गठिया , जोड़ों में दर्द का एक मूल कारण शरीर में होने वाली सूजन है। सूजन के कई कारण हो सकते हैं। पर शरीर की अंदरूनी सूजन में डाइट का एक अहम योगदान होता है। इंफ्लामेशन को संतुलित करना सिर्फ इस बात पर निर्भर नहीं करता है कि आप क्या खाते हैं, बल्कि इस पर भी निर्भर करता है कि आप कैसे खाते हैं। ऐसे कई खाद्य पदार्थ हैं जो इंफ्लेमेशन को दूर रख सकते हैं। मगर आपके खाने का तरीका उन्हें आपके लिए हेल्दी या अनहेल्दी बना सकता है। इसलिए यह एक आहार विशेषज्ञ से जानते हैं अपने हर भोजन को एंटी इंफ्लेमेटरी (Anti inflammatory diet) बनाने के टिप्स।
एंटी इंफ्लामेट्री फूड वे होते हैं जिनमें ऐसे पदार्थ होते हैं जो शरीर में सूजन को कम करने के लिए जाने जाते हैं। इनमें ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर फैटी फिश, एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर बैरिज, विटामिन और खनिजों से भरपूर हरी पत्तेदार सब्जियां, स्वस्थ वसा और फाइबर से भरपूर नट्स और सीड्स, साथ ही शक्तिशाली एंटी इंफ्लेमेटरी गुणों वाले हल्दी और अदरक जैसे मसाले होते हैं।
जैतून का तेल, टमाटर, ग्रीन टी और डार्क चॉकलेट में भी अपने कई यौगिकों के कारण सूजन-रोधी प्रभाव होते हैं। इन खाद्य पदार्थों को डाइट में शामिल करने से पुरानी सूजन को कम करने, सूजन संबंधी बीमारियों के जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है।
इस बारे में अधिक जानकारी दी डॉ. राजेश्वरी पांडा नें, डॉ. राजेश्वरी पांडा मेडिकवर अस्पताल, नवी मुंबई में पोषण और आहार विज्ञान विभाग की एचओडी है।
क्रोनिक इंफ्लामेशन से ऊतकों को नुकसान हो सकता है, और दर्द हो सकता है। इससे हृदय रोग, डायबिटीड और कैंसर जैसी पुरानी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
अनियंत्रित सूजन के परिणामस्वरूप ऑटोइम्यून डिसऑर्डर हो सकते हैं, जहां प्रतिराक्षा प्रणाली स्वस्थ ऊतकों पर हमला करती है। थकान और अस्वस्थता जैसे लक्षण जीवन की गुणवत्ता को कम कर सकते हैं।
एक्यूट इंफ्लामेशन संक्रमण से लड़ने और उपचार को बढ़ाने के लिए जरूरी है, पुरानी सूजन अगर अनुपचारित या अप्रबंधित छोड़ दी जाए तो स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण जोखिम पैदा करती है।
कब होती है एंटी इंफ्लेमेटरी डाइट की जरूरत (why you need anti inflammatory diet)
पुरानी सूजन, ऑटोइम्यून स्थितियों, या सूजन संबंधी बीमारियों जैसे गठिया, हृदय रोग और बाउल डिजीज का अनुभव करने वाले व्यक्तियों के लिए सूजन-रोधी आहार फायदेमंद है।
यह अस्थमा या एलर्जी जैसी इंफ्लामेशन से गंभीर स्थिति वाले लोगों के लिए भी फायदेमंद है। इसके अतिरिक्त, पुरानी बीमारियों के जोखिम को कम करने, या दर्द और थकान जैसे लक्षणों का प्रबंधन करने के लिए एंटी इंफ्लामेंट्री डाइट सहायक हो सकता है।
असंतुलित ब्लड शुगर को सूजन बढ़ाने वाला सबसे बड़ा कारण माना जाता है। इसका मतलब यह है कि सूजनरोधी डाइट का पालन करने के लिए, यह जरूरी है कि आप शुगर कंट्रोल करने वाला भोजन चुनें। खाना बनाते समय ही अपनी थाली को संतुलित बनाने की योजना बनाएं। एक संतुलित प्लेट में प्रोटीन, फाइबर, कार्बोहाइड्रेट और स्वस्थ वसा होता है। ये मैक्रोन्यूट्रिएंट भोजन से बढ़ने वाले ब्लड शुगर प्रतिक्रियाओं को कम करने के लिए एक साथ काम करते हैं।
भोजन के बीच बहुत देर तक अंतर रहने से या सुबह नाश्ता करने के लिए बहुत देर तक इंतजार करने से आपका ब्लड शुगर कम हो सकता है। भोजन की कमी में तनाव हार्मोन कोर्टिसोल रिलीज होता है। यह हमारे लीवर में संग्रहीत ऊर्जा से अधिक रक्त शर्करा एकत्रित करता है, जिससे हमारा ब्लड शुगर बढ़ जाता है, और इससे पहले कि हम इसे जानें, हम तनाव सूजन का कारण बन सकता है।
खाने के शेड्यूल पर हमेशा टिके रहने की पूरी कोशिश करें। हमारा शरीर हर दिन लगभग एक ही समय पर खाना पसंद करता है, इसलिए अपने शेड्यूल के एक घंटे के भीतर भोजन करने का लक्ष्य रखें जो सुजन को कम करने के लिए बहुत जरूरी है।
आप जो भोजन खाते हैं वह आपके पेट के माइक्रोबायोम को पोषण देता है। उनमें जितनी अधिक विविधता होगी, उतना ही अधिक वे एक विविध, पोषित माइक्रोबियल वातावरण बनाने में मदद करेंगे। इससे आपकी गट शॉर्ट-चेन फैटी एसिड जैसे शक्तिशाली सूजन-रोधी यौगिकों का उत्पादन करेगी जो शरीर और मस्तिष्क दोनों में सूजन को शांत करती है।
गाजर, चुकंदर, शकरकंद, आलू, चना और दाल जैसे स्टार्चयुक्त प्लांट बेस्ड कार्बोहाइड्रेट खाएं। ये माइक्रोबायोम के लिए एक पसंदीदा खाद्य स्रोत हैं, और वे इसे अधिक सूजनरोधी उत्पाद उत्पन्न करने में मदद करते है। ये स्टार्चयुक्त पौधे फाइबर से भरपूर होते हैं, इसलिए ये ब्लड शुगर को संतुलित करने में मदद करते हैं। इसमें मौजूद कार्ब्स काफी धीमी गति से पचते है जो तनाव हार्मोन कोर्टिसोल कम करते है।
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