हाइपरटेंशन यानी कि हाई ब्लड प्रेशर की समस्या बेहद आम होती जा रही है। इसके लिए कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं। अत्यधिक तनाव, खराब जीवन शैली, खाने को लेकर लापरवाही और अपने शरीर को अनसुना करना। हाई ब्लड प्रेशर आपके सामान्य जीवन को मुश्किल कर सकता है। यदि इसे समय रहते कंट्रोल न किया जाए, तो यह किडनी, हार्ट और ब्रेन के स्वास्थ्य के लिए घातक हो सकता है।
वोकहार्ड्थ हॉस्पिटल, मीरा रोड मुंबई के इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट कंसल्टेंट डॉक्टर चेतन भंबूरे कहते हैं, “एक हेल्दी लाइफस्टाइल मेंटेन कर हाइपरटेंशन के खतरे को कम किया जा सकता है। परंतु यदि आप हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित हैं, तो आपको अपने खानपान और डेली रुटीन में ज्यादा सतर्क होने की जरूरत है। इसके लिए जरूरी है कि आप हाइपरटेंशन और उससे जुड़े जोखिमों के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानें। ”
हर साल 17 मई को नेशनल हाइपरटेंशन डे के रूप में मनाया जाता है। इस वर्ष ह्यपरटेंशन डे का थीम “अपने रक्तचाप को सटीक रूप से मापें, इसे नियंत्रित करें, लंबे समय तक जीवित रहें” रखा गया है। हाई ब्लड प्रेशर (बीपी) और इससे जुड़ी अन्य समस्याओं के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए 2005 में वर्ल्ड ह्यपरटेंशन लीग द्वारा विश्व उच्च रक्तचाप दिवस की शुरुआत की गई थी।
इस दिन अलग-अलग संस्था हॉस्पिटल कॉलेजेज में ब्लड प्रेशर की मुक्त जांच की जाती है। वहीं अन्य तरह की गतिविधियों के माध्यम से लोगों के प्रति हाई ब्लड प्रेशर से होने वाली गंभीरता तथा इसे मैनेज करने के तरीके से जुड़ी जानकारी प्रदान करने की कोशिश की जाती है।
लगभग 10 में से 1 मामले में, हाई ब्लड प्रेशर किसी स्वास्थ्य स्थिति या किसी निश्चित दवा लेने के परिणामस्वरूप होता है।
किडनी डिजीज
डायबिटीज
लंबे समय तक किडनी इन्फेक्शन होना
स्लीप एपनिया
ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस – किडनी के अंदर छोटे फिल्टर को नुकसान होना
किडनी को आपूर्ति करने वाली आर्टरीज का सिकुड़ना
हार्मोन संबंधी समस्याएं जैसे कम सक्रिय थायरॉयड, अतिसक्रिय थायरॉयड, क्रशिंग सिंड्रोम, एक्रोमेगाली, हार्मोन एल्डोस्टेरोन का बढ़ा हुआ स्तर (हाइपरल्डोस्टेरोनिज़्म), और फियोक्रोमोसाइटोमा
ल्यूपस – एक ऐसी स्थिति जिसमें प्रतिरक्षा प्रणाली शरीर के कुछ हिस्सों, जैसे त्वचा, जॉइंट और अंगों पर हमला करती है।
स्क्लेरोडर्मा – एक ऐसी स्थिति जो मोटी त्वचा का कारण बनती है, और कभी-कभी ऑर्गन और ब्लड वेसल्स में समस्याएं पैदा करती है।
कंट्रेसेप्टिव पिल्स
स्टेरॉयड
नॉन-स्टेरायडल एंटी इन्फ्लेमेटरी पिल्स (एनएसएआईडी)
खांसी और सर्दी के उपचार में दी जाने वाली दवाइयां
कुछ हर्बल उपचार – विशेष रूप से मुलेठी युक्त।
