गुलाबी गाल अकसर खूबसूरती की निशानी माने जाते हैं। अपने चेहरे के आकर्षण को बढ़ाने के लिए ज्यादातर लोग चीक बोन्स को हाइलाइट भी करते हैं। जिससे उनके गाल गुलाबी नजर आएं। पर क्या आप जानती हैं कि हर समय चेहरे का लाल होना खूबसूरती नहीं, बल्कि एक बीमारी का संकेत हो सकते हैं! जी हां, मेडिकल टर्म में इसे रोजेशिया (Rosacea) कहा जाता है। जो एक त्वचा संबंधी विकार है। यह क्या है, किन वजह से हो सकती है और इससे कैसे (How to prevent Rosacea) बचा जा सकता है, इस बारे में जानने के लिए हमने एक एक्सपर्ट से बात की।
यदि आपका फेस सेब जैसा लाल है, तो लोग इसे स्वस्थ और अधिक ब्लड की निशानी मानते हैं। जोकि बिल्कुल भी सही नहीं है, क्योंकि चेहरे का अधिक लाल रहना रोजेशिया (Rosacea) बीमारी का संकेत हो सकता है। वैसे तो यह बहुत गंभीर बीमारी नहीं है, लेकिन फिर भी इसके लिए कुछ सावधानियां रखना आवश्यक होता है। तो चलिए एक्सपर्ट से जानते हैं कि क्या है रोजेशिया (Rosacea) और इससे कैसे बचना है।
फेस पर दाने होना, धूप में स्किन का लाल होना और एक्ने होना सामान्य है, लेकिन यदि ऐसा लंबे वक़्त तक रहता है, तो यह स्किन संबंधी समस्या हो सकती है। आपकी स्किन का लाल रंग रोजेशिया बीमारी हो सकती है। इस समस्या में शुरुआत में लाल रंग के दाने उभरते हैं और फिर ये धीरे-धीरे पूरे फेस पर फैलते जाते हैं।
डॉ रिंकी कपूर कंसल्टेंट डर्मेटोलॉजिस्ट, कॉस्मेटिक डर्मेटोलॉजिस्ट और डर्माटो-सर्जन, द एस्थेटिक क्लीनिक की संस्थापक हैं। वे कहती हैं कि रोजेशिया अक्सर बाहरी कारकों की वजह से होती है- जैसे सूरज की रोशनी, गर्म या ठंडे तापमान, तेज हवाएं, गर्म स्नान, अधिक व्यायाम और तनाव। इसके साथ ही आप जो खाते हैं, वह भी इसका एक कारण हो सकता है।
1. एरीथेमैटोटेलांगेस्टाटिक रोजेशिया- डॉ रिंकी कहती हैं, “इस तरह के रोजेशिया में फेस पर सामान्य लालिमा के साथ नसों का उभार नज़र आता है।”
2. पॉपुलोपोस्टलर रोजेशिया- इसमें फेस पर मुंहासे हो सकते हैं जिसके आसपास लालिमा दिखाई देने लगती है।
3. राइनोफायमा रोजेशिया- यह रोजेशिया बहुत ही कम होने वाली वाली बीमारी है। इसमें नाक की स्किन मोटी और लाल हो जाती है।
4. ओक्यूलर रोजेशिया- आंखों के आस-पास की स्किन लाल होने के साथ ही आंखों में जलन की परेशानी होने लगती है।
एक्सपर्ट कहती हैं ऐसे कई खाद्य पदार्थ और पेय पदार्थ हैं, जो रोजेशिया की स्थिति के कारण होने वाली प्रतिक्रियाओं को ट्रिगर करते हैं। जैसे कि लालिमा, रक्त वाहिकाओं का पतला होना और स्किन का मोटा होना। इसके अतिरिक्त सबसे दिलचस्प बात यह है कि आयुर्वेद में, “खाद्य पदार्थों को गर्म करना” रोजेशिया को ट्रिगर करता है, इसलिए उनसे भी बचें।
आमतौर पर दालचीनी का इस्तेमाल मसालों में किया जाता है जो सेहत के लिए फायदेमंद भी होता है। लेकिन इसका अधिक प्रयोग रोजेशिया का कारण बन सकता है। दालचीनी में बर्निंग इफ़ेक्ट होते हैं इसलिए अधिक सेवन से जलन, एक्ने और लालिमा की समस्या हो सकती है।
अधिक मसालेदार चीजों का सेवन आपकी सेहत के साथ-साथ आपकी स्किन पर भी असर करता है। जिससे स्किन खराब होने लग जाती है। मसालेदार चीजें रक्त वाहिकाओं को फैलाने का कार्य कर सकती है जिससे रोजेशिया होने का जोखिम बढ़ सकता है।
शराब ऐसा पेय पदार्थ है जिनमें सैचुरेटैड फैट काफी अधिक होता है ये आपके हार्ट के साथ-साथ स्किन के लिए भी हानिकारक है।
लाल मिर्च, हरी मिर्च और मिर्च पाउडर के अधिक सेवन से कई समस्या होने लगती हैं। इसका इस्तेमाल एलर्जी की समस्या की वजह भी बनता है और रोजेशिया का जोखिम भी बढ़ा सकता है।
टमाटर आपके खाने का स्वाद बढ़ा देता है लेकिन कुछ स्किन प्रॉब्लम में इसका सेवन नुकसान देता है। इसलिए रोजेशिया में टमाटर का सेवन न करने की सलाह दी जाती है। ऐसा करने से रोजेशिया के खतरे को कम किया जा सकता है।
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