बिजी लाइफस्टाइल और बदलते खानपान की वजह से कुछ बीमारियां बहुत ही आम हो गयी हैं। जिसमें से एक डायबिटीज भी है। मधुमेह के मामले में ऐसा माना जाता है कि इसे उचित खानपान से नियंत्रित रखा जा सकता है लेकिन इसे खत्म नहीं किया जा सकता है। यदि समय रहते इसके लक्षण पर ध्यान दिया जाए तो इस घातक बीमारी से बचा जा सकता है। खासतौर से आयुर्वेद में शुगर कंट्रोल करने के लिए बताई गई हर्ब्स तो आपकी रसोई में ही मौजूद हैं। आइए जानते हैं कैसे करना है इन हर्ब्स (ayurvedic remedies for blood sugar control) का इस्तेमाल।
जब ब्लड में शुगर की मात्रा जरूरत से ज्यादा बढ़ जाती है, तो इसे मधुमेह कहा जाता है। यह परेशानी तब होती है जब इंसुलिन का कार्य बाधित होता है। इंसुलिन एक प्रकार का हार्मोन होता है, जो पैंक्रियाज द्वारा बनाया जाता है। इस हार्मोन का कार्य ग्लूकोज को ऊर्जा में बदलना होता है। जब इंसुलिन का कार्य बाधित होता है तो यह ग्लूकोज को एनर्जी बदलने की जगह ब्लड में बढ़ाने लगता हैं। जिससे डायबिटीज की समस्या होती है।
डॉक्टर दीक्सा भावसार सावलिया आयुर्वेदिक एक्सपर्ट हैं। वे कहती हैं कि कुछ आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां जो आपको प्रीडायबिटिक से बचाने में मदद करती हैं और टाइप 1 और टाइप 2 मधुमेह के लिए आपके शुगर के लेवल को कंट्रोल में रखती हैं।
डायबिटीज के मरीजों को जो सलाह दी जाती है वो है खानपान पर ध्यान देना। यदि मधुमेह के मरीज अपने आहार में मेथी के दाने (Fenugreek Seeds) को शामिल करते हैं तो उन्हें कई फायदे हो सकते हैं। क्योंकि इसके सेवन से ब्लड में शुगर के लेवल को कंट्रोल किया जा सकता है। इसके साथ ही यह टाइप-2 के मरीजों में इंसुलिन प्रतिरोध को भी कम करने का कार्य करता है।
मधुमेह और ब्लड शुगर को कंट्रोल में रखने के लिए काली मिर्च (Black Pepper) का सेवन किया जा सकता है। काली मिर्च में एंटीहाइपरग्लाइसेमिक एजेंट शामिल होते हैं, जो ब्लड में ग्लूकोज के लेवल को कम कर सकते हैं और डायबिटीज को कंट्रोल में रखने में मदद मिलती है।
कैसे करना है काली मिर्च का इस्तेमाल
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डायबिटीज को कंट्रोल में रखने के लिए दालचीनी का सेवन किया जा सकता है। यदि डायबिटीज के मरीज अपनी डाइट में दालचीनी को शामिल करते हैं तो उन्हें डायबिटीज को कंट्रोल में रखने में मदद मिलती है। क्योंकि इसमें एंटी डायबिटिक गुण शामिल होते हैं।
निशा (टर्मरिक) और अमलकी (आंवला) का यह संयोजन मधुमेह के इलाज के लिए आयुर्वेदिक डॉक्टरों के द्वारा बेहद पसंद किया जाता है क्योंकि यह शुगर के लेवल को कंट्रोल में रखता है, आपको ऊर्जावान रखने में सहायता करता है, अतिरिक्त कफ को कम करता है, आपकी इम्युनिटी को बढ़ाता है और यहां तक कि मधुमेह की जटिलताओं को भी रोकता है।
ईरानियन जर्नल ऑफ फार्मास्युटिकल रिसर्च द्वारा अदरक पर किये गए शोध के मुताबिक, इसे डायबिटीज पर प्रभावी पाया गया है। यह बढ़े हुए ब्लड शुगर के लेवल को कंट्रोल करने के साथ ही इन्सुलिन की सक्रियता को बढ़ाने का भी कार्य कर सकता है। इसमें एंटी-डायबिटिक, हाइपोलिपिडेमिक और एंटी-ऑक्सीडेटिव गुण होते हैं। जो हेल्थ के लिए फायदेमंद होते हैं।
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