कुछ मनोरंजक दवाएं – जैसे कोकीन और एम्फ़ैटेमिन।
कुछ सलेक्टिव सेरोटोनिन-नॉरएड्रेनालाईन रीपटेक इनहिबिटर (एसएसएनआरआई) एंटीडिप्रेसेंट – जैसे वेनालाफैक्सिन
इन मामलों में, दवा या ड्रग लेना बंद करने पर आपका ब्लड प्रेशर सामान्य हो सकता है।
अधिक वजन होना
बहुत अधिक नमक का सेवन और पर्याप्त फल और सब्जियां न खाना
फिजिकली एक्टिव न रहना
बहुत अधिक शराब या कॉफ़ी (या अन्य कैफीन-आधारित ड्रिंक) लेना
स्मोकिंग
अधिक तनाव में होना
65 से अधिक उम्र के व्यक्ति
परिवार में हाई ब्लड प्रेशर की हिस्ट्री
जीवनशैली में स्वस्थ परिवर्तन करने से हाई ब्लड प्रेशर के खतरे को कम करने में मदद मिल सकती है और यदि ब्लड प्रेशर पहले से ही हाई है, तो ये उसे भी कम करने में मदद करेगा।
हाई ब्लड प्रेशर आमतौर पर “180/120” के माप से अधिक होने पर होता है। 18-39 आयु वर्ग के पुरुषों का हेल्दी ब्लड प्रेशर 119/70 मिमी एचजी और महिलाओं का 110/68 मिमी एचजी है। 40-56 वर्ष की आयु के पुरुषों का स्वस्थ ब्लड प्रेशर का माप 124/77 मिमी एचजी और महिलाओं का 122/74 मिमी एचजी होता है। 60+ उम्र के पुरुषों के लिए स्वस्थ रक्तचाप 133/69 मिमी एचजी और महिलाओं का 139/68 मिमी एचजी है।
हाई ब्लड प्रेशर वाले अधिकांश लोगों को कोई लक्षण महसूस नहीं होते। ब्लड प्रेशर हाई होने के कारण सिरदर्द, धुंधली दृष्टि, सीने में दर्द और अन्य लक्षण नजर आ सकते हैं।
ब्लड प्रेशर की नियमित जांच करवाने से इसके माप का अंदाजा रहता है। यदि उच्च रक्तचाप का इलाज नहीं किया जाता है, तो यह किडनी रोग, हृदय रोग और स्ट्रोक जैसी अन्य स्वास्थ्य स्थितियों का कारण बन सकता है। इससे पीड़ित लोग निम्नलिखित लक्षणों का अनुभव कर सकते हैं:
गंभीर सिरदर्द
छाती में दर्द
चक्कर आना
सांस लेने में दिक्क्त आना
जी मिचलाना
उल्टी आना
धुंधली दृष्टि या अन्य दृष्टि परिवर्तन
चिंता
भ्रम
कानों में गूंजना
नाक से खून आना
असामान्य हार्टबीट
यदि आप इनमें से किसी भी लक्षण का अनुभव कर रही हैं, तो इस पर फौरन ध्यान दें।
डॉ चेतन ने हाइपरटेंशन से पीड़ित मरीजों में इसे मैनेज करने के लिए कुछ जरूरी और प्रभावित टिप्स सुझाए हैं। तो चलिए जानते हैं, आखिर इन्हे किस तरह कंट्रोल किया जा सकता है।
हरी पत्तेदार सब्जियां सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होती हैं, परंतु कुछ सब्जियां ऐसी भी हैं, जिनमें पर्याप्त मात्रा में साल्ट पाया जाता है और यह आपके ब्लड प्रेशर को बढ़ा सकती हैं। इसके अलावा बाजार में मिलने वाले पैकेज्ड फूड आइटम, कैंड सूप आदि में भरपूर मात्रा में साल्ट एड किया जाता है, जिससे कि इनमें सोडियम की मात्रा अधिक होती है। जो आपके ब्लड प्रेशर को बढ़ा सकती हैं। वहीं अचार, ब्रेड, प्रोसेस्ड मीट, चीज आदि से भी परहेज करने का प्रयास करें।
