आज की भागदौड़ में हम इतने बिजी हो गए हैं कि खुद के लिए टाइम निकालना ही भूल गए हैं। खुद के प्रति कठोर हो गए हैं, लेकिन एक हेल्दी और खुशहाल जिन्दगी के लिए खुद के प्रति दयालु होना बेहद जरूरी होता है। यदि आप अपने प्रति दयालु रहते हैं तो आप शायद सबसे खुश इंसान हो सकते हैं। क्योंकि आप अपने मन की सुनते हैं, जो कार्य पसंद होते हैं वही करते हैं जो आपकी मेन्टल हेल्थ के लिए बहुत अच्छा होता है। आपको अपने लिए दयालु होने की जरूरत क्यों है इसे समझने के लिए एक्सपर्ट द्वारा दी गयी टिप्स आपके काम आ सकती है।
हर वर्ष 13 नवंबर को विश्व दयालुता दिवस (World Kindness Day) के रूप में मनाया जाता है। इस दिन की शुरुआत जापान में वर्ष 1997 में की गयी थी। इसका मुख्य उद्देश्य था लोगों को अच्छे काम करने के लिए प्रेरित करना और दूसरों के प्रति दयालु रहना। वर्तमान समय में कई देशों (जापान, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, संयुक्त अरब अमीरात सहित नाइजीरिया) में विश्व दयालुता दिवस (World Kindness Day) मनाया जाता है। काफी लम्बे समय के बाद सिंगापुर और अब भारत और इटली भी इस मुहिम में शामिल हो गए हैं।
इस बात को समझने के लिए कि आपको अपने प्रति दयालु होने की जरूरत क्यों होती है हेल्थ शॉट्स ने मनोवैज्ञानिक डॉ. कामना छिब्बर से बात की। डॉ कामना फोर्टिस हेल्थ केयर में मानसिक स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख हैं। वह कहती हैं कि आप तभी किसी भी स्थिति में सकारात्मक और आशावादी रह सकते हैं।
जब आप अपने लिए दयालु होते हैं। यदि आप अपने लिए कठोर हैं तो आप इस बात को नहीं जान पाएंगे की आप मुश्किल परिस्थितियों में उनका समाधान किस तरह से निकाल सकते हैं। अपने प्रति अत्यधिक कठोर होना किसी समस्या के समाधान के लिए एक रचनात्मक दृष्टिकोण अपनाने की अनुमति नहीं देता है।
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यदि आप स्वयं को समझना चाहते हैं। तो आपको अपने लिए दयालु होने की जरूरत है। क्योंकि आप अपनी पसंद-नपसंद, अच्छाई-बुराई को तभी समझ सकते हैं। जब आप खुद को समझे और खुद को समय दें। आज की भाग दौड़ में हम बहुत व्यस्त हैं जिस वजह से हम स्वयं को ही समय नहीं देते और अपने प्रति कठोर रहते हैं। इसका प्रभाव हमारी मेंटल हेल्थ पर भी पड़ता है। जब हम आपके लिए समय निकालते हैं और दयालु रहते हैं तो हम खुश भी रहते हैं जिससे हमारा मस्तिष्क आदित्य एक्टिव और क्रिएटिव होता है
एक्सपर्ट कहती हैं जब आप खुद को जान लेते हैं। तब आप यह भी समझ जाते हैं कि आप चुनौतियों का सामना कर सकते हैं। किसी भी परिस्थिति में कठोर होना आपको समस्या का समाधान नहीं देता है। यदि आप अपने प्रति दयालु होते हैं। तो आप बड़ी सरलता से किसी भी चुनौती का सामना कर सकते हैं।
कभी-कभी हम ऐसी परिस्थितियों में फस जाते हैं। जिससे निकलना काफी मुश्किल होता है। यदि हम अपने प्रति सकारात्मक और आशावादी सोच रखते हैं। और उस समस्या का कठिन परिस्थिति से बाहर आने के लिए प्रयास करते हैं तो हम उस परिस्थिति से सकारात्मक सोच के साथ और सही निर्णय लेते हुए निकल आते हैं।
जब आप अपने प्रति दयालु होते हैं तब आप एक रचनात्मक दृष्टिकोण भी रखते हैं। तब आप में आत्मविश्वास होता है। कि आप सभी कार्यों को भलीभांति और क्रिएटिव ढंग से पूर्ण कर सकते हैं।
आप अक्सर दूसरों का ख्याल रखते हैं। लेकिन खुद का ख्याल, खुद की इच्छाओं को ध्यान में रखना भुल जाते हैं। जब आप अपने प्रति दयालु होते हैं। तब आप इन सभी बातों पर विचार करते हैं और अपना भी बेहतर तरह से ध्यान रखते हैं।
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