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दुनिया भर में बाल यौन शोषण (Child abuse) के मामले बढ़ रहे हैं। यह ऐसा अपराध है, जिसके अधिकांश मामले तो रजिस्टर ही नहीं हो पाते। जबकि बच्चे के मन पर यह जीवन भर के लिए दाग छोड़ जाते हैं। जिसका असर उसकी मेंटल हेल्थ (Mental health) और सामाजिक रिश्तों पर भी पड़ता है। कई बार तो वयस्क होने के बावजूद वे नैसर्गिक संबंधों के लिए तैयार नहीं हो पाते। शर्मनाक बात यह है कि 60 फीसदी बच्चे अपने परिवार के सदस्यों या जान-पहचान वालों के द्वारा यौन शोषण के शिकार होते हैं। छोटे गांवों, कस्बों से लेकर देश-दुनिया तक में बच्चों की एक बड़ी संख्या इस मानसिक-शारीरिक आघात का सामना करती है। यह जरूरी है कि आप छोटी उम्र से ही बच्चों को इसके बारे में जागरुक करें (Tips to prevent sexual abuse) । आपकी मदद करने के लिए हम यहां हेल्थ शॉट्स पर कुछ सेफ्टी टिप्स दे रहे हैं।
छोटे बच्चे हर किसी को प्यारे लगते है। हम भी यही समझते है कि हर कोई बच्चे को उसी नज़र से देख रहा है जिससे हम देखते हैं। मगर ऐसा सोचना गलत है। आस पड़ोस हो या रिश्तेदार धीरे-धीरे पहले वो बच्चे के करीब आने लगते हैं। घर बुलाने का बहाना खोजते हैं और उसके बाद जेनिटल्स को टच करना (genitals touching) और बच्चे के साथ किसिंग (Kissing) और नहलाना समेत कई गलत काम करने लगते हैं। बच्चों को बॉडी सेफ्टी के बारे में जानकारी देना पेरेंटस की जिम्मेदारी (Parents responsibility) है। आइए जानते हैं वो कौन सी बातें है, जो आपके बच्चे को सेक्स एब्यूज से बचाने में मददगार साबित हे सकती है।
इस बारे में बातचीत करते हुए राजकीय मेडिकल कालेज हल्दवानी में मनोवैज्ञानिक डॉ युवराज पंत बताते हैं कि बच्चों को हर जगह सुरक्षा की आवश्यकता है। चाहे बच्चे स्कूल में हों, कोचिंग में हो या किसी जानने वाले के घर। माता पिता को सरप्राइज़ विज़िट कर बच्चे का ध्यान रखने की ज़रूरत है। इसके अलावा बच्चा किस अवस्था में गया और किस तरह वापिस लौटा। इस बात का भी ज़रूर ख्याल रखें। बच्चे को सेल्फ प्रोटेक्शन के लिए जूडो कराटे और अन्य चीजों की जानकारी ज़रूर दें, ताकि वो अपनी रक्षा खुद कर सके।
चाइल्ड सेक्सुअल एबयूस आंकड़ों की मानें, तो 60 फीसदी बच्चे जान पहचान वालों या करीबियों से ही सेकसुअल एबयूस का शिकार बन जाते है। सेंटर्स फॉर डिज़ीज कंट्रोल के मुताबिक हर 6 में से 1 लड़का और हर चार में से 1 लड़की सेक्सुअली एब्यूज की जाती है। गर्वमेंट रिपोर्टस की मानें, तो 90 फीसदी बच्चे जानते है कि उन्हें किसने और कब एब्यूज किया था। वहीं 40 फीसदी बच्चे ऐसे होते हैं, जिनका अपने से बड़े और ताकतवर बच्चों के ज़रिए यौन शोषण किया जाता है।
एक्सपर्ट के बताए 6 टिप्स जो आपके बच्चे को यौन शोषण से बचा सकते हैं
बच्चों को इस बात की जानकारी दें कि शरीर के किस अंग को छूना सही है और किस अंग को छूना गलत। बच्चों को ज़रूर बताएं कि किसी अजनबी के अलावा जान पहचान वालों के भी करीब जाने से बचें। अगर कोई आपको गोद में बैठने को कहे, तो उसे बिल्कुन मना कर दे। अगर कोई सिर पर हाथ रखता है तो सही है लेकिन अगर कोई सिर या माथे को चूमता है, तो वो पूरी तरह से गलत है। इसके अलावा किसी के सामने कपड़े बदलना और अपने जेनिटल्स को दूसरों के सामने शो करना भी गलत है।
रिश्ते की एवज में अक्सर लोग यौन शोषण को अंजाम देते हैं। ऐसे में बच्चों को समझाएं कि वे माता पिता के अलावा किसी अन्य व्यक्ति की गोद में न बैठे। इससे वे बच्चों को छूने लगते है और उनके करीब आने लगते हैं। जो आगे चलकर परेशानी का सबब बन सकता है।
समय की कमी के कारण बच्चे माता पिता से खुलकर बात नहीं कर पाते है। अगर आप भी अपने बच्चे को समय नहीं दे रही है, तो सतर्क हो जाएं। बच्चों को समय के अलावा ऐसा माहौल भी दें कि वो खुलकर बात कर सके। अपनी हर छोटी बात आपको बताने में उसे उलझन न महसूस हो। आपको भी बच्चों का डांटने की बजाय समझने की जरूरत होती है।
मां के हाथों में हर बच्चा खुद को महफूज समझता है। वो हर बात अपनी मां से आसानी से साझा भी करता है। ऐसे में बच्चों को इस बात की जानकारी दें कि मां और डॉक्टर के अलावा किसी अन्य को प्राइवेट बॉडी पार्टस को टच करने की परमिशन न दें। अक्सर बच्चे इस बात को समझ नहीं पाते हैं कि जेनिटल्स को क्यों टच किया जा रहा है। हांलाकि किसी अजनबी के छूने से वे खुद को असहज महसूस करने लगते हैं। मगर कई बार कुछ बोल नहीं पाते हैं।
अक्सर घर आने वाले लोग बच्चे को गुदगुदी करना और उन्हें गालों पर चूमने का प्रयास करते हैं। बच्चों को बताएं कि वे किसी को भी अपने करीब आने और शरीर को छूने की इजाजत न दें। इसके अलावा ये माता पिता की भी डयूटी है कि किसी को भी बच्चे के कपड़े बदलने और उन्हें नहलाने की परमिशन न दें।
आज की सोसायटी में माता पिता वर्किंग है, जिसके चलते वे बच्चों को अधिक समय नहीं दे पाते हैं । बच्चे कई बार पड़ोसियों या रिश्तेदारों के घर समय बिताने लगते हैं। जहां बच्चों का यौन शोषण भी हो सकता है। माता पिता को बच्चों की निगरानी रखनी चाहिए। वहीं बच्चों को किसी के घर ज्यादा वक्त न रूकने ही हिदायत दें। उन्हें समझाएं कि किसी को भी अपने करीब न आने दें।
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