Shoulder Pain : फिजिकल और मेंटल स्ट्रेस भी बन सकता है कंधे में दर्द का कारण, जानिए इससे कैसे राहत पानी है

कंधे और पीठ की मांसपेशियां आपकी रीढ़ की स्थिति को प्रभावित करती हैं। पॉश्चर में बदलाव आपके शरीर के चलने के तरीके को प्रभावित कर सकता है, उदाहरण के लिए, कंधे के ब्लेड की स्थिति, और मांसपेशियां कितनी अच्छी तरह एक साथ काम करती हैं।
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सुबह खाली पेट या फिर डिनर के 1 घंटे बाद इन एक्सरसाइज़ (exercise) का अभ्यास करें। । चित्र शटरस्टॉक।
Published On: 14 Mar 2024, 04:18 pm IST
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कंधे में तनाव डेस्क पर बैठने, अधिक काम करने, तनाव और गलत पॉश्चर में सोने के कारण हो सकता है। हम अपने कंधों पर बहुत अधिक तनाव रखते हैं जिससे ये झुक जाते है या कई पॉश्चर बदलने के कारण भी ये परेशान हो सकते है। चलिए आज जानते है कि आप अपने कंधे को तनाव को कैसे दूर कर सकते है।

शोल्डर और पीठ की मांसपेशियां आपकी रीढ़ की स्थिति को प्रभावित करती हैं। पॉश्चर में बदलाव आपके शरीर के चलने के तरीके को प्रभावित कर सकता है, उदाहरण के लिए, कंधे के ब्लेड की स्थिति, और मांसपेशियां कितनी अच्छी तरह एक साथ काम करती हैं। यह सुनिश्चित करना कि आपको अपने पॉश्चर के बारे में कितना पता है, सबसे फायदेमंद चीजों में से एक है जो आपके पॉश्चर को बेहतर बनाने और अपने कंधे के तनाव को सुधारने में मदद कर सकते है।

कंधे में तनाव के क्या कारण है (Causes of shoulder strain)

1 खराब पॉश्चर (Bad Posture)

शरीर का खराब पॉश्चर बनाए रखने से, जैसे आगे की ओर झुकना, समय के साथ मांसपेशियों में असंतुलन और कंधों और पीठ के ऊपरी हिस्से की मांसपेशियों में तनाव पैदा कर सकता है।

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इन एक्सरसाइज से करें अपने कंधे मजबूत। चित्र: शटरस्टॉक

2 तनाव और एंग्जाइटी (Stress and anxiety)

इमोशनल स्ट्रेस और एंग्जाइटी कंधों सहित पूरे शरीर की मांसपेशियों में तनाव पैदा कर सकती है। तनाव के प्रति शरीर की प्राकृतिक प्रतिक्रिया में अक्सर मांसपेशियों में खिंचाव होता है, जो कंधे में तनाव पैदा कर सकता है।

3 लगातार एक ही मूवमेंट में रहना (long time in same movement)

बार-बार दोहराई जाने वाली एक्टिविटी या हरकतें करने से कंधे की मांसपेशियों पर दबाव पड़ता है, जैसे भारी वस्तुएं उठाना, लंबे समय तक कीबोर्ड पर टाइप करना, टेनिस या तैराकी जैसे खेलों में ओवरहेड मूवमेंट करना, मांसपेशियों में थकान और तनाव पैदा कर सकता है।

4 मांसपेशियों में कमजोरी या असंतुलन (Weakness in muscles)

कंधों के आसपास की मांसपेशियों में कमजोरी या असंतुलन, जैसे रोटेटर कफ की मांसपेशियां या ऊपरी पीठ और छाती की मांसपेशियां, कुछ मांसपेशियों इन्हे क्षतिग्रस्त कर सकती है, जिससे तनाव और असुविधा हो सकती है।

5 कोई चोट या ट्रॉमा (Injury or trauma)

कंधों पर पहले लगी कोई चोटें, जैसे खिंचाव, मोच, या अत्यधिक उपयोग के कारण होने वाली चोटें, मांसपेशियों में तनाव का कारण बन सकती हैं क्योंकि वे घायल क्षेत्र की रक्षा करने और कमजोरी मांसपेशियों की मदद करने का प्रयास करती है।

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स्टिफनेस और कंधे का तनाव कम करने के लिए इन 3 एक्सरसाइज का करें अभ्यास (Exercises to release shoulder tension)

1 ट्रंक रोटेशन करना

ये मोबिलिटी एक्सरसाइज आपकी पीठ की गतिशीलता को लक्षित करने के लिए बहुत अच्छी हैं, विशेष रूप से आपकी ऊपरी पीठ के लिए।

अपने घुटनों को मोड़कर और हाथों को अपने शरीर के सामने फैलाकर करवट से लेटें। धीरे-धीरे अपनी ऊपरी भुजा को अपने पीछे ले जाएं और रीढ़ की हड्डी के साथ घूमते हुए अपने ऊपरी शरीर को मोड़ें और अपने सिर को अपने हाथ पर मोड़ें। जब आप इस पॉश्चर में हों, तो आराम करने की कोशिश करें, धीरे से सांस लें और 20-30 सेकंड तक रुकें। इसे दिन में कम से कम एक बार प्रत्येक तरफ दो से तीन बार करें।

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व्यायाम करते करते हुए कंधों को भूलना नहीं चाहिए। चित्र अडोबी स्टॉक

2 कंधे के ब्लेड को सिकोड़ें

इस स्ट्रेच को करने के लिए सबसे पहले आपको एक अच्छे पॉश्चर में बैठना या खड़ा होना है। फिर अपने कंधे के ब्लेड को पीछे और नीचे दबाएं और पांच बार दोहराते हुए पांच सेकंड के लिए रुकें।

इस व्यायाम को दिन में अधिकतम पांच बार किया जा सकता है। शुरुआत में आदत डालने के लिए आप इसे दिन में दो बार कर सकते हैं। इसे आप काम करते समय अपनी कुर्सी पर बैठकर भी आराम से कर सकते हैं।

3 शोल्डर टी करना

इसके लिए, आप अपनी बाहों को पूरी तरह फैलाकर अपनी छाती के सामने एक इलास्टिक बैंड पकड़कर शुरू करें। फिर, अपने कंधे के ब्लेड को पीछे और नीचे की ओर जोड़ते हुए अपनी भुजाओं को अगल-बगल की ओर खींचें। इस स्ट्रेच को आप सप्ताह में दो या तीन बार 10 के तीन सेट के लिए कर सकते हैं।

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लेखक के बारे में
संध्या सिंह
संध्या सिंह

दिल्ली यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट संध्या सिंह महिलाओं की सेहत, फिटनेस, ब्यूटी और जीवनशैली मुद्दों की अध्येता हैं। विभिन्न विशेषज्ञों और शोध संस्थानों से संपर्क कर वे  शोधपूर्ण-तथ्यात्मक सामग्री पाठकों के लिए मुहैया करवा रहीं हैं। संध्या बॉडी पॉजिटिविटी और महिला अधिकारों की समर्थक हैं।

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