यूरिन पास करने और मल त्याग करने के बाद बट और योनि को क्लीन करना चाहिए या नहीं? यकीनन हां, पर कैसे? यह हमेशा से चर्चा का विषय रहा है। इन दिनों अधिकतर लोग पानी की जगह क्लीनिंग के लिए टॉयलेट पेपर का इस्तेमाल करने लगे हैं। जबकि कुछ महिलाएं वेजाइना क्लीन करने के लिए वेट वाइप्स या बेबी वाइप्स का प्रयोग करती हैं। हांलाकि कुछ लोगों का मानना है कि बेबी वाइप्स बच्चों के लिए पूरी तरह से सुरक्षित हैं, इसलिए अन्य लोग भी इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। जब कि ये पूरी तरह से सच नहीं हैं। जानते हैं एक विशेषज्ञ से कि क्यों वेजाइना को बेबी वाइप्स से क्लीन नहीं करना चाहिए (baby wipes for vaginal cleaning)।
जन्म के समय बच्चों की स्किन बेहद नाजुक और मुलायम होती है। इसके चलते माता.पिता छोटे बच्चों की सफाई के लिए लंबे समय तक बेबी वाइप्स का उपयोग करते हैं। इस बारे में बेंगलुरु के व्हाइटफील्ड स्थित मदरहुड हॉस्पिटल्स में सीनियर कंसल्टेंट, ऑब्स्टेट्रिशियन एंड गायनेकोलॉजिस्ट डॉ तेजी दावने महत्वपूर्ण जानकारी साझी कर रही है। वे कहती हैं वेजाइना पर बेबी वाइप्स का इस्तेमाल करने के लिए सावधानी बरतने की जरूरत होती है। जानते हैं कैसे।
बेबी वाइप्स में सुगंध, प्रिसर्वेटिव्स और अन्य कैमिकल्स होते हैं। इससे वेजाइना के सेंसिटिव टिशूज के इरिटेट होने का खतरा रहता है। इससे स्किन पर रेडनेस, इचिंग और असुविधा महसूस होने लगती है। ऐसे में वाइप्स के प्रयोग से बचना चाहिए।
जन्म के समय एक बच्चे की योनि का पीएच न्यूटरल होता है। जो धीरे धीरे एसिडिक होने लगता है। थोड़ा एसिडिक पीएच योनि में बैक्टीरिया के स्वस्थ संतुलन को बनाए रखने में फायदेमंद साबित होता है। यूएस नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित 2021 के एक अध्ययन के अनुसार, वो महिलाएं जो अब तक मेनोपॉज से होकर नहीं गुजरी हैं। उनकी योनि का पीएच 3.8 से 5.0 तक होता है। अगर आप वहां बेबी वाइप्स का उपयोग करते हैं, तो वे पीएच बैलेंस को डिस्टर्ब कर सकता हैं।
योनि पर बार बार बेबी वाइप्स का इस्तेमाल करने से हानिकारक बैक्टीरिया पनपने का खतरा बढ़ जाता है। इससे यूटरस में संक्रमण का खतरा रहता है। इससे यूटीआई जैसी समस्याएं शरीर को प्रभावित करती है।
कई बार खानपान में कोताही बरतने से शरीर में एलर्जी की संभावना बढ़ने लगती है। इसके अलावा बेबी वाइप्स भी एलर्जी का एक कारण साबित हो सकता है। इसमें मौजूद तत्व कई लोगों की सेंसिटिव स्किन पर एलर्जी का कारण बनने लगते है। इससे स्किन पर जलन और रैशेज की संभावना बढ़ जाती है।
बेबी वाइप्स का लगातार इस्तेमाल करने से वे वेजाइना के नेचुरल माइश्चर को छीन लेती है। इस बारे में स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ दावने ने हेल्थ शॉट्स से बातचीत में बताया कि बेबी वाइप्स का योनि पर अत्यधिक प्रयोग ड्राइनेस का कारण बनने लगता है। इसके अलावा वेजाइना के आसपास असुविधा महसूस होने लगती है।
हल्के गुनगुने पानी से वेजाइना को क्लीन करने से पीएच बैलेंस बना रहता है। इसके अलावा बैक्टिरियल इंफेक्शन का खतरा भी कम हो जाता है। योनि की स्वच्छता को बनाए रखने के लिए नहाने के दौरान योनि को गुनगुने पानी से अवश्य साफ करें।
वेजाइना की क्लीनिंग के हिसाब से बाज़ार में मिलने वाले साबुन का प्रयोग करें। अगर आप रेगुलर खुशबूदार साबुन से योनि को क्लीन करती हैं, तो इससे वेजाइना के आसपास सूखापन महसूस होने लगता है।
सिंथेटिक अंडरवियर की जगह कॉटन अंडरवियर पहनें। इससे योनि के नज़दीक पसीना और दुर्गंध की समस्या से राहत मिलती है। इसके अलावा इंफेक्शन और इचिंग का खतरा भी कम होने लगता है।
जब भी आप यूरिन पास करने या पेट साफ करने के लिए जाते हैं, तो बट को आगे से पीछे तक पोंछें। इससे मौजूद बैक्टीरिया योनि तक नहीं पहुंच सकते हैं।
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