बच्चों में लीडरशिप क्वालिटी करना चाहती हैं डेवलप, तो एक्सपर्ट की बताई इन 5 टिप्स की लें मदद

वे माता पिता जो बच्चों को मन मुताबिक जीवन के फैसले लेने की आज़ादी और खुलकर बोलने के लिए मंच देते हैं। उन बच्चों में आत्मविश्वास बढ़ने लगता है, जो लीडरशिप का मुख्य संकेत हैं। जानते हैं लीडरशिप क्वालिटीज़ बढ़ाने की टिप्स
leader banne ke liye kin tips ko follow karein
वे माता पिता जो अपने बच्चों को खुलकर बोलने के लिए खुला मंच देते हैं। उन बच्चों में आत्मविश्वास बढ़ने लगता है। चित्र : अडोबी स्टॉक
ज्योति सोही Published: 27 Mar 2024, 15:30 pm IST
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बचपन वो उम्र है, जिसमें बच्चे को माता पिता जिस प्रकार से ढ़ालने का प्रयास करेंगे, वो उसी सांचे में ढ़ल जाएंगे। वो माता पिता जो बच्चे को डांटते या फटकारते है, उनके बच्चे हर पल डरे और सहमे हुए रहने लगते हैं। दूसरी ओर वे माता पिता जो अपने बच्चों को अपने मन मुताबिक जीवन के फैसले लेने की आज़ादी और खुलकर बोलने लेने के लिए खुला मंच देते हैं। उन बच्चों में आत्मविश्वास बढ़ने लगता है, जो लीडरशिप का मुख्य संकेत हैं। सभी माता पिता अपने बच्चों में लीडरशिप क्वालिटीज़ को भरना चाहते है, जो बच्चे के भविष्य को उज्जवल बनाने में मदद करता है। जानते हैं वो कौन सी टिप्स हैं, जिनकी मदद से बच्चों में लीडरशिप क्वालिटीज़ को भरने में मदद मिलती है (leadership qualities in kids)।

लीडरशिप क्वालिटी किसे कहते हैं

एक मज़बूत नेतृत्व में किसी लक्ष्य को हासिल करने के लिए दूसरों को प्रोत्साहित करने की प्रतिभा को लीडरशिप क्वालिटी कहा जाता है। वे बच्चे जो आत्मविश्वास से भरपूर होते हैं, उनमें लीडरशिप क्वालिटीज़ पाई जाती है। वे हर कार्य को खुद करना चाहते हैं और अन्य लोगों को अपने विचारों से मोटिवेट करने की प्रतिभा उनमें पूर्ण रूप से पाई जाती है। इस क्षमता को बढ़ाने के लिए बच्चों पर विश्वास रखना ज़रूरी है। उनकी रिस्पेक्ट करें और उनके विचारों और सोच को समझें और उन्हें आगे बढ़ाने में मदद करें।

इस बारे में मनोचिकित्सक डॉ युवराज पंत बनाते हैं कि बच्चों में लीडरशिप क्वालिटी को बनाने के लिए सोशन डेवलपमेंट पर फोकस करना आवश्यक है। इससे बच्चे अन्य लोगों के साथ घुल मिल जाते हैं और किसी अन्य व्यक्ति से बात करने के दौरान होने वाली हिचक दूर हो जाती है। युवराज पंत बताते हैं कि अन्य लोगों के संपर्क में आने से बच्चों का भावनात्मक विकास बढ़ जाता है। बच्चों की बौद्धिक क्षमता में बढ़ोतरी के साथ इमोशनल इंटेलिजेंस का होना भी ज़रूरी है। इसके लिए बच्चों में आत्मविश्वास बढ़ता है, जो लीडरशिप क्वाउलिटी को बढ़ाने में मदद करता है।

Bacchon mei leadership quality kyu hai jaruri
किसी लक्ष्य को हासिल करने के लिए दूसरों को प्रोत्साहित करने की प्रतिभा को लीडरशिप क्वालिटी कहा जाता है। चित्र अडोबी स्टॉक

जानते हैं बच्चों में लीडरशिप क्वालिटी कैसे बढ़ाएं

1. कम्यूनिकेशन स्किल्स हैं ज़रूरी

बातचीत करने की प्रतिभा बच्चों के जीवन में अहम रोल अदा करती है। इससे बच्चे के आत्मविश्वास में वृद्धि होती है। कॉफिडेंस बढ़ने से बच्चे अपनी भावनाओं को आसानी से व्यक्त कर पाते हैं। इसके लिए माता पिता को बच्चों का प्रोत्साहित करना चाहिए और उन्हें समझना चाहिए। सभी बच्चों के इंटरस्ट अलग अलग होते हैं। ऐसे में बच्चों को बोलने का मौका दें और उनकी राय को पारिवारिक फैसलों में शामिल भी करें।

2. जीत के साथ हार का महत्व समझाएं

हर पल जीत मिलने से बच्चों के जीवन में जीन का महत्व नहीं रहता है और बच्चों का व्यवहार एरोगेंट होने लगता है। बच्चों को भावनात्मक रूप से मज़बूत बनाने और उनके अंदर लीडरशिप क्वालिटी पैदा करने के लिए उन्हें हार का सामना करना सिखाएं। इससे बच्चों के व्यवहार में नरमी और हार का डर बना रहता है, जिससे बच्चे हार्ड वर्किंग बनने लगते हैं।

3. बच्चों को पार्टिसिपेटिंग बनाएं

बच्चे के मन में छिपी झिझक और शर्म को दूर करने के लिए उन्हें हर एक्टीविटी में पार्टिसिपेट करने के लिए प्रोत्साहित करें। इससे बच्चों के व्यवहार में आत्मविश्वास बढ़ता है। साथ बच्चों का व्यवहार इंटरैक्टिंग होने लगता है। स्कूल एक्टीविटीज़ हों या सोशल वर्क बच्चे को हर कार्य से जोड़ने का प्रयास करें।

4. हर छोटी बात पर डांटने से बचें

छोटी छोटी बातों पर बच्चों को डांटने से उसका असर उनके आचरण पर नज़र आने लगता है। इससे बच्चा मानसिक और भावनात्मक रूप से कमज़ोर हो जाता है और कुछ भी कहने व करने से डरने लगता है। ऐसे बच्चों के मन में डर की भावना बढ़ने लगती है। बच्चों में लीडरशिप क्वालिटी को बढ़ाने के लिए उनके मन से डर को दूर करने का प्रयास करें और हर बात पर डांटना बंद कर दें।

strict parents hone ke nuksaan
बच्चों के साथ एक सामान व्यव्हार रखें। चित्र शटरस्टॉक।

5. प्रोत्साहित करें

बच्चों को उनकी हर छोटी गतिविधि के लिए प्रोत्साहित करें। इससे बच्चे का व्यक्तित्व मज़बूत बनता है और वो कार्य को पूरे मन से करने लगते हैं। इससे उनकी कार्य क्षमता में भी बढ़ोतरी होती है और व्यवहार में लीडरशिप क्वालिटी आ जाती है। बच्चों को छोटे छोटे कार्यों में एगेंज करने से उनका व्यवहार मददगार बनने लगता है।

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लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं। ...और पढ़ें

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