वृद्ध वयस्कों, महिलाओं और मानसिक रूप से बीमार लोगों में नींद नहीं आने की बीमारी आम है। अच्छी और गहरी नींद नहीं लेने से जीवन के हर पहलू पर असर पड़ सकता है। यह मूड से लेकर दिन में प्रभावी ढंग से कार्य करने की क्षमता को भी प्रभावित कर सकता है। रात में नींद नहीं आने के कई कारण हो सकते हैं। आयुर्वेद के अनुसार, कुछ उपाय अपनाकर अच्छी नींद लाई (Ayurvedic tips for good sleep) जा सकती है।
जर्नल ऑफ़ फैमिली मेडिसिन एंड प्राइमरी केयर के अनुसार, विश्व के कई देशों की 10%-30% आबादी अनिद्रा से ग्रस्त होती है। कुछ स्थानों पर यह आंकड़ा 50%-60% तक हो सकता है। इन सभी में मुख्य रूप से गैजेट का अत्यधिक प्रयोग और नशे का सेवन करना कारण बन सकता है।
अमेरिका के दक्षिणी कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय में हुई स्टडी बताती है कि कई चीजें रात की खराब नींद में योगदान कर सकती हैं। दिनचर्या सही नहीं होने पर दिन में अत्यधिक थकान भी नींद नहीं आने का कारण बन सकती है। सोने से पहले टीवी, आईपैड, फोन जैसे गैजेट का प्रयोग बहुत अधिक उत्तेजना का कारण बन सकते हैं, जो नींद में दिक्कत पैदा कर सकते हैं।
स्क्रीन से निकलने वाली नीली रोशनी शरीर में मेलाटोनिन के स्राव को रोक देती है। यह हार्मोन नींद का एहसास कराता है। शाम में बहुत अधिक कैफीन और शराब का सेवन करना भी शामिल हो सकता है। इसके अलावा, शोरगुल वाले वातावरण में सोना, दिन में बहुत अधिक सोना, सूरज की रोशनी के कम संपर्क में आना और कुछ दवाएं भी नींद नहीं आने का कारण बन सकती हैं। तनाव, चिंता, अवसाद भी अनिद्रा और स्लीप एपनिया के कारण बन सकते हैं।
आयुर्वेद के अनुसार शरीर और दिमाग को संतुलन में लाने पर ही नींद आती है। नींद हमारे शरीर, दिमाग और मन को आराम देने के साथ-साथ टोक्सिंस को शरीर से बाहर निकालने में मदद करती है।
इंटरनेशनल जर्नल ऑफ़ रिसर्च इन आयुर्वेद के अनुसार, शरीर पर गर्म हर्बल तेल से मालिश करने से अच्छी नींद आ सकती है। यदि पूरे शरीर की मालिश करना कठिन लगता है, तो स्कैल्प और पैरों से शुरुआत की जा सकती है। नहाने से पहले या बाद में गर्म ऑर्गेनिक तिल या बादाम या चंदन के तेल की कुछ बूंदों से पैरों की धीरे-धीरे मालिश करें।
सिर न्यूरॉन रिसेप्टर्स से भरा होता है, इसलिए स्कैल्प पर तेल से मसाज करने पर मस्तिष्क को संदेश मिलता है कि इसे अब आराम देने का समय आ गया है। इससे हवा और गति से जुड़े वात दोष को कम करने में मदद मिलती है।
दूध में एक चुटकी इलायची पाउडर, एक चौथाई चम्मच जायफल (Nutmeg), दालचीनी और अदरक पाउडर मिलाएं। इसे धीमी आंच पर गर्म करें। इसमें आधा चम्मच घी भी मिलाया जा सकता है। सोने से एक घंटे पहले इसे लेने से पाचन और नींद को बढ़ावा मिल सकती है।
शाम ढलने के बाद एसेंशियल ऑयल डिफ्यूज़र (essential oil diffuser) और चंदन की अगरबत्ती का प्रयोग करें। यह मन को शांत और स्वस्थ रखते हैं। मन शांत होने पर समय पर अच्छी नींद (Ayurvedic tips for good sleep) आ जाती है।
अस्त-व्यस्त और पूरे घर में फैले हुए सामान का प्रभाव मन पर भी पड़ता है। बेड रूम साफ़-सुथरा होने से आराम करने में मदद मिलती है। साफ़ और आरामदायक बिस्तर, धीमी रोशनी, शांत वातावरण अच्छी नींद लाने में मदद करते हैं। जैसे ही सूरज ढल जाए, मस्तिष्क को संकेत देने के लिए घर की रोशनी कम कर दें कि दिन के व्यस्त कार्यक्रम समाप्त हो गये और अब रात में आरामदायक नींद जरूरी है।
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