ये 5 संकेत बताते हैं कि अब आप हो चुकी हैं भावनात्मक रूप से मजबूत, यही है खुश रहने का मंत्र

कुछ समस्याओं के कारण हम भावनात्मक रूप से कमजोर हो जाते हैं। इनका निदान करने पर हम मजबूत भी हो सकते हैं। एक्सपर्ट यहां भावनात्मक रूप से मजबूत होने के 5 संकेत बता रही हैं।
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भावनात्मक रूप से मजबूत होने पर ही आप रोजमर्रा के काम अच्छी तरह निपटा सकती हैं। आपकी पर्सनेलिटी डेवलप हो सकती है। चित्र : एडोबी स्टॉक
स्मिता सिंह Updated: 23 Oct 2023, 09:16 am IST
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कई बार कुछ समस्याओं के कारण हम परेशान होते रहते हैं। जब उनका हल निकल जाता है, तो हम तनाव मुक्त हो जाते हैं। इसका पता न सिर्फ हमें, बल्कि हमारे आस-पास रहने वाले और साथ काम करने वाले लोगों को भी पता चल जाता है। कुछ कारणों से हमें ऐसा लग सकता है कि हम अपने नेगेटिव इमोशन और नेगेटिव यादों से नहीं निकल पाए हैं।
यदि आपके साथ भी कुछ ऐसा होता है, तो एक्सपर्ट इमोशनली इवोल्व करने या भावनात्मक रूप से मजबूत होने (Emotionally Strong) के संकेत बता सकती हैं।

क्यों जरूरी है भावनात्मक रूप से मजबूत होना (Emotionally Strong)

साइकोलोजिस्ट सानिया बेदी अपने इन्स्टाग्राम पोस्ट में बताती हैं कि किसी भी क्षेत्र में सफल होने के लिए नेगेटिव भावनाओं से बहर निकलना जरूरी है। भावनात्मक रूप से मजबूत (Emotionally Strong) होने पर ही आप रोजमर्रा के काम अच्छी तरह निपटा सकती हैं। आपकी पर्सनेलिटी डेवलप हो सकती है।

यहां हैं वे 5 संकेत, जिनसे आपको पता चल सकता है कि आप भावनात्मक रूप से मजबूत हो चुकी हैं

1 अपने इमोशन को पहचानना (recognizing your emotions)

जब हम किसी बुरी यादों में खोये रहते हैं, तो अपनी भावनाओं को पहचानना भूल जाते हैं। हमें सिर्फ अंधेरा ही अंधेरा दिखता है। वहीं नेगेटिव भावनाओं से उबरने पर आप सही और गलत को पहचानना सीख जाती हैं।

यदि आपको लगता है कि अपने इमोशन को सामने प्रकट करना जरूरी है, तो बिना समय गंवाये वह काम कर देती हैं। इमोशन को पहचानना और उसे नाम देना सीखना भावनात्मक रूप से मजबूत होने का पहला संकेत है।

2 इमोशन से दूर नहीं भागें (Don’t Run away from Emotion)

जिस व्यक्ति से हमें कष्ट हुआ है, हम उसके सामने जाने से कतराते हैं। यह आपके कमजोर व्यक्तित्व की निशानी है। जब आप भावनात्मक रूप से मजबूत हो जाती हैं, तो आप दिल दुखाने वाले व्यक्ति के सामने अपनी बात रखने से हिचकती नहीं हैं।

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इमोशन को पहचानना और उसे नाम देना सीखना भावनात्मक रूप से मजबूत होने का पहला संकेत है। चित्र: शटरस्टॉक

3 निश्चित पैटर्न को समझना और पहचानना (Pattern)

सही और गलत में फर्क सीखना भावनात्मक रूप से मजबूत होने के लिए जरूरी है। यह एक निश्चित पैटर्न बनाता है। यह प्रोफेशनल वर्ल्ड में सफलता हासिल करने के लिए महत्वपूर्ण है। इसके बाद हम किसी बात पर दुखी होना छोड़ देते हैं। असफलता को भी न्यूट्रल तरीके से लेने लगते हैं।

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4 खुद पर विश्वास (Believe in Yourself)

जब हम भावनात्मक रूप से कमजोर होते हैं, तो सबसे पहला काम खुद पर भरोसा करना छोड़ देते हैं। हमें लगता है कि हमसे सारा काम गलत ही होगा। कोई भी काम डेडलाइन पर पूरा नहीं हो पायेगा। इसके कारण आगे काम में गलतियां भी दिखने लगती हैं। पर्सनल फ्रंट पर भी हम पिछड़ने लगते हैं

यदि खुद पर विश्वास रखना शुरू करती हैं, तो बिगड़े हुए काम भी बनने लगते हैं। यदि आपका खोया हुआ आत्मविश्वास लौट आया है, तो आपको भावनात्मक रूप से मजबूत होने (Emotionally Strong) से कोई नहीं रोक सकता है।

5 प्राथमिकता में मेंटल हेल्थ (Mental Health on Priority)

यदि आपको लगता है कि आप तनाव (Stress) और अवसाद (Depression) से घिरने लगी हैं। ऐसी स्थिति में आप खुद अपनी मेंटल हेल्थ पर ध्यान देने लगी हैं, तो इसका मतलब है कि आप भावनात्मक ही नहीं दिमागी तौर पर भी मजबूत हो चुकी हैं। मेंटल हेल्थ केयर के अंतर्गत योग, ध्यान, माइंडफुलनेस भी हो सकता है

यदि जरूरत पड़े, तो साइकोलोजिस्ट (Psychologist) से मिलने में भी नहीं हिचकना चाहिए।

आप खुद अपनी मेंटल हेल्थ पर ध्यान देने लगी हैं, तो इसका मतलब है कि आप भावनात्मक ही नहीं दिमागी तौर पर भी मजबूत हो चुकी हैं। चित्र : एडोबी स्टॉक

साइकोलोजिस्ट के साथ अलग-अलग सेशन में किया गया कम्युनिकेशन आपको मेंटल हेल्थ से जुडी समस्याओं का निदान करने में मदद करेगा। यदि आपकी प्राथमिकता में मेंटल हेल्थ है, तो आपके इमोशनली इवोल्व होने की पूरी संभावना है।

यह भी पढ़ें :- प्रोफेशनल फ्रंट या फैमिली लेवल पर चाहती हैं मजबूत रहना, तो इन 4 तरीकों से करें इमोशनल मैनेजमेंट

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स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है।...और पढ़ें

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