने का खतरा बना रहता है। सांसे लेने से इसमें मसैजूद तत्व शरीर में पहुंचकर एलर्जी कह संभावना को बढ़ा देते हैं। इसके चलते घुटन, खांसी और बार बार छींके आने की समस्या भी बढ़ने लगती है। जो फेफड़ों के स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक साबित होता है।
रोज़ाना किसी भी प्रकार के पाउडर या क्रीम व इंटिमेट वॉश को भी योनि पर इस्तेमाल करने से बचें। इससे स्किन का पीएच लेवल असंतुलित होने लगता है।
फेमिनिन हाइजीन को बनाए रखने के लिए कैमिकल रहित पाउडर का प्रयोग करें। इससे त्वचा कार्सिनोजैनिक तत्व के संपर्क में आने से बच जाती है। इससे किसी बड़े खतरे का जोखिम कम होने लगता है।
योनि से संबधी किसी भी परेशानी के लिए डॉक्टर से संपर्क करें और जांच के बाद डॉक्टर के अनुसार किसी भी प्रॉडक्ट को प्रयोग करें। इससे आपकी योनि का स्वास्थ्य उचित बना रहेगा।
ब्रीदएबल अंडरगार्मेटस पहनना बेहद ज़रूरी है। इससे योनि का स्वास्थ्य उचित बना रहता है। साथ ही अत्यधिक पसीने और मॉइश्चर की समस्या से बचा जा सकता है।
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