हम सब कभी न कभी सिरदर्द का सामना करते हैं, लेकिन माइग्रेन से पीड़ित व्यक्ति को यह दर्द काफी ज्यादा होता है। कई स्टडीज में यह सामने आया है कि आपकी डाइट माइग्रेन में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। कुछ फूड्स जहां माइग्रेन के दर्द को ट्रिगर कर सकते हैं, वहीं आहार में अच्छे बदलाव कर माइग्रेन को कम किया जा सकता है। आइए जानते हैं बिना दवा के खाद्य पदार्थों के माध्यम से माइग्रेन को कंट्रोल करने के उपाय।
मैग्नीशियम, ओमेगा-3 फैटी एसिड, कीटो-फ्रेंडली खाद्य पदार्थ और कैफीन सभी माइग्रेन को रोकने में मदद कर सकते हैं। अपने आहार में हरे पत्तेदार साग, एवोकाडो और मछली जैसे खाद्य पदार्थों को शामिल करने पर विचार करें।
कुछ खाद्य पदार्थों के बारे में हमे बताया डायटिशियन शिखा कुमारी से, शिखा कुमारी क्लिनिकल डायटिशियन और वेट लॉस एक्सपर्ट हैं। (Dietitian_Shikha_Kumari) जिससे माइग्रेन की समस्या कम होती है।
आहार विशेषज्ञ शिखा कुमारी बताती हैं कि अदरक में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। जो माइग्रेन के दर्द को कम करने में मदद कर सकते हैं। इसका कई रूपों में सेवन किया जा सकता है, जैसे कि अदरक की चाय, अदरक ऑयल या अदरक के सप्लीमेंट।
पालक मैग्नीशियम और अन्य महत्वपूर्ण पोषक तत्वों से भरपूर होता है, जो माइग्रेन को रोकने में मदद कर सकता है। अगर आप माइग्रेन को कंट्रोल करना चाहती हैं, तो अपने दैनिक आहार में पालक की रेसिपीज शामिल करें।
स्वीट पोटैटो या शकरकंद विटामिन बी 6 से भरपूर होता है, जो माइग्रेन की आवृत्ति और गंभीरता को कम करने में मदद कर सकता है। इसे आप उबाल कर या भून कर अपनी डेली डाइट में शामिल कर सकती हैं।
चेरी में ऐसे यौगिक होते हैं, जिनमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं और यह माइग्रेन के दर्द को कम करने में मदद कर सकती हैं। चेरी बेहद स्वादिष्ट फल है, जिसे आप मिड मील स्नैक्स के रूप में ले सकती हैं।
औषधीय मसालों में शामिल हल्दी में करक्यूमिन होता है, जो एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों वाला एक यौगिक है। यह भी माइग्रेन के दर्द को कम करने में मदद कर सकती है। अपनी हर रोज की दाल-सब्जी में हल्दी को शामिल कर आप इस दर्द से उबर सकती हैं।
मैग्नीशियम एक महत्वपूर्ण खनिज है, जो माइग्रेन की फ्रीक्युएंसी और गंभीरता को कम करने में मदद कर सकता है। मैग्नीशियम से भरपूर खाद्य पदार्थों में बादाम, पालक, एवोकाडो और डार्क चॉकलेट शामिल हैं।
डायटीशियन शिखा कुमारी बताती हैं कि डिहाइड्रेशन सिरदर्द को ट्रिगर कर सकता है। इसलिए खूब पानी पीने से उन्हें रोकने में मदद मिल सकती है। एक्सपर्ट हर रोज सभी के लिए न्यूनतम 8 गिलास पानी पीने की सलाह देती हैं।
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पेपरमिंट में कूलिंग इफेक्ट होता है, जो सिरदर्द को कम करने में मदद कर सकता है। इसका सेवन पेपरमिंट टी के रूप में या पेपरमिंट एसेंशियल ऑयल को सूंघकर किया जा सकता है।
ओमेगा-3 फैटी एसिड में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो माइग्रेन के दर्द को कम करने में मदद कर सकते हैं। ओमेगा-3 से भरपूर खाद्य पदार्थों में सैल्मन, चिया के बीज और अखरोट शामिल हैं।
शिखा कुमारी बताती है कि माइग्रेन के लिए केसर के उपयोग के सीमित वैज्ञानिक प्रमाण हैं। हालांकि, कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि केसर की एंटीऑक्सिडेंट और एंंटी इंफ्लामेंट्री गुणों के कारण माइग्रेन की रोकथाम और उपचार में संभावित भूमिका हो सकती है। इसके अलावा, कुछ संस्कृतियों में सिर दर्द और माइग्रेन के इलाज के लिए केसर का पारंपरिक रूप से उपयोग किया जाता रहा है।
इन खाद्य पदार्थों और पेय पदार्थों को अपने आहार में शामिल करने से माइग्रेन और सिरदर्द के लक्षणों को कम करने में मदद मिल सकती है। हालाँकि यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि हर किसी का शरीर अलग होता है और एक व्यक्ति के लिए जो काम करता है वह दूसरे के लिए काम नहीं कर सकता है। यदि आप माइग्रेन या सिरदर्द से पीड़ित हैं, तो आपके लिए उपचार का सर्वोत्तम तरीका निर्धारित करने के लिए डॉक्टर से मिलने का सलाह जरूर दी जाती है।
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