आयुर्वेद प्राचीन भारतीय औषधीय प्रणाली है। आयुर्वेद तीन दोषों-वात, पित्त और कफ पर मुख्य रूप से काम करता है। यह उपचार समग्र शरीर पर असर करता है। यह न केवल बीमारी का इलाज करता है, बल्कि शरीर को सुरक्षा भी प्रदान करता है। आयुर्वेद एक्सपर्ट के अनुसार, प्रत्येक व्यक्ति के अपने-अपने दोष होते हैं, जिन पर हर्ब काम करते हैं। 5 पावरफुल आयुर्वेदिक हर्ब (Powerful Ayurvedic Herbs) को डाइट में जरूर शामिल करना चाहिए। इससे कई रोगों से बचाव होता है और शरीर स्वस्थ रहता है।
आयुर्वेद एक्सपर्ट डॉ. नीतू भट्ट कहती हैं, ‘आयुर्वेदिक जड़ी बूटी आयुर्वेदिक चिकित्सा प्रणाली का एक अभिन्न अंग है। इन जड़ी-बूटियों का उपयोग बीमारियों के इलाज के अलावा, मेंटल हेल्थ मजबूत करने (Ayurvedic Herbs for Mental Health) प्रतिरक्षा को बढ़ावा देने(Ayurvedic Herbs for Immune System), स्वस्थ त्वचा ((Ayurvedic Herbs for Healthy Skin), बालों (Ayurvedic Herbs for Hair and Scalp) के लिए किया जाता है। इसके लिए पत्तियों, जड़ों, फूलों, छाल का उपयोग किया जाता है।
अश्वगंधा एक पारंपरिक आयुर्वेदिक औषधि है, जिसका उपयोग कई स्वास्थ्य समस्याओं के लिए किया जाता है। इसे इंडियन जिनसेंग (Indian Ginseng) या विंटर चेरी (Winter Cherry) भी कहा जाता है। यह सेक्सुअल हेल्थ और तंत्रिका तंत्र को पोषण देकर ताकतवर बनाता है। यह प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है। यह तनाव कम कर शरीर को शांत करता है। नींद के पैटर्न में सुधार कर मेमोरी पॉवर बढ़ाता है। वजन नियंत्रित कर हृदय स्वास्थ्य में सुधार करता है।
कैसे करें प्रयोग
अश्वगंधा का सेवन पाउडर, टैबलेट या अर्क के रूप में किया जा सकता है। इसे भोजन के साथ या भोजन के पहले किसी भी समय ले सकती हैं।
ब्राह्मी का उपयोग विशेष रूप से तंत्रिका संबंधी विकारों के इलाज के लिए किया जाता है। इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं। याददाश्त, एकाग्रता और बुद्धि बढ़ाता है। तनाव और अवसाद को कम कर मन को शांत करता है। यह तंत्रिका तंत्र की कार्यप्रणाली में सुधार करता है। यह ब्रेन के लिए टॉनिक का काम करता है। ब्लड प्यूरीफायर के रूप में कार्य करता है। यह स्किन और बाल के लिए भी फायदेमंद है।
कैसे करें प्रयोग
घी या शहद के साथ मिलाकर इसकी काफी कम मात्रा ली जाती है। इसकी पत्तियों को उबालकर भी लिया जाता है। दूध के साथ लंच के पहले या बाद में लिया जा सकता है।
शतावरी को जड़ी-बूटियों की रानी (Herb Queen) भी कहा जाता है। इसमें सैपोनिन मौजूद होता है। इसके कारण इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं। यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने और महिला प्रजनन प्रणाली के लिए फायदेमंद होता है। यह रोगप्रतिरोधक शक्ति बढ़ाता है। सूजन को कम कर प्रजनन प्रणाली गतिविधि में सुधार करता है। पाचन तंत्र के लिए यह बढ़िया है। सांस संबंधी लक्षणों को कम करने में प्रभावी है। ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल करता है। स्किन एजिंग को रोकता है।
कैसे करें प्रयोग
शतावरी पाउडर को पानी, दूध या जूस के साथ मिला कर लिया जा सकता है। इसे स्मूदी में भी मिलाया जा सकता है। शतावरी की गोली को खाली पेट या भोजन के एक घंटे पहले लिया जा सकता है।
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कस्टमाइज़ करेंनीम का उपयोग विभिन्न विकारों के लिए किया जाता है। आयुर्वेद के लगभग 75% फॉर्मूलेशन में इसका उपयोग किया जाता है। नीम में एंटीसेप्टिक, एंटी-माइक्रोबियल और एंटीफंगल गुण होते हैं। ब्लड प्यूरीफायर है। यह शरीर से टोक्सिन को बाहर निकलता है। यह पिम्पल, एक्जिमा और त्वचा रोगों का इलाज करता है। ओरल हेल्थ, हेयर केयर के लिए नीम बढ़िया है।
कैसे करें प्रयोग
खाली पेट नीम की 4-5 पत्तियां लें। कड़वा स्वाद कम करने के लिए नीम की पत्तियों को शहद के साथ मिला कर लिया जा सकता है। पानी में नीम की पत्तियों को उबालकर खाली पेट पीया जा सकता है। नीम की पत्तियों के पेस्ट को बालों और स्किन पर लगाया जा सकता है।
मंजिष्ठा बेहतरीन ब्लड और लिम्फ शोधक है। यह प्रतिरक्षा प्रणाली को बेहतर बनाता है। यह लीवर, किडनी और त्वचा को साफ करने के लिए प्रभावी है। यह पिम्पल, एलर्जी को खत्म करता है। याददाश्त और सीखने की क्षमता बढ़ाता है।
कैसे करें प्रयोग
दोपहर और रात का खाना खाने के बाद शहद या पानी के साथ आधा स्पून मंजिष्ठा चूर्ण लिया जा सकता है। खाने के बाद मंजिष्ठा कैप्सूल भी लिया जा सकता है।
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