उम्र बढ़ने के साथ जहां चेहरे पर फाइन लाइंस नज़र आने लगती हैं, वहीं गर्दन का लचीलापन भी कम होने लगता है। धीरे-धीरे लचकदार गर्दन की त्वचा पतली दिखने लगती है और आसपास नेक लाइन रिंकल्स बनने लगते हैं। काम का तनाव और गर्दन को झुकाकर किया जाने वाला काम इस समस्या को बढ़ा देता है। नेकलाइंस को अवॉइड करने के लिए लाइफस्टाइल बदलाव के साथ कुछ चीजों का ख्याल रखना भी ज़रूरी है। यहां जानते हैं नेक लाइन रिंकल्स से बचने के कुछ उपाय (tips to prevent neck wrinkles)।
लाइफस्टाइल और जेनेटिक समेत कई कारणों से झुर्रियों की समस्या बढ़ जाती है। जहां कुछ लोगों की आंखों के आसपास क्रो फीट बनने लगती हैं, तो कुछ के चेहरे पर लाफ लाइंस डेवल्प होती हैं। इसके अलावा कुछ लोगों की गर्दन पर निशान बन जाते हैं। वहीं एनआईएच की रिसर्च के अनुसार स्मोकिंग और यूव रेज़ के प्रभाव से एजिंग का खतरा जल्दी बढ़ने लगता है। साथ ही वे लोग जो लंबे वक्त से एक ही पोश्चर में काम करने के आदि हैं, तो उससे भी नेक रिंकल्स की समस्या बढ़ने लगती है।
विटामिन सी त्वचा को मुलायल और लचीला बनाए रखने में मदद करता है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंटस चेहरे की त्वचा को हेल्दी बनने में मदद करते हैं। एनआईएच की एक रिसर्च के अनुसार विटामिन सी के इस्तेमाल से फ्री रेडिकल्स की समस्या को हल किया जा सकता है। यूवी रेज़ डैमेज से मुक्ति पाने के लिए 3 महीने तक लगातार विटामिन सी का प्रयोग करें। इससे झुर्रियों की समस्या को रिवर्स किया जा सकता है।
धूल, मिट्टी और सूरज की किरणों के संपर्क में आने से त्वचा पर फाइन लाइंस नज़र आने लगती है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ साल 2013 की एक रिसर्च के अनुसार एजिंग साइंस से मुक्ति पाने के लिए सनस्क्रीन को रोज़ाना चेहरे पर लगाएं। एसपीएफ 30 को दिनभर में 3 से 4 घंटे के अंतराल में चेहरे पर लगाएं। इससे चेहरे की त्वचा मुलायम बनती है और फलैक्सीबीलिटी बढ़ने लगती है।
माइश्चराइज़र के इस्तेमाल से त्वचा की लोच बरकरार रहती है। साल 2014 की एनआईएच की एक स्टडी में पाया गया कि चेहरे पर ऐसे मॉइश्चराइज़र को अप्लाई करें, जिसमें हयालूरोनिक एसिड मौजूद हो। इसके प्रयोग से गर्दन पर दिखने वाली लकीरों को नियंत्रित किया जा सकता है।
विटामिन ए से भरपूर रेटिनॉल त्वचा की लोच को बरकरार रखने में मदद करता है। इस एंटी एजिंग एजेंट को चेहरे पर लगाने से त्वचा का रूखापन कम होने लगता है। अप्लाई करने से पहले पैच टेस्ट करें और फिर शुरूआत में कम मात्रा में चेहरे पर अप्लाई करें। इससे स्किन टाइटनिंग बढ़ने लगती है।
त्वचा की लोच को बनाए रखने के लिए स्मोकिंग से बचना बेहद आवश्यक है। इसमें मौजूद निकोटिन कोलेजन की मात्रा को कम कर शरीर में आक्सीजन के स्तर को घटा देता है। इससे त्वचा पर झुर्रियां दिखने लगती हैं।
धूप में लंबे वक्त तक बिना प्रोटेक्शन के रहने से त्वचा पर दाग धब्बों के साथ झुर्रियां भी बढ़ने लगती है। प्रीमेच्योर रिंकल्स से बचने के लिए तेज़ धूप में निकलने से बचें। इससे स्किन सेल्स डैमेज होने का खतरा रहता है।
देर तक फोन का प्रयोग करने के लिए गर्दन को झुकाकर रखने की आदत नेक लाइंस की समस्या को बढ़ा सकती है। इसके लिए गर्दन को एक ही डायरेक्शन में रखने की जगह मूवमेंट पर ध्यान दें। इससे गर्दन में बढ़ने वाली स्टिफनेस कम होने लगती हैं।
दिनभर की एक्टीविटीज़ में वर्कआउट से लेकर हेल्दी मील तक हर चीज़ को समयानुसार सम्मिलित करें। कुछ देर व्यायाम करने से शरीर हेल्दी और फलेक्सीबल रहती है, जिससे शरीर लंबे वक्त तक झुर्रियों की समस्या से बचा रहता है। इससे जीवन में बढ़ने वाले स्ट्रेस से मुक्ति मिलती है और त्वचा स्वस्थ बनी रहती है।
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