अधिक मात्रा में शराब का सेवन या नियमित रूप से स्मोकिंग की आदत ब्लड प्रेशर को बढ़ा देती हैं, जिसकी वजह से हाइपरटेंशन का खतरा बढ़ जाता है। यदि आपको हाई ब्लड प्रेशर नहीं है, तो इसके खतरे को कम करने के लिए शराब और सिगरेट से परहेज करें। वहीं यदि आप हाई ब्लड प्रेशर के मरीज हैं, तो किसी भी हालत में इन चीजों से दूरी बनाए रखें, अन्यथा यह आपकी स्थिति को खराब कर सकते हैं।
यदि आप हाई ब्लड प्रेशर के मरीज हैं तो आपके लिए शारीरिक रूप से सक्रिय रहना बहुत जरूरी है। हालांकि, यह एक हेल्दी प्रैक्टिस है और सभी को एक्सरसाइज करना चाहिए। ब्लड प्रेशर के मरीजों को अन्य खतरों को अवॉइड करने के लिए प्रतिदिन कम से कम 20 से 30 मिनट शारीरिक गतिविधियों में भाग लेने की सलाह दी जाती है।
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यह बिल्कुल भी जरूरी नहीं कि आपको जिम जाकर हाई इंटेंस वर्कआउट करना है, आप घर पर अपने पसंदीदा गतिविधियों में भी पार्टिसिपेट कर खुद की बॉडी को फिट रख सकते हैं। फिजिकल एक्टिविटी बॉडी में ब्लड सर्कुलेशन को मैनेज करती है, जिससे कि ब्लड प्रेशर सामान्य रहता है।
यदि आप ब्लड प्रेशर के मरीज हैं, तो आपको अपने स्ट्रेस लेवल और एंगर इश्यूज पर ध्यान देने की आवश्यकता होती है। लंबे समय से चला आ रहा तनाव आपको समय के साथ हाइपरटेंशन का शिकार बन सकता है। वहीं यदि आपको पहले से हाइपरटेंशन है, तो अधिक तनाव और गुस्सा आपकी स्थिति को ट्रिगर कर सकता है और आपका ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है।
ऐसे में रिलैक्सिंग टेक्निक्स जैसे कि मेडिटेशन और योग में भाग लें। योग बॉडी में ब्लड सर्कुलेशन को भी सामान्य रहने में मदद करता है। इसके साथ ही नियमित रूप से पर्याप्त नींद प्राप्त करें और खुद को शांत रखने के लिए अपनी पसंदीदा गतिविधियों में भाग लें। यह सभी चीजें स्ट्रेस बैलेंस करने में आपकी मदद करेंगी।
पिस्ता एक ऐसा खास सुपरफूड है, जो ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखने में आपकी मदद कर सकता है। इसमें पर्याप्त मात्रा में पोटेशियम पाया जाता है, और एक्सपर्ट के अनुसार हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में पोटेशियम का एक बड़ा महत्व है। कद्दू के बीज में पोटेशियम, मैग्नीशियम और अमीनो एसिड जैसे खास पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो नाइट्रिक ऑक्साइड प्रोडक्शन को बढ़ावा देते हैं। नाइट्रिक ऑक्साइड ब्लड वेसल्स को आराम पहुंचाते हैं और हाइपरटेंशन के खतरे को कम करते हैं।
ब्रोकली ब्लड वेसल्स को स्वस्थ रखने में फायदेमंद होते हैं। साथ ही इसमें मौजूद फ्लेवोनॉयड और एंटीऑक्सीडेंट ब्लड वेसल्स के फंक्शन को इंप्रूव करती हैं। योगर्ट में कैल्शियम और पोटेशियम की भरपूर मात्रा पाई जाती है, यह पोषक तत्व ब्लड प्रेशर को रेगुलेट करने के लिए फायदेमंद माने जाते हैं।
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