सोकर उठते ही आंखों के नीचे दिखने वाली सूजन या पफीनेस के कई कारण हो सकते हैं। कई बार देर तक जागना और लंबे वक्त तक स्क्रीन के सामने बैठना आंखों की त्वचा को नुकसान पहुंचा सकता है। इससे आंखों की पूर्ण देखभाल नहीं हो पाती है, जो ब्लोटिड आइज़ (Bloated eyes) की समस्या को बढ़ा देता है। इससे चेहरे की खूबसूरती भी कम होने लगती है और चेहरे पर थकान नज़र आने लगती है। हर उम्र के लोग इस समस्या का सामना करते हैं। जानते हैं आई पफीनेस बढ़ने के कारण (Causes of puffy eyes) और इससे बचने के उपाय (how to avoid puffiness in eyes) भी।
अमेरिकन अकेडमी ऑफ ओफ्थामोलॉजी के अनुसार उम्र बढ़ने के साथ आंखों के आसपास के टिशूज़ में कमज़ोरी और ढ़ीलापन बढ़ने लगता है। इसके चलते फै्टस लो आई लिड्स की ओर बढ़ने लगता है, जिससे आंखें सूजी हुईं और पफ्फी दिखने लगती हैं। फ्लूइड भी निचली पलकों की ओर बढ़ने लगता है, जो एडिमा और सूजन का कारण साबित होता है।
इस बारे में कंसलटेंट आई सर्जन डॉ अनुराग नरूला का कहना है कि देर तक जागना, लॉन्ग स्क्रीन टाइम, केमिकल युक्त प्रोडक्टस का प्रयोग और अत्यधिक नमक खाने से शरीर में वॉटर रिटेंशन की समस्या बढ़ने लगती है। इसके चलते आंखों के नीचे सूजन बढ़ जाती है। कई बार हैरीडिटी के चलते भी इस समस्या का सामना करना पड़ता है। इससे बचने के लिए आंखों की सेहत का खास ख्याल रखें। भरपूर नींद लें और आंखों को ठण्डक पहुंचाने के लिए कोल्ड कंप्रेस की मदद ले सकते हैं।
आंखों की त्वचा को हेल्दी बनाए रखने के लिए भरपूर नींद लें। इससे नींद न आने की समस्या हल होने लगती है। एक्सपर्ट के अनुसार 7 से 9 घण्टे की नींद पूरी करने से आंखों के नीचे बढ़ने वाली सूजन और काले घेरे दूर होने लगते हैं।
आंखों की सेहत का ख्याल रखने के लिए अमेरिकन अकेडमी ऑफ ओफ्थामोलॉजी के मुताबिक सिर के नीचे पिलो रखकर सोएं। इससे सिर थोड़ा सा उपर उठता है, जिससे शरीर में ब्लर्ड सर्कुलेशन नियमित होने लगता है और फ्लूइड की मात्रा एक ही जगह एकत्रित होने की जगह आंखों के आसपास बनी रहती है।
स्मोकिंग करने से शरीर में कोलेजन की मात्रा घटने लगती है। इससे आंखों के नीचे की त्वचा रूख, बेजान और पतली हो जाती है। इससे ब्लड वेसलस दिखने लगती हैं।
जॉन हॉप्किन मेडिसिन के अनुसार अधिक मात्रा में सॉल्टी फूड खाने से शरीर में वॉटर रिटेंशन बढ़ने लगती है, जो स्वैलिंग का कारण साबित होती है। ऐसे में ज्यादा मात्रा में मसालेदार और बाहर का खाना खाने से बचें। इससे स्वास्थ्य उचित बना रहता है और आंखों के नीचे बढ़ने वाली सूजन से राहत मिल जाती है।
आंखों के टिशूज़ को ठण्डक प्रदान करने के लिए टी बैग्स का इस्तेमाल कारगर साबित होता है। इसमें पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंटस की मदद से आईज़ रिलैक्स हो जाती हैं और आंखों की त्वचा को टाइट करने में मदद करते हैं। इसके लिए टी बैग्स को हल्के गुनगुने पानी में डालकर कुछ देर रखें। पानी सामान्य होने के बाद आंखें बंद कर लें और टी बैग्स को आंखों के नीचे रखें।
एक रूमाल में बर्फ को लपेटकर आंखों के नीचे कुछ देर तक रखें। कोल्ड कंप्रेस से आंखों के नीचे बढ़ने वाली सूजन कम होने लगती है। इससे आंखों के नीचे की त्वचा में ब्लड सर्कुलेशन उचित मात्रा में होने लगता है, जो स्किन को हेल्दी बनाए रखने में मदद करता है।
कॉटन बॉल को खीरे के रस में डिप करके आंखों के नीचे लगाने से आंखों की त्वचा मुलायल और स्वस्थ रहती है। इससे बढ़ने वाली पफ्फीनेस कम हो जाती है। इस प्रक्रिया से आंखों को ठण्डक मिलती है, जिससे टिशू संकुचित होने लगते हैं।
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