Intimate Hygiene Wash in summer : चिपचिपाहट और पसीने से भरपूर होता है गर्मी का मौसम, एक्सपर्ट से जानते हैं क्या इन दिनों वैजाइनल वॉश जरूरी है

गर्मी के दिनों में पसीना खूब चलता है। हवा और धूलकण की भी अधिकता होती है। तो क्या गर्मी के सीजन में वैजाइना की सफाई जरूरी है? इस बारे में एक्सपर्ट से जानते हैं।
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हेल्थकेयर प्रोवाइडर गर्मी में भी कभी योनि के अंदर धोने की सलाह नहीं देते हैं। चित्र:शटरस्टॉक
Updated On: 30 May 2023, 07:44 pm IST
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आप यह विज्ञापन कहीं भी देख सकती हैं। फेमिनिन या इंटीमेट वॉश का । यह बताता है कि योनि क्षेत्रों को चेहरे की तरह साफ़ रखने की जरूरत है। चेहरे की सफाई के लिए क्लींजर और बालों की सफाई के लिए शैम्पू का उपयोग किया जाता है। ठीक इसी तरह वैजाइना की सफाई जरूरी है। इसके लिए प्राकृतिक, कोमल, मॉइस्चराइजिंग गुणों वाले वैजाइना क्लींजर सुरक्षित हैं। विशेषज्ञ बताते हैं कि वैजाइना अपनी सफाई खुद करता है। इसलिए किसी भी तरह के प्रोडक्ट का इस्तेमाल वैजाइना स्किन के लिए फायदेमंद नहीं है। जानते हैं एक्सपर्ट से कि क्या गर्मी में इंटिमेट हायजीन वाशेज की जरूरत (intimate hygiene wash for summer) है।

वेजाइनल वॉश की जरूरत  (vaginal wash)

प्राइमस सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल, नई दिल्ली की कन्सल्टेंट ऑब्सटेट्रिशियन और गायनेकोलोजिस्ट डॉ. रश्मी बालियान बताती हैं, ‘हर मौसम में योनि अनिवार्य रूप से खुद अपनी सफाई करती है। इसके अंदर पानी या कोई भी उत्पाद डालने की जरूरत नहीं है। इसीलिए डाउचिंग की सिफारिश नहीं की जा सकती है। इन उत्पादों को वेजाइनल वॉश भी कहा जाता है। योनि को साफ करने के लिए इनका इस्तेमाल कभी भी आंतरिक रूप से नहीं किया जाना चाहिए।’

बैक्टीरियल वेजिनोसिस का खतरा (Bacterial Vaginosis) 

डॉ. रश्मी कहती हैं, ‘हेल्थकेयर प्रोवाइडर गर्मी में भी कभी योनि के अंदर धोने की सलाह नहीं देते हैं। अध्ययनों से पता चला है कि यह बैक्टीरियल वेजिनोसिस (Bacterial Vaginosis) और यीस्ट संक्रमण के जोखिम (Yeast infection risk) को बढ़ा सकता है। हालांकि प्रोडक्ट यह भी दावा करता है कि योनी की त्वचा के समान यह पीएच लेवल बैलेंस करने में मदद करती है।’

पीएच संतुलन के लिए लैक्टोबैसिली (PH Balance of Vagina)

लैक्टोबैसिली नामक लाखों हेल्दी बैक्टीरिया हैं, जो योनि में संतुलन बनाए रखने और बहाल करने में मदद करते हैं। यह सेक्स या पीरियड के बाद भी रहता है। ये बैक्टीरिया एक स्वस्थ पीएच संतुलन बनाते हैं। ये हल्की गंध बनाए रखने में भी मदद करते हैं। ये समस्याग्रस्त जीवों से बचाव करते हैं और उनसे लड़ते हैं।

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लैक्टोबैसिली नामक लाखों हेल्दी बैक्टीरिया हैं, जो योनि में संतुलन बनाए रखने में मदद करते हैं। चित्र:शटरस्टॉक

योनि क्षेत्र में लैक्टोबैसिली संतुलन बाधित होने पर किसी भी प्रकार का यीस्ट संक्रमण, बैक्टीरियल इन्फेक्शन और यौन संचारित संक्रमण (STI) होने की संभावना बढ़ सकती है।

जलन और अन्य दुष्प्रभाव (Irritation and other disease)

फेमिनिन वॉश से एलर्जी, रिएक्शन या इन्फेक्शन जैसे साइड इफेक्ट हो सकते हैं। यह ध्यान रखना चाहिए कि एक ही उत्पाद का उपयोग करने पर समय के साथ संवेदनशीलता विकसित हो सकती है। वल्वा पर साबुन और पानी से धोने से छुटकारा पाने के लिए जरूरी है।

एसेंशियल आयल, रसायन और सुगंध नहीं होना चाहिए (intimate Hygiene wash product)

फेमिनिन वॉश साइड इफेक्ट का कारण बन सकता है। कुछ विशेषज्ञ मानते हैं कि प्रोडक्ट में एसेंशियल आयल, रसायन और सुगंध नहीं होने पर ये सुरक्षित होते हैं। उन्हें निर्देशों के अनुसार उपयोग किया जा सकता है।ऐसे उत्पाद की तलाश करें, जिसमें कोई रसायन न हो । इसमें कोई परफ्यूम या सुगंध नहीं हो सकता है

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तत्काल जरूरत नहीं है बदलने की

यदि आप पहले से ही किसी उत्पाद का उपयोग कर रही हैं। यह आपके लिए काम कर रहा है, तो अपनी दिनचर्या को रोकने या बदलने की कोई तत्काल जरूरत नहीं है। जब तक कि आपमें किसी प्रकार की कोई वल्वर त्वचा की समस्या या जलन विकसित न हो

अधिक धोने से सुरक्षात्मक स्किन बैरियर टूट सकती है ( excessive washing affect skin barrier)

अपने हाथों का उपयोग लेबिया मिनोरा के बाहरी हिस्से को पानी से धोने के लिए करें। किसी भी सफेद स्मेग्मा को बाहर निकाल दें। स्किन सेल और आयल को पतला करने के लिए यह अपने आप बनता है। उंगलियों और पानी से सिलवटों में धोने के लिए क्लिटोरल हुड को धीरे से उठा लें।

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कभी भी आंतरिक रूप से या योनि के अंदर सफाई न करें। रोज पानी से धुलाई ठीक है। चित्र : अडॉबी स्टॉक

कभी भी आंतरिक रूप से या योनि के अंदर सफाई न करें। रोज पानी से धुलाई ठीक है। स्किन पर प्राकृतिक तेल और सामान्य बैक्टीरिया होते हैं, जो सुरक्षात्मक होते हैं। अधिक धोने से सुरक्षात्मक स्किन बैरियर टूट सकती है। यह जलन और संक्रमण का कारण बन सकती है।

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लेखक के बारे में
स्मिता सिंह
स्मिता सिंह

स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है।